१५० उचना---उकलैद उंचना (हिं.क्रि.) उदञ्चन करना, ऊपर उठाकर । उकठना (हिं. क्रि०) शुष्क होना, सूखना। खींचना, अदवान तानना। उकठा (हिं.क्रि.) शुष्क, सूखा, जो लगा न हो। उंचनाव (हिं. पु०) वस्त्रविशेष, एक कपड़ा। उकठापन (हिं. पु०) शुष्क हो जानेका भाव, यह एक प्रकारका चारखाना होता है। सूखनेको हालत। उचाई (हिं० स्त्री०) १ उच्चता, बुलन्दी। २ विशि- उकड़ (हिं. पु०) मुद्रा विशेष, एक बैठक । इसमें टता, बड़ाई। घुटने मुड़ कर तलके भूमिपर जम और चूतड़ एड़ि- उचान (पु.) उचाई देखो। योंसे लग जाते हैं। . उचाना (हिं.क्रि.) उच्च बनाना, बुलन्दी बख्शना, उकडं बठना (हिं. क्रि०) घुटने ऊपर उठाकर ऊंचा करना। एड़ियोंके बल बैठना। उंचाव (पु.) उचाई देखो। “काला डालू लाल निकाल उकडं बैठ पटापट मारू।" ( कूटप्रश्र ) उंचास, उचाई और उनचास देखी। उकत (हिं०) उक्ति देखो। उचौनी (हिं. स्त्री०) १भावी, होनेदार । २ प्रहार, मार। उकताना (हिं० कि०) १वृणा करना, थक जाना, उंदरौं (हिं० स्त्री०) गञ्ज, बालखोरा । जब उठना। २ सन्तुष्ट होना, आसूदगी आना, छक उंदरू (हिं० ) कुन्दुरु देखो। जाना। ३ विह्वल होना, घबरा जाना। उह (हिं० अव्य० ) १ नहौं ! दूर हो! २. दुःख ! उकताव (हिं० पु०) घृणा, टप्ति, विह्वलता, नफरत, अफ़सोस! हाय! असूदगो, घबराहट। उपना (हिं०) उदय होना, निकलना। उकति (हिं.) उक्ति देखो। उआई (हिं० स्त्रो०) उदय, निकाल। उकनाह (स• पु०) पोत-रत-वर्ण घोटक, पोला- उआना (हिं० क्रि०) १ उदय करना, जगाना। लाल घोड़ा। २ प्रहराथें उद्यत होना, मारनेको उठना। उकलक्षेत्र-बदाय जिलेके अन्तर्गत सोरोंका एक उऋण (हिं. वि०) ऋण न रखनेवाला, जो कर्ज प्राचीन नगर। दे चुका हो। “नतु एहि काटि कुटार कठोर । उकलना (हिं.क्रि.) पृथक् पड़ना, अलग होना, गुरुहि उऋण होतेउ श्रम थोरे।” ( तुलसौ) तह छोड़ना, उधेड़में आना। उकचन (हिं. पु.) मुचुकुन्द पुष्य, मुचकुन्दका फल। उकलवाना (हिं क्रि०) पृथक कराना, तह छुड़- 'उकचना (हिं. क्रि०) १निकल जाना, हटना। वाना, उधड़वाना। २ उचर पड़ना, पत छोड़ना। ३ भागना, दूर होना। उकलाई. (हिं. स्त्री० ) वमन, के, मिचलाई। उकटना (हिं.क्रि.) १उखाड़ना, तोड़ डालना। उकलाना (हिं० क्रि०) १ उकताना, घबराना। २ भेद लेना, पूछना। ३ अन्वेषण करना, | २ थान्त होना, थकना। ३ अशान्त पड़ना, बेचैन ४ स्मरण दिलाना, याद कराना। ५ अपमान करना, होना। ४ रोगग्रस्त बोध होना, बीमार मालूम गाली देना। ६ लुण्ठन करना, डाका डालमा, लटना। पड़ना। ५ वमन करना, ओंकना। उकटा (हिं. वि.) १ क्वतका, पुनः पुनः स्मरण उकलेसरी (हिं.वि.) उकलेसरसे सम्बन्ध रखने- दिलानेवाला, जो दूसरेको किसी एहसानको याद वाला, उकलेसरका बना हुआ। उकलेसर दक्षिणमें कराता हो। “नकटेको खाये, उकटेकौ न खाये।” (लोकोक्ति ) | विद्यमान है। जो कागज़ उक्त स्थानपर बनता है, वह २ तुच्छ, कमौना, हलका। विगत विषयका भी उकलेसरी ही बजता है। पुनः पुनः सविस्तर प्रकाश उकटा-पुराण या उकटा- उकलैद ( Euclid )-ई०से पहले तीय शताब्दके पेची कहाता है। | एक यमानी गणितन्न। इनके जन्म-मृत्यु, मातापिता,
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