पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/२१८

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उत्तोलन-उत्पक्ष्मण २१७ उत्तोलन (स' लौ०) उत्-तुल भावे ल्युट । उत्था- शुक्ल एकादशी, देव उठनी एकादशी। जबतक यह शुक्ल एकादशी, देव उठना एक पन, उतक्षेपण, उठाव, चढ़ाव। एकादशी नहीं पड़ती, तबतक धार्मिक हिन्दुवोंके उत्तोलित (सं.वि.) उत् चुरादित्वात् तुल-ता। भोजनमें ऊख, भंटा, सिंघाड़ा प्रभृति चीज नहीं उत्क्षिप्त, उस्थापित, उठाया या चढ़ाया हुआ। चलती। लोग घरको अच्छी तरह लोप पोत विष्ण- उत्त्यक (सं० वि०) उत्-त्यज-त। १ परित्यक्त, भगवान्की पूजा करते हैं। एकादशी देखो। छोड़ा हुआ। २ विरक्त, मुहब्बत या शौक न रखने- उत्थापक ( स० त्रि.) १ उत्थापन करनेवाला, जो वाला। ३ अर्व क्षिप्त, फेंका या उछाला हुआ। उठाता हो। २ उत्तेजक, हौसला बढ़ानेवाला। उत्त्याग ( स० पु.) १ उत्सर्ग, तर्क, छोड़ाव। उत्थापन ( स० लो० ) उत्-स्था-णिच्-त्यु ट । १ उत्तो- २ उत्क्षेपण, फेंकफांक । ३ विरक्ति, दुनियावी मुहब्बतको लन, उठाव । २ प्रेरण, पहुंचाव। ३ प्रबोधन, जुदाई। नगाव। ४ उपस्थितकरण, लगाव। ५ चोभन, उत्त्रस्त ( त्रि०) अतिशय भयभीत,बहुत डरा हुआ। भड़काव। ६ छोड़ाव। ७ गणितमें प्रश्नका उत्तर उत्त्रास (सं० पु०) उत्-वस-धज । अतिभय, निकालना, सवालका जवाब । बड़ा खौफ़ या डर। उत्थापित (स.वि.) उत्-स्था-पिच-क्त । १ उत्तो- उतत्रिपद (स. क्लो०) उन्नत त्रिपदी, अंची तिपाई। लित, उठाया हुआ। २ प्रेरित, भेजा हुआ। उत्थ (सं० त्रि०) उत्-स्था-क। १ उस्थित, उठा ३ प्रबोधित, जगाया हुआ। ४ चोभित,भड़काया हुआ। हुआ। २ उव्रत, ऊंचा। ३ उगत, निकला हुआ। उत्थाप्य (स० अव्य०) १उत्तोलन करके, उठाके । ४ उत्पन्न, पैदा। (पु०) ५ उत्पत्ति, उपज, निकास।। २क्षोभन करके, भड़का कर। (त्रि.) ३ उठाया उत्थवना (हिं.क्रि.) उत्थापन करना, उठाना, । जानेवाला, जो जगाने काबिल हो। (वै०) ४ प्रेरण लगाना। किया जानेवाला, जो भेजे जानेके काबिल हो। उत्थाट (वै० पु.) १ उत्थापन करनेवाला, जो उठ उत्थाय (सं० अव्य.) १ उठकर। २ आगे बढ़कर। रहा हो। २ अध्यवसायी, पक्का इरादा रखनेवाला। उत्थायिन् (सं. त्रि.) उत्थान करनेवाला, जो उत्थान (सं० लो०) उत्-स्था-लुपट। १ अर्वपतन, उठ या निकल रहा हो। ऊंचा पड़नेको हालत।२ उद्यम, कोशिश। ३ उदय, उत्थित (सं० वि०) उत्-स्था-त। १ उत्पत्र, निकास। ४ उन्नति, तरक्को। ५ उठाव, उठान। उपजा हुआ। २ उद्गत, निकला हुआ। ३ उद्यत, ६ तन्त्र। ७ पौरुष, ज़ोर । ८ पुस्तक, किताब। मुस्तैद। ४ वर्धित, बढ़ा हुआ। ५ लगा हुआ, जो ८ युद्ध, लड़ाई। १० पुनरुज्जीवन, हय। ११ त्याग, पड़ गया हो। ६ उच्च, ऊंचा, बड़ा। ७ विस्तृत, तर्क, छोड़ बैठने की हालत । १२ मूल, जड़, निकास ।। फैला हुआ। (पु.) ८ सरल वृक्ष, सोधा पेड़। १३ मलोत्सर्ग। १४ मलरोग, दस्तकी बीमारी। ८ दश पादका एक प्रगाथ ।। ५. खशी। १ सैन्य. फौज। १७ अहाता।। उस्थितता (स. स्त्री०) अन्यकी सेवा करनेका १८ वलिदानको शाला। १८ सीमा, हद। २० गृह- उद्यम, दूसरोंको खिदमतके लिये मुस्तैदी। काय, घरका काम। २१ विचार, खयाल । २२ रोगका उत्थिताङ्गलि (स० पु.) १ विस्तृताङ्ग लि, फैली सनिकृष्ट कारण, बीमारीका नजदीकी सबब । (वि०)| हुई उंगली। २ करतल, हथेली। ३ चपट, थप्पड़ । २३ उठवाने या निकलवानेवाला। उस्थिति (सं० स्त्री०) उत्थान, बुलन्दी, उठान, उत्थानवत् (सं० वि०) कार्यार्थ तत्पर, कामके | उंचाई । लिये तैयार। ... उत्पक्ष्मण (स० वि०) उस्थित नेत्रच्छदयुक्त, पपोटे उखानैकादशी (स• स्त्री.) चान्द्र कार्तिक मासको। ऊपरको उठाये हुआ। ........ Vol IIL 55