३६० उलटौ-रुमाली-उलारा कसरत। पृष्ठसे वक्षःपर मुहर पाते भी इसमें मुट्ठी । उलसना (हिं. क्रि० ) उल्लसित होना, चमकना। नौचे नहीं पड़ती। उलहना (हि क्रि०) १ अङ्कुरित होना, फूटना, उलटौ-रुमाली (हिं. स्त्री०) मुगदलको एक कस- निकलना। २ प्रफुल्लित होना फल जाना। (पु.) रत। इसमें मुगदल धागे को झोंक मारते हैं। ३ निन्दावाद, शिकायत । उलटी सरसों (हिं. स्त्री०) टेरो, नौचेको मुंह-उला-बङ्गालके नदिया जिलेका एक गण्डग्राम वा नगर। वाली कलियों को सरसों। इसे अभिचारमें व्यवहार कहते हैं-उल वनसे आकौर्ण विस्त त भूमि आवाट करते हैं। होनेसे ही उला नाम पड़ा है। यहां पहले अनेक उलटी-सवाई (हि. स्त्री० ) नौ-शृङ्खलाविशेष, कुलीन ब्राह्मण और कायस्थ रहते थे। जल- जहाजको एक जजोर। अनौके नीचे सबदरा इसांसे वायु बहुत अच्छा था, परन्तु पीछे बिगड़ गया। बंधता है। कोई पचहत्तर वर्ष बीते मलेरियाने पदार्पण कर उलटे (हिं. क्रि०वि०) व्य तक्रमसे, खिलाफ तौरपर। इस नगरको श्मशानतुल्य कर दिया था। यह एक उलडना, उलटना देखो। प्राचीन स्थान है। उलाको चण्डी देवी प्रसिद्ध हैं। उलथना, ' उलटना देखो। प्रतिवर्ष वैशाखी पूर्णिमाको बड़े समारोहसे उनकी उलथा (हि पु० ) १ अनुवाद, तर्जुमा। २ नृत्य पूजा होती है। कितने ही बंगला पुस्तकों में इस विशेष, किसी किस्मका नाच। इसमें तालपर उछ नगरका उल्लेख है। चण्डीमण्डपका सूक्ष्म शिल्पकार्य लते जाते हैं। देखनेसे बङ्गालके प्राचीन शिल्पनैपुण्यका परिचय उलथाना, उलटना देखो। मिलता है। इसे वीरनगर भी कहते हैं। कारण- उलद (हिं. स्त्री०) उडेल, गिराव। . प्रायः सत्तर वर्ष हुए एक बार रातको कितने ही उलदना (हिं क्रि०) डालना, गिराना। अस्वधारी दस्यु किस धनौके घर घुसे थे। किन्तु उलप (स• पु०) बलते, बल-कपः सम्प्रसारणत्। यहांके लोगोंने वीरत्वप्रकाशपूर्वक उनमें कितनों- १विस्तीर्ण लता, फैलनेवाली बेल। २ कोमल तृण, हीको हताहत किया। इसीसे तत्कालीन जिला- मुलायम घास । ३ गुल्म , झाड़। ४ बत्ती। ५ शर। मजिष्ट्रेट एलियट साहबने ‘वीरनगर' नाम रखा ६ कलापोके एक शिष्य। था। आजकल यहांके मुख्योपाध्याय बाबू बड़े उलप्य (वै• पु०) रुद्र विशेष। (अक्ल यजुः १६।४५) | सात्विक क्रियावान् हैं। प्रतिवर्ष रथयात्रा, सान- (त्रि०) २ उलप-सम्बन्धीय,झाड़से सरोकार रखनेवाला। यात्रा, जगहात्रिपूजा प्रभृति उत्सव होते हैं। उलफत (अ० स्त्री० ) १ मैत्री, दोस्तो। २ प्रेम, प्यार । (हिं स्त्री०) २ मेमना, भेड़का बच्चा। उलमना (हिं. क्रि०) अवलम्बन लेना, भक उलाकांदी-बङ्गाल प्रान्तके मैमनसिंह जिलेका एक पड़ना, लटक जाना। नगर। यह मेघना नदीके तौरपर अवस्थित है। लवण उलरना (हिं. क्रि०) कूदना, फांदना, झपटना। और शणका व्यवसाय अधिक होता है। उलरुवा (हिं. पु०) गाडीको उलरने न देनेवाली उलाटना, उलटना देखो। एक लकड़ी। यह पीछेको पोर लगता है। उलार (हिं. वि०) पश्चात दिक में भारग्रस्त, पोछेको उललना (हिं• क्रि०) १ गिरना, पड़ना, ढलना। ओर दबी हुई। यह शब्द गाडीका विशेषण है। २ उलट पड़ना, पखटां खाना। उलारना (हिं. क्रि०) उतक्षेपण करना, अपरको उलवी (हि. स्त्री०) १ मत्स्यविशेष, एक मछली। फेंकना। इसके पक्षसे सरस निकलता, जिसका व्यापार चलता उलारा (हिं० पु.) पदविशेष। इसे चौतालके अन्तमें है। (अ.वि.)२ स्वर्गीय, बिहिश्ती। | गाते हैं।
पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/३९१
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