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पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/२९८

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उपक्रमण-उपगन्त २६७ ११ उपस्थिति, पहुंच। १२ वेदारम्भ करनेका संस्कार ! सान्। २ निवाससमीपादि। (त्रि०) आयमुपगतः । विशेष । १३ मित्र या सभासद्के आनुकूल्यको परीक्षा। ३ क्षयप्राप्त, बिगड़ा हुआ। उपक्रमण (सं० को०) उप-क्रम भावे ल्य ट . उपक्षित् (संत्रि .) उप-क्षि-विप। १ अधिवासी, १ प्रारम्भ करण, शुरू। २ चिकित्सा, इलाज। | पड़ोसी, नज़दीक रहनेवाला। २ संलग्न, चिपटा उपक्रमणिका (सं० स्त्रो०) भूमिका, तमहोद।। हुआ। किसी बाहुल्य विषयके लिखने से पूर्व संक्षेपमें जो परि- उपचीण ( स० वि०) उप-धि-त, तस्य नः दीर्घच । चय दिया जाता, वह उपक्रमणिका कहलाता है। हानिग्रस्त, सड़ा-गला । उपक्रमणीय ( स० स्त्री० ) उप-क्रम-अनीयर् । उपक्षेट (वै० त्रि०) अधिवासी, पड़ोसी, पास पाने- शुरू किये जानेके काबिल । २ चिकित्सा-सम्बन्धीय, वाला। (सायस) इलाजसे सरोकार रखनेवाला। ...... उपक्षेप (सं० पु.) उप-क्षिप भावे घा। १ आक्षेप, उपक्रमितव्य (सं० त्रि.) आरम्भणीय, शुरू किये उच। २ निकट निक्षेप, पास फेंकनका काम । जाने काबिल। .३ काव्यालङ्कार विशेष। उपक्र म (सं० वि०) प्रारम्भ करनेवाला, जो उपक्षेपण (स• क्लो०) उप-क्षिप-लुाद। १ निक्षेप, शुरू करता हो। फेंकफांक। २ शूद्रखामिक अव विपके घर पाक उपक्रान्त (सं० त्रि.): उप-क्रम-त । १ प्रारब्ध, करनेको समर्पण। शुरू किया हुआ। २ विस्त त, फैला हुआ। उपखात (स अव्य.) खातके समीप, खाड़ीमें। उपक्राम्य (स'• त्रि०) चिकित्सनीय, इलाज किये उपखान (हिं.) उपाखयान देखो। जाने काबिल। ..... .... उपग (सं. वि०) उप-मम-ड। १उपगत, पास उपक्रिया (सं० स्त्री०) उप-क भावेश।१ उपकार, अाया हुआ। एहसान्, भलाई। २ कार्य, काम, नौकरी। "श्रोषध्य: फलपाकान्ता बहुपुष्यफलोपया: ।” (मनु १४८) उपक्रीड़ा (सं० स्त्री०) क्रीड़ामूमि, खेलको जगह। २ उपगन्ता, पास जानवाला। यह शब्द समासके उपक्रश्य (सं० अव्य.) निन्दावाद करके, झिड़ककर। अन्तमें आता है। उपक्रोश ( स० पु. ) उप-क्रुश-धञ् । १ निन्दा, हिका- उपगत (स.वि.) उप-गम-त । १ स्वीकृत, मजूर रत, बदनामी । (त्रि०)२ आसन्नक्रोश, कासा हुआ। किया हुा । २ उपस्थित, हाज़िर। ३ ज्ञात, समझा उपक्रोशक (स० त्रि.) १ निन्दाकारक, हिकारत हुआ। ४ प्राप्त, पहुंचा या मिला हुआ.। ५ अथक, करनेवाला। (पु.) २ गर्दभ, गधा। . थका हुआ। ६ वतमैथुन, शहबत किये हुआ। उपक्रोशन (सं० लो०) निन्दावाद, बदनामी करनेका ७ सब्रिहित । ८ मृत, गुजरा हुआ। (लो०) प्राप्ति, . काम। पहुंच। १० प्राप्तिसूचक पत्र, रसौद। उपक्रोष्ट्र (सं० पु. ) उप-क्रश-दृच् । १ गर्दभ, गधा। उपगतवत् (स. त्रि.) १ गमन करनेवाला, जो २ निन्दक, हिकारत करनेवाला। पहुंच गया हो। २ अधिकारी, कबजा रखनेवाला। उपल्लेश (सं० पु.) उप-क्लिश-घा । मदादि, नथा ३ भोला, मालूम करनेवाला। ४ खोकार करनेवाला, वगैरह। होनहार। उपक्कण (सं० पु. ) उप-क्कण-अप्। क्वणो वौपायाञ्च । पा उपगति (स स्त्रो०) उप-गम-लिन् । १ प्राप्ति, पहुंच। ३३६५। बौखानिनाद, तम्बर या बरबतको आवाज।। २ नान, समझ। ३ खोकार, मजू रौ। ४ प्रासलि, उपक्कस (सं० पु.) कोटविशेष, एक कोड़ा। लगाव। उपक्षय (सं० पु.). उप-शि-अच। १ पपचय, नुक-1 उपगन्तृ (सं० वि०) उप-गम-ढच् । १ स्वीकारकारी, Vol III. 75