पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/१६७

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उच्छ यण-उछ उदय, सितारे वगैरहका नमूद । ७ त्रिकोण का भरोसा रखनेवाला। (क्लो० ) ७ उच्छास, इंफो। . उच्छित पाव, मुसल्लसका खड़ा बाज। ८ कम्पन, कंपकंपी। ८ स्फुरण, शिगुफ्ती। उच्छ्रयण (सं० लो०) उत्-धि करणे त्य ट् । १ उन्नति, उच्छास (सं० पु०) उत्-श्वस्-धज । १ अन्तर्मुख- तरक्की, उठान। (त्रि०) उत्-थि कर्तरि ल्य। श्वास, अन्दरको खोंची हुई दम । २ आखास, भरोसा। २ उत्कृष्ट, उमदा, बढ़िया। ३ विश्लेष, कुटकारा । ४ विकाश, शिगुफ तगी। ___ "उड्यणानि उत्कष्टानि ।” ( आश्चलायनग्टह्यत्ति ४।) ५ स्फोति, सूजन। ६ आकाङ्क्षा, खाहिश। ७ छिद्र, उच्छ्रयोपेत (स त्रि०) उच्च, बुलन्द, ऊंचा। सूराक । ८ प्राणन, ज़िन्दगी। ८ अध्याय, बाब। उच्छ्राय (सं० पु०) उत-शि-धज। उदिश्वयतिथौति- उच्छासित (सं• त्रि.) १ प्राणहीन, बेदम, जो सांस पूटुवः पा ॥३४॥ १ उच्चता, बलन्दी, उचाई। २ उन्नति, न लेता हो। २ अधिक, ज्यादा। ३ मुक्त, छटा तरक्की, बढ़ती। हुचा। ४ विभक्त, बंटा हुअा। ५ असंयुक्त, जो मिला उच्छ्रायिन् (सं०नि०) उन्नत, ऊंचा, उभरा हुआ। न हो । उच्छ्रायो (सं० स्त्री०) फलक, तखू ता, पटरा। टरा उच्छासिन् (स. त्रि.) उत्-श्वम्-णिनि। १ ऊर्ध्व- उच्छित (सं० त्रि.) उत्-शि-क्त। १ उन्नत, उठा श्वासयुक्त, हांफनेवाला। २ उद्गत, उठा हुआ। हुआ। २ सञ्जात, पैदा। ३ प्रवद्ध, बढ़ा हुआ। ३ खास लेनेवाला, जो दम खोंच रहा हो। ४ मरता ४ त्यक्ता, छोड़ा हुआ। (पु.) ५ सरल देवदारुका वृक्ष । हुआ, जो दम छोड़ रहा हो। ५ गम्यमान, उच्छ्रितपाणि - (सं. त्रि.) उस्थित हस्तयुक्त, हाथ जानेवाला। उठाये हुआ। उछ-तुदा० इदित् पर० सक० सेट् । २ तुदा० उच्छिति (स. स्त्री०) उत्-थि बाहुलकात् करणे पर० सक. सेट। यह बन्ध, समापन और विराम घञ्। १ उच्छाय, उठान। २ उत्कर्ष, बड़प्पन ।। अर्थ में लगता है। “यज्ञार्थ' निधन' प्राप्ता प्राप्त वन्ता च्छि तौ: पुनः।" . ( मनु । ४०) उछ–पञ्जाबके भावलपुर राज्य का एक प्राचीन नगर । ३ उच्च संख्या, ऊँचौ अदद । ( लीलावती) ४ त्रिकोणका यह अक्षा० २८. १३ उ० तथा ट्राधि० ७१० पू०पर दण्डवान् पार्ख, मुसल्लसका खड़ा बाजू। पञ्चनदके पूर्व किनारे मूलतानसे ७० मील दूर अव- उच्छय (स'• त्रि.) उन्नत, बुलन्द, ऊंचा। स्थित है। कहते-उछ वही नगर ठहरा, जो सिकन्दर उच्छक (वै० पु० दि०) मानवके शरीरका एक अवयव ।। बादशाहके आदेशसे पञ्जाबमें नदीयोंके सङ्गमपर (अथर्व० १०११) बना था। रशीद-उद-दीनने इसे सिन्धके चार प्रधान उच्छङ्क (वै० पु०) जम्भण, फाजा, जमदाई। प्रान्तमें एकको राजधानी बताया है। पीछे उछ (शतपथब्रा० ५।४।१९) मूलतानके स्वतन्त्र राज्यमें मिल गया। कितने ही उच्छृसत् (सं० वि०) स्थूल निवास-विशिष्ट, हांफता आवर्तन-परिवर्तनके बाद अकबरने इसे अपने मुग़ल- हुआ, जो मुशकिलसे सांस लेता हो। साम्राज्यमें जोड़ दिया था। अबुलफजलने इसे उच्छ सन (सं० त्रि०) १ निवास लेता हुआ, जो | मूलतान् सूबेका पृथक् जिला लिखा है। आजकल आह भर रहा हो। २ स्थूल निवास-विशिष्ट, जो उछध्वंसावशेषका सञ्चय मात्र है। मुसलमानो इति- गहरी सांस खींचता हो। हासमें इसका विशेष वर्णन भरा है। मुसलमानों के उच्छसित (सं० वि०) उत्-श्वस्-त । १ विकसित, अधिक आदर देखानेसे इसको प्राचीनता प्रकट होती शिगुफ ता, खिला हुआ। २ स्फोत, फूला या सूजा है। पारसिकोंके जन्द-अवस्था ग्रन्यमें लिखा-किसी हुआ। ३ जीवित, जिन्दा। ४ उच्छासयुक्त, 'हांफता समय जेह या सोस्तानसे हरवद माहयार बन्दीदादको हुचा। ५ कम्मित, कांपता हुआ।६ आश्वासयक्ता प्रति उचले गये थे।