पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/१४६

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ईसाई १४५ हो विपक्षवादीगणके वंसमें लगे। साकसनीराज। सन्धि करना पड़ी। सम्राट्ने प्रतिज्ञा की थी- ( Elector of Saxony ) और इसके सामन्तराजने | रोमक और प्रोटेष्टाण्ट-समाज हमारे प्रासादमें सम- ( Landgrave of Hesse) ससैन्य बावरियामें पहुंच | भावसे गृहीत होंगे। अतःपर ब्राडनबर्गके सामन्त- सम्राट्का शिविर मारा था । नरके रक्तसे रणक्षेत्र ड्रबा।। राजकुमार पालबर्टने रोमक-समाजसे युद्धको ठानी। उधर साकसनौके छक मरिस विश्वासघातकतासे खुन- उनके अत्याचारसे जर्मन राज्यमें हाहाकार उठा था। तातका राज्य दबा बैठे थे। इसीसे साकसनीराजको सैकड़ों रोमन काथोलिकोंका प्राण निकला। स्वराज्यके अभिमुख घमना पड़ा। राहमें मरिससे ऐसा नहीं, कि केवल उस समय जर्मन राज्यमेंही हारनेपर वे पकड़े गये थे। दुत्त मरिस साकसनीके | रक्तका स्रोत बहा था। किन्तु इलेण्ड प्रदेशमें उधर अधिपति (Elector of Saxony) बने । उनके चातुरी प्रोटेष्टाण्टों पर भी प्रभावनीय अत्याचार हुआ। उस जालमें पड़ इसके सामन्तराज भी बंधे थे। इस प्रकार समय पोपभक्त स्पेनियार्ड हलेण्डके अधिपति रहे। शठको छलनासे प्रोटेष्टाण्ट समाजके दो अधिनेता सुनते हैं, उनके कठोर निर्यातनसे लक्षाधिक प्रोटे- निग्रहीत हुये। फिर अगस बर्गमें सभा लगी थी। ष्टाण्टोंने अकाल ही कालके कवलमें जीवन विसर्जन सम्राट्ने आदेश सुनाया-प्रोटेष्टाण्टोंको आगामी दिया। असह्य यन्त्रणासे घबरा हलेण्डवासी युद्दमें डट ट्रेण्टको महासभापर निर्भर होना पड़ेगा। उस समय गये। उससे हलेण्ड़के अनेक स्थान फिर स्वाधीन हुये थे। सभाको चारो ओर सम्राटके सिपाही खड़े थे। अनेक १५५५ ई०के सितम्बर मासको २५वों तारीखको संभ्रान्त प्रोटेष्टाण्टोंने अपमान और अत्याचारके जर्मन-सम्राट्ने राज्योंपर शान्ति रखनेलिये अक्सबम- भयसे सम्राटका आदेश मान लिया। किन्तु थोड़े ही में फिर महासभा लगायो। सभामें स्थिर हुआ था- दिन पोछे जर्मन राज्यमें महामारी फैल गई। इसीसे 'प्रजावर्ग में जिसे जिसपर विश्वास रहे,वह उसी समाजसे सम्राटका आदेश कार्यकर न हुआ। मिल सकेगा। प्रोटेष्टाण्टोंके साथ रोमक काथोलिकोंका १५५१ ई० में फिर सभा लगो ! सम्राट्ने बलपूर्वक | कोई संसव न रहेगा। आजसे पोपके कर्मचारी प्रोटेष्टा- जर्मनराजगणको ट्रेण्टको सभामें जानेके लिये कहा। ण्टोंसे कोई बात कह न सकेंगे।' इतने दिन पोछे निवि- सभामें मरिस ने प्रस्ताव किया था,-ट्रेण्टको महा वाद जमन-राज्यमें लथरका संस्कार (Reformation) सभामें पोप स्वयं किंवा अपने प्रतिनिधिरूपसे पान चल पड़ा। इसी समय इलेण्डमें भी संस्कारक पर सकेंगे। समाजसंस्कारको पहली निष्पत्ति प्रोटेष्टाण्ट दारुण अत्याचार होता था। रोमकसमाजके किये धर्माध्यापकगणके सामने फिर देखी जायेगी। सभा विषम अत्याचारोंको कथा सुन अश्रु निकल पड़ते हैं। उखड़ने पर प्रोटेष्टाण्ट आत्मरक्षाके लिये कमर बहुत काल पहले विक्लिकने प्राण त्याग किया था। कसने लगे। मैलङ्कथन प्रभृति प्रोटेष्टाण्टपण्डित व व मृत्य के ४४ वर्ष पौंछ कबरसे उन्हीं प्रथम संस्कारककी धर्मनैतिक मत और विश्वास लिखनेपर सबद्ध हुये। कई अस्थियां उठाकर गोमयकुण्ड में जलाई गई। साक सनीराज मरिस ने सुना था,-जर्मन-सम्राट म हेनरोके राजत्वकालमें भी कई प्रोटेष्टाण्ट- जमनीके राजन्यवर्गको स्वाधीनता छीननेकी चेष्टा पण्डित हुताशनमें दग्ध हुये थे। फिर मेरोके इङ्ग- कर रहे हैं। उन्होंने इसके प्रतिविधान पर गुप्तभावसे लेण्डको अधोखरी बननेसे भी प्रोटेष्टाण्टोंका उत्पीड़न दूत भेज राजगणको उभारा। फान्सके राजाने भी कुछ कम न हुआ! १५६५ ई०को इङ्गलेण्डेश्वरीके साथ दिया था। १५५२ ई०को मिलित सैन्यदलने आदेशसे प्रायः शताधिक प्रोटेष्टाण्ट अनलमें जल मरे, अकस्मात् इन्सप्रक नगरमें प्रबल वेगसे सम्राटपर बालक और रमणीगण भी बचाये न बचे। नौल आक्रमण मारा। सम्राटको पूर्वसे विन्दुविसर्ग विदित साहबने अपने इतिहास में लिखा है,-'इसवर्षके अत्या- न रहा, सुतरां अकस्मात् . आक्रमणपर हतबुद्धि हो चारको कथा अधिक क्या लिखें ! कई शत अबला __Vol III. 37