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पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/३९०

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उलझाना-उलटी-बगली ३८ पारना करना, पोछे रहना। ११ जमा होना। १२ काममें . डाल देना। ८ पान करना, पीना। ८ वापस करना, लगना। १३ दोष देखना, नुकताचीनी करना। लौटाना। १० मदोन्मत्त करना, मतवाला बनाना। उलझाना (हिं० कि.) १ ग्रन्थि डालना, फंसाना। ११ निर्बल बनाना, कमजोर करना। १२ विनाश २ विशृङ्खला लगाना, गड़ बड़ मचाना। ३ कठिनतामें करना, बरबादी में डालना। १३ निर्धन करना, गरीब लाना, मुश्किल करना। ४ भ्रमित करना, घुमाना। बना देना। १४ उहरण करना, दोहराना। १५ पठन ५ विवाद लगाना, लड़ाना। ६ बन्धनमें डालना, समापन करना, पढ़ जाना। १६ पढ़नेका बहाना बांधना। ७ सीना, टांके मारना। ८ फंदम फसाना, करना। १७विचारना. सोचना-समझना। १८ परि- जालमें पकड़ना। बन्दी बनाना, के.द करना। वर्तन करना, बदलना। १८ अनुवाद करना, तजमा १० विवाह या शादी करा देना। ११ लोभ देखाना, । बनाना। २० असत्य समझना, झठा खयाल करना । लालच देना। १२ मोहित करना, फरफ्ता बनाना। २१ अस्वीकार करना, न मानना। २२ प्रान्नाभङ्ग १३ विलम्ब डालना, देर लगाना। १४ थोड़ी देरके करना, बात टालना। २३ काटना, मन्सूख करना। लिये पहनना। १५ रखना, जमा करना। १६ चित्त २४ व्युत्क्रम पड़ना, फिरना। २५ नोचे जपर होना। हटाना, दिल घुमाना। १७ विपथ पहुंचाना, गुमराह २६ घूमना। २७ धोका पड़ना। २८ खुदना, जुतना। करना । १८ कुभाव लाना, ठोक न बताना। २८ लौट आना। ३० बदल जाना। ३१ उन्मत्त होना, १८ कार्य में नियुक्त करना, काममें लगा देना। मतवाला बनना। ३२ दुर्दिन पाना, बखत बिग- उलभाव (हिं० पु०) १ व्यावर्तन, फेरफार। २ जटि- डना। ३३ बिगड़ना। ३४ मरना। ३५ मोटाना। लत्व, फंसाव। ३ चिन्ता, फिक्र। ४ उत्पात, । 8 उत्पात, ३६ उमंडना। गड़बड़। ५ मिथ्यासम्भावन, नाफहमी, बेसमझ । उलट-पुलट (हिं. पु.) व्यत्क्रम, फेरफार। ६ कलह, झगड़ा। ७ कठिनता, मुश्किल । उलटा (हिं० वि०) विपरीत, खिलाफ, नौचे ऊपर । उलझेड़ा, उलझाव देखो "उलटा चौर कोतवालको डांटे।" (लोकोक्ति) काले आदमौको उलझौहां (हि.वि.) उलझा लेनेवाला, जो फंसा 'उलटातवा' कहते हैं। रखता हो। उलटाना (हिं.क्रि.) नीचे अपर करना। उलट (हिं. पु.) १ विपरीतता, इकिलाब, पुलट। उलटा मांच (हिं० पु०) नौकाका पश्चादगमन, जहाज- २ परिवर्तन, तबदौली, बदलाव । को पीछेको हटाई। उलटकंबल (हिं. पु०) वृक्षविशेष, एक पौदा। उलटाव, उलट देखो। यह भारतवर्षको आद्रं भूमिमें उत्पन्न होता है। उलटी (स्त्री०) उलटा देखो। बल्कल खेतवर्ण और तन्तुयुक्त रहता है। उसे पानौमें भिगो या वैसे ही उतार लेते हैं। वल्कलके लिये . "उलटी खोपड़ी पौधाज्ञान : (लोकोक्ति) प्रति वर्ष दो-तीन बार ६ या ७ फीट की शाखा कटती | उलटी-कांगसी (हिं स्त्री०) व्यायाम विशेष, एक है। उसस रज्ज तैयार होती है। मूलको त्वक् प्रदर कसरत। मलखंभमें पंजा उलट, उंगलियां फंसा- रोग पर सेवन कराते हैं। नेका यह नाम है। उलटकटेरी (हि. स्त्री०) ऊंटकटेरा। उलटी-खड़ी (हिं. स्त्री०) व्यायामविशेष,. एक उलटना (हिं.क्रि.) १ व्यत्क्रम लगाना, फेर देना। कसरत। मालखंभमें दोनों पैर प्रागसे उठा पौठयर २नोचे-ऊपर करना। ३ पटक देना, चित करना। पहुचानेको उलटौ खड़ी कहते हैं। . ४ वमन करना, ओंकना। ५.कर्षण करना, जोतना। उलटौ-चीन (हिं. स्त्री०) हुकका रंग। ६ अर्थ बदलना, दूसरा मानो लगाना। ७ उंडेलना, | उलटी-बगली (हिं स्त्री..) मुगदल भांजनेको एक Vol III. 98