उर्वशीतीर्थ-उलझना राजाको नग्न देखते ही पन्तर्हित हो गई। फिर उौरह (सं० पु.) उर्ध्या रोहति, रह-क, तत् । गन्धर्व मेषोंको छोड़ चलते बने। राजा दोनों मेषोंको वृक्ष, पेड़। ले घर वापस पाये, किन्तु उव शोके दर्शन न पाये उवींश (सं० पु.) राजा, बादशाह। थे। पौछ समझ, कि वह अपने ही दोषसे उर्वशीको | उति (वै• त्रि०) प्रकाण्ड शरण देनेवाला, जो खो बैठे हैं। पुरुरवाके औरस और उर्व शोके गर्भसे बड़ी हिफाजत रखता हो। ( सायण ) प्रायु, अमावसु, विश्वायु, श्रुतायु, दृढ़ायु, एवं शतायु उर्स (अ० पु०) १ मुसलमानी पोरोंके मृत्यु दिव. मात पुत्र हुये। सका उत्सव। २ मुसलमानी पौरोंके मरनेका दिन। __ऋग्वेदमें (१.१५) उर्वशी और पुरूरवाका उल् (सौत्र धातु) पर० सक० सेट। इसका अर्थ परिचय मिलता है। कालिदासने उर्वशी और पुरू- दाह करना है। रवाके उपाख्यानभागपर 'विक्रमोर्वशी नामक एक उल (वै • पु.) उल् कर्मणि घबर्थे क। १ मृग- नाटक लिखा है। विशेष, कोई जङ्गली जानवर। २ एक व्यक्तिका नाम । उर्वशीतीर्थ ( स० ली.) सोमाश्रम तीर्थ । उलंग (हिं० वि० ) १ नग्न, नङ्गा। २ भावरणहीन, (भारत,वन ८४ अ.) जो ढका न हो। उर्वशीरमण (स• पु.) उर्वशी रमयते, रम-त्य, उलंगना, उलंघना देखो। ६-तत्। चन्द्रवंश-सह बुधपुत्र पुरुरवा। उशी देखो | उलंघन (हिं.) उमडन देखो। एव शीवल्लभ, उर्वशीरमश्च देखो। उलंघना (हिं.क्रि.) १ उल्लङ्घन करना, लांघना, उर्वशीसहाय, उर्वशौरमय देखो। पार जाना। २ स्वीकार न करना, टाल देना। सर्वा ( स. स्त्री०) शोषक, सौसा। उलका (हिं.) उल्का देखो। उर्वारु ( स० पु०) -ऋ-उण । इर्वारु, ककड़ी। उलगट (हिं० स्त्री०) उल्लघन, फंदाई। उर्वारुक (सं० लो०) इर्वारुफल, खानको ककड़ी। उलगना (हिं. क्रि०) उछलना, कूदना। . उर्वारू (सं० स्त्री०) उार देखो। उलगाना (हिं.क्रि.) कुदाना, पार कराना। उविजा, उर्वोजा देखो। उलचना, उलौचना देखो। उविया (स' अव्य.) दूर, फासले पर। उलछना (हिं. क्रि०) १ इतस्तत: निक्षेप करना, उर्वी ( स० स्त्री०) अणुऊ-कु नलोपो हुस्खश्च गुणवच हाथसे फैला देना। नादिति डोष्। महति इखश्य । उण् १।३२ । १ पृथिवी, उलछा (हिं० पु०) इस्त हारा क्षेत्रमें वीज डाल- जमीन् । “जन्यशायनामुवौं श्शासैकपुरीमिव ।" (रषु १॥३०) नेका नियम। २ स्थान, जगह। इसमें आकाशके चारो विभाग उलछारना, उछालना देखो। और नीचे ऊपरका स्थान सम्मिलित है। ३ एक नदी। | उलझन हिं. स्त्री.) उलझाव देखी। ४ जरुके मध्यका देश, रानोंके बीचको जगह। उलझना (हिं.क्रि.) १ ग्रथित होना, फंसना। ५ वैकल्यकार मौके अन्यतम दो मर्म। २ कठिनतामें पड़ना, घबरा उठना। ३ विवाद करना, उज्जा (सं॰ स्त्री०) सौता। पृथिवीसे उत्पन्न होनेके | झगड़ना। ४ इस्तस्ततः निक्षिप्त होना, गड़ बड़ पड़ना। कारण सीताका यह नाम पड़ा है। 'उलझना आसान् सुलझना मुस्किल ।” (लोकोवि) उर्वीधर (सं० पु०) उर्वी धरति, -अच् । १ पर्वत, ५ बन्दी बनना, कैदमें फंसना। । विवाह होना, पहाड़। २ शेषनाग। शादी लगना। ७ प्रेममें पड़ना, आथिक होना। सर्वोभृत् (स• पु.) उर्वो-भू-क्तिप्-तुक् । १ पर्वत, ८ अयोग्य सम्बन्ध बढ़ना, नाजायज ताल्लक पड़ना। पहाड़। २ राजा, बादशाह। . मोहित होना, भौचक रह जाना। १० विलम्ब
पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/३८९
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