पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/२५४

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उदोप-उदुम्बल २५३ उदीच्यवृत्तिके विषम चरणको द्वितीय और तृतीय उदीयमाण ( स० वि० ) १ चलाया या हटाया मात्रा संयुक्त होकर गुरुवर्ण बन जाती हैं। जानेवाला, जो फेंका या अलग किया जा रहा हो। उदीप (सं० त्रि०) उगता आपो यतः, अच् समा० उदीषित ( सं• त्रि०) उन्नत, ऊंचा, जो बढ़ ईत्वम्। १ उहतजल, पानोसे डूबा या भरा हुआ। गया हो। (पु.)२ जलप्लावन, पानीको बाढ़। उद्या (हिं पु०) धान्य विशेष, एक चावल उदीपन, उदीपित (हिं.) उद्दीपन और उद्दीपित देखो। यह वर्षाके अन्त समय कटता है। उदोपी-श्मन्द्राज प्रान्तके दक्षिण कनाड़ा ज़िलेका एक | उदुखल, उदूखल देखी। तालुक। भूमिका परिमाण ७८७ वर्गमील है। प्रायः उदुम्बर (सं० पु०) १ उडूम्बर, गूलर। (Ficus glo- ढाई लाख मनुष्थ बसते हैं। हिन्दू और ईसाई merata) पर्याय है-जन्तुफल, तपसाङ्ग, क्रिमिफल, अधिक हैं। शीतवल्कल, यज्ञाङ्ग, विषवृक्ष, हेमपुष्य, क्षौरवृक्ष, जन्तु- २ अपने तालकका नगर और हेडक्वार्टर। यह वृक्ष, सदाफल, हेमदुग्धक, कालस्कन्द, यज्ञयन्न, सुप्रति- अक्षा० १३ २०३० उ० और ट्राधि० ७४° ४७ पू० ष्ठित, पुष्पशून्य, पवित्रक, सौम्य । वैद्यकके मतसे यह पर अवस्थित है। कनाड़ा प्रान्तमें यह स्थान हिन्दु शीतल, रुक्ष, गुरु, मधुर, कषाय, वण कारो, व्रणशोधक वोंका पवित्र तीर्थ है। महिसुरसे प्रतिवर्ष यात्री एवं व्रणपूरक होता और प्रदर, पित्त, कफ तथा रुधिरः आया करते हैं। मन्दिर बहुत पुराना है। हिन्दु- रोगको खोता है। उटुम्बरका पक्क फल मधुर, शीतल वोंके पाठ मठाधीश दो-दो वर्षके हिसाबसे उसका एवं क्रिमिकर और रक्तपित्त, दृष्या, मूळ, दाह, प्रबन्ध करते हैं। निकटवर्ती कल्याणपुर सम्भवत: कोस. पित्त, श्रम, शोष, अपस्मार तथा उन्माद-रोगनाशक मस इनडिकोप्लसटेस (५४५ ई.) का कालियेना है। है। कच्चा गूलर कषाय, अग्निदीपक, रुच, मांस- उदोरण ( स० लो०) उत्-ईर् ल्यु ट्। १ उच्चारण, वर्धक और रक्तविकारनाशक ठहरता है। बल्कल बोलचाल । २ कथन, कहाई। ३ उद्दीपन, भड़काव । शीतल, कषाय, गर्भरक्षक एवं स्तनदुग्धकर होता और ४ प्रेरण, पहुंचाने या भेजनेका काम। ५ विजम्भण, | व्रण, क्षत, कुष्ठ तथा चर्मरोगको खोता है। जमहाई। उत्पत्ति, पैदायश। ७ उल्लेख, लिखाई। २ कुष्ठ विशेष, किसी किस्मका कोढ़। ३ देहली, ८ उत्क्षेपण, उछाल। चौखट। ४ पण्डक, नामद। (क्लो०) ५ ताम्र, उदीरित. (सं० त्रि.) उत्-ईर-क्त। १ कथित, तांबा। ६ कषे, दो तोलेको एक तौल। ७ मेढ़। कहा हुआ। २ उद्रिक्त, बढ़ाया या समझाया हुआ। उदुम्बरच्छदा, उदुम्बरदला देखो। ३ प्रेरित, भेजा हुआ। उदुम्बरदला (स. स्त्री०) उदुम्बरस्य दलमिव दल- उदीरितधी (सं० वि०) कुशाग्रबुद्धि, तेज़फहम, मस्याः। द्रवदन्तीवृक्ष, छोटी दांतीका पड़। समझदार। उदुम्बरपर्णी (सं० स्त्री०) १ दन्तीवृक्ष, दांतीका उदीर्ण ( स० ली. ) उत्-ऋ-त। १ उदित, उठा या पेड़। २ लघुदन्तीवृक्ष, छोटी दांतीका पेड़। चढ़ा हुआ । २ प्रबल, जोरदार । ( पु०) ३ विष्णु । उदुम्बरमशक ( स० पु०) मूषिक, चूहा। उदीर्ण दीधिति (सं० वि०) अतिशय प्रभान्वित, उदुम्बरावती (सं. स्त्री०) हरिवंशोक्त नदीविशेष। बहुत चमकीला। उदम्बरी (सं० स्त्री० ) काकोदुम्बरिका, कठगूलर, उदोर्ण वेग (सं० वि०) अतिशय वेगशील, निहा- गोबला। यत जोरदार। उदुम्बल (वै० वि०) विस्तारित शक्तिसम्पन्न, बड़ी उदीय (सं० त्रि०) १ उच्चारणके योग्य, जो कहे जाने | ताकत रखनेवाला। (सायण) (सं० पु.)२ उटु- काबिल हो। (अव्य०) २कहकर, बोलके । बर, गूलर। ___Vol III. 64