पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/१२३

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१२२ ईषवित-ईसा ईषविकृत (सं.वि.) अल्पोद्घाटित, थोड़ा खुला।। इसरगोल, इसबगोल देखो। ईसवी (अ.वि.) खुष्ट-सम्बन्धीय, ईसाके मुतालिक । ईवद्दोजा (स. स्त्री०) विहीदानेका पेड़। (पु.) २ खुष्टीय संवत्, ईसाका सन्। यह सवत् ईषना (हिं.) एषण देखो। ईसा मसीहके जन्मसे प्रारम्भ हुआ है। पहली ईषवाद (सं० वि०) अल्प शब्दकर, खफीफ अवाज़ | जनवरीसे इसकी गणना की जाती है। ईसवीमें निकालनेवाला। यह शब्द आकाङ्क्षारहित मृदु। व्यञ्जनवर्णका विशेषण है। ३६५ दिन होते हैं। जिस वर्ष यह सन चार संख्यासे ईषत्रिमय (सं० वि०) अल्पार्थ परिवर्तित, खफीफके पूर्ण रीतिपर कटता, उस वर्ष मलमास पड़ता अर्थात् लिये बदला हुआ। फरवरीमें एक दिन बढ़ता है। ईषलाभ, ईषत्प्रलम्भ देखो। ईसा (अ० पु.) यीशूखष्ट, ईसा मसीह । (Jesus ईषा (सं० स्त्री०) ई-क-टाप। १ लाङ्गलदण्ड, Christ) ईसाई-धर्म-प्रवर्तक एक साधु। ईसाई धर्मावलम्बी इन्हें जगतका वाणकर्ता (Savior ), हल या गाडीका डण्डा, हरीस। ईश्वरका पुत्र ( the Son of God ) और वित्व ईषादण्ड (सपु०) लाङ्गलमुष्टि, हलका हत्था । ईषादन्त (सं० पु०) ईषा इव दन्तोऽस्य, बहुव्री। ( Trinity )का एकाङ्ग मानकर पूजते हैं। बाइबिल दीर्घ-दन्त-गज, लम्बे दांतका हाथी। ग्रन्यके 'आदिभाग में विश्वासकारी यहूदी बताते हैं, ईषाधार (स• पु०) १ लाङ्गल रथ प्रभृति, हल | मसीहा वा 'विखनाता' अवतौण होंगे। किन्तु ईसाका गाड़ी वगैरह। २ एक नागका नाम । अवतारव वे सर्वतोभावसे स्वीकार नहीं करते। ईषिका (सं० स्त्री०) दष-दुकन्-आप। १ गजाक्षि- इस विषयपर ईसायियों और यहूदियों में बड़ा वाद- गोलक, हाथोकी अांखका ढेला। २ तुलिका, | प्रतिवाद हुआ था। ईसायियोंको मनोषिमण्डलीने मुसब्बरको कूची। ३ एकप्रकार अस्त्र, किसी किस्मका ईसाका देवत्व एवं अवतारत्व अनेक तर्क तथा युक्ति हथियार। ४ काशण, कांस । ५ अक्षिकूट, आंखका द्वारा प्रमाणित किया। हम बाइबिल ग्रन्थको इस्लील ढेला। या नव संहिता ( New Testament)से ईसाई-जगत्में ईषिकास्त्र (स क्लो०) अस्त्रविशेष, एक हथियार। पूज्य इन अद्वितीय महापुरुषको एक क्षुद्र जीवनी- "ईषिकास्त्र समुत्सृज्य पक्षच्छेदं वाधादयम् ।" (नकुलकृत पश्चचिकित्सा) | मात्र सङ्कलन करते हैं,-. ईषिर (सं० पु०) ईष्-किरच । अग्नि, आग। राजा हेरोदके राजत्वकालमें युदिया राज्यान्तर्गत ईषीका (सं. स्त्री०) १वोरणादि शलाका । २ अन्तर बेथलेहेम (Bethlehem) नगरमें ईसाने जन्म लिया प्रविष्ट मूर्ति, अन्दर पहुंची हुयी सूरत । ३ निमज्जन- | था। सेण्ट मथौ (Mathew)-लिखित सुसमाचारके १म शलाका, डुबानेको सौक। इसे तैजसावर्तिनी (कुठालो) | अध्याय पर इब्राहीम और दाऊद ( David )के वशमें में डालकर देखते हैं-धातु गला है या नहीं।। इनके पिता यूसुफके जन्म लेनेको कथा लिखी है। ४ चित्रकारको आर्षिणी, मुसब्बरकी कूची। किन्तु सेण्ट लकके ३य अध्यायमें आदमसे यूसुफको ईम (सं० पु०) ईष्-मक्। इषुयुधोत्यादि। उण् १।१४४ । वंशलता कल्पित है। उक्त दोनो स्थलोंमें दाऊदसे १ कामदेव। २ वसन्त ऋतु, मौसम-बहार। यूसुफकी वंशावलीका गड़बड़ देखकर धर्मग्रन्थ के ईव (सं० पु.) आचार्य, उपाध्याय, मजहबी टीकाकारोंने विभिन्न सिद्धान्त द्वारा उसके निराकरण तालीम देनेवाला उस्ताद। .. . पर प्रयास उठाया है। ईस (हिं• पु०) ईखर, खुदा। महात्मा मथी ईसाका जन्मवृत्तान्त अत्यन्त रहस्य- ... “नाम-रूप दुइ ईस उपाधौ।” ( तुलसी) पूर्ण बताते हैं। इनकी माता मेरीका विवाह जब ईसबगोल, इसबगोल देखो। ..... । यूसुफसे हुआ, तब उनके गर्भ रहा। उभयका सहवास