पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/३२७

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३२६ उपनिषादिन्-उपन्यस्त बताया था। उन्होंने फैजी और हाजी इब्राहीमको*। २ निष्क मण नामक संस्कार। निष्क मण देखो। ३ चल अनुवाद करने के लिये अनुमति दी। इस ग्रन्थका | देनेका काम। एक स्थान हमारा (कुरानके कहे) 'ला इल्लाह | उपनिहित (स. त्रि.) उप-नि-धा-क्व (धा-हि) इल्लालाह' (वचन-जैसा) है। अथके इस अंशसे | १गच्छित, अमानत रखा हुमा। २ स्थापित, रखा शेख भावनने ब्राह्मणों को तमें परास्त किया था। हुआ। ३ समर्पित, नज़र किया हुआ। और इसी मन्त्र के बलसे कितने ही लोगोंने इसलाम उपनौत (सं. त्रि.) उए-नो-त । ततोपनयन, धर्मको पकड़ लिया।" (सुन्तखबुत तवारीख २ भा० २१३ पृ० ) जनेऊ पाये हुया। (रघ २२९) २ ज्ञानको लक्षणाके बदाउनके उक्त विवरणमें कुछ गूढ़ रहस्य भरा ! सविकर्ष हारा ज्ञात, अल्ल,के जोरसे समझा हुआ। जैसा मालूम पड़ता है। वे जातिके मुसलमान रहे, ३ निकट प्रापित, नजदीक लाया हुआ। ४ आगत, फिर ऐसे विशेष संस्कृतन्जन थे, कि अथर्ववेद-जैसा पहुंचा हुआ। ५ उपस्थापित, जो रख दिया गय वैदिक ग्रन्थ पारस्य भाषामें अनुवाद कर सकते। हो। ६ पानीत, लाया हुआ । ७ प्राप्त, मिला हुआ । कदाचित् पनुवादके समय दक्षिण देशवासी शेख भावन (पु.)८ कृतोपनयन बालक, जिस लड़केको जनेऊ ही उनका दाहना हाथ बने होंगे। वे जो कह देते, दिया जा चुका हो। बदाउनी उसोको पारस्य भाषामें लिख लेते थे। उपनौतभान (स. क्लो०) न्यायके मतसे-१ उपनीत सम्भवतः भावनने ही उनसे कहा होगा-अथर्ववेदके तत्त्वादिका विषयकव। २ लौकिक और अलौकिक किसी अंशमें कुरान्का वाक्य पड़ा है। उभयके सबिकासे उपजा ज्ञान। ( न्याय० को०) ___पीछे अपनी बात रखने के लिये भावनने ही अल्लोप- उपनौता ( स० स्त्री०) पत्नी, अपनी औरत । निषत् वा अल्लशब्द परिचायक अथवणसक्तको बना उपनीय (सं० अव्य०) १समीप ले जाकर। २ जनेऊ देके। अथर्वसंहितामें डाल दिया होगा। कैसा भयङ्कर कार्य उपनीयमान (स'• त्रि०) निकट उपस्थित किया जाने- है। विधर्मी द्वारा दलित हो अथर्ववेदक वाला, जिसको जनेऊ दिलाने गुरुके पास ले जाते हो। हुई ! उसी दिनसे सरल भारतवासी पथसंहिताको उपनुन (सं० त्रि.) १ प्रेरित, भेजा हुआ । करानका अंश समझ बुरा कहने लगे। भावनके चात- २ ताड़ित, हटाया हुआ। यमें पड़ कितनों होने इसलामधर्म ग्रहण किया था।| उपनृत्य (सं० लो०) नृत्यशाला, नाचघर। उसी समय उपनिषद ग्रन्थमें अकबरका नाम घोषित उपनतव्य (सं. त्रि.) १निकट उपस्थित किये हुआ। हा! कालविपर्ययसे सनातन पार्यशास्त्रका जानेके योग्य, जो नजदीक पहुंचाने के काबिल हो। ऐसा परिणाम हो गया। वेद शब्दमें विस्तृत विवरख देखो।। २ नियुक्त करने योग्य, लगाने के काबिल। उपनिषादिन् (वै. वि.) उप-नि-सद-णिनि । उपनेट (सं० पु.) १ उपनयनकर्ता गुरु, जनेऊ निकटस्थायो, नज़दीक रहनेवाला। (शतपथब्रा० ४।३।३) देनेवाला। (त्रि.) २ उपढौकनकारी, भेंट चढ़ाने- उपनिष्कर (स• लो०) उप-निस -व-घ, विस वाला। ३ प्रापक, ले जानवाला। जनीयस्य सः । इदुपधस्य चाऽप्रत्ययस्य । पा ८४१॥ पुरपथ, उपनेत्र (सलो ) उपगतं नेत्रम्, अत्या. समा०। शाही राह। भांखमें लगनेवाला चशमा। उपनिष्क्रमण (सं• क्लो.) उप-निम् -क्रम करणे | उपन्ना, उपरना देखो। उपन्चस्त (सं० वि०) उप-नि-प्रसा -१ विन्यस्त, ऊपर या पास रखा हुआ। २गच्छित, सौंपा हुआ। • सरहिन्दवासौ हाजी बाहोममे पारस्यमाधाम अथर्ववेदको अनुवाद | ३ पारब्ध, शुरू किया हुपा। दत्त, दिया हुमा। ५ उलिखित, लिखा एमा।