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पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/४३५

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४३४ ऋतचित्-क्तयुज ७ सूर्य, आफताब। ८ परब्रह्म। ८ रुद्र । १० देवता- हबश्च निपातनात्। १ सूर्य, आफताब। (त्रि.) विशेष। ११ यज्ञ। १२ दक्षकन्याके गर्भजात धर्म- २ सत्यका नेता, सचाईका रहनुमा । ( सायण ) पुत्र। १३ मिथिलेवर विजयके पुत्र। इनके पुत्रका ऋतपर्ण (सं० पु०) सूर्यवंशोय एक राजा। यह नाम शुनक था। (त्रि.) १४. दीप्त, चमकौला। अयुताखके पुत्र थे। नल राजाने इनके निकट सारथि १५ पूजित, इज्जतदार । १६ उचित, ठीक ।। वन कलिकोपका शेष काल बिताया था। अक्ष कोड़ा १७ धार्मिक, ईमान्दार। १८ सत्य, सञ्चा। १८ गत, और गणना विषयमें इन्हें विशेष पारदर्शिता रहो। गया हुआ। कलिभयनाशक नामावलीमें यह भो कोतित हैं- ऋतचित् (वै. त्रि.) यज्ञ वा जलको समझने "क कर्कोटकस्य नागस्य दमयन्तया नलस्य च । ऋतुपर्णस्य राजर्षे: कौतनं कलिनाशनम् ॥" वाला। (मायण) ऋतजात (सं० वि०) उचित समयपर होनेवाला | ऋतपा (व.वि.) सत्यको न छोडनेवाला. जो सचाई पर रहता हो। (मायण ) । जो ठीक वक्त पर पड़ा हो। ऋतजातसत्य (वै त्रि०) धार्मिक व्यवस्थाके अनु. ऋतपय (सं० पु०) ऋतं स्वर्ग फलं पेयं भोग्यम- सार मुख्य विषय समझनेवाला, यज्ञके निमित्त जन्म । स्मात्, बहुवी। यज्ञविशेष। यह यज्ञ क्षुद्र पाप लेने और उचित फल पानवाला। (सायण ) दूर करने का है। ऋतपेशा (वै० पु०) ऋतं जलं पेयो रूपं यस्य, ऋतजित् (व.पु.) ऋतं जयति, ऋत-जि-किप बहवी। वरुण। तुगागमश्च । १ यज्ञविशेष। (त्रि.)२ यज्ञजेता, "वरुणाय ऋतसे दधौत।" (ऋक् ५६६१) हक हासिल करनेवाला। ऋत प्रजात (वै• त्रि०) १ उचित समय पर होनेवाला, ऋतजुर् (वै• त्रि०) अतिशय वार्धक्यप्राप्त, जो सच्ची प्रकृति रखनेवाला। २ जो सत्य समझता हो। धार्मिक पर्चनमें बुड्डा पड़ गया हो। ( साथण) ३ जलसे उत्पन्न। (सायण) ऋतज्ञा (वै० त्रि०) सम्यक् अवगत, धर्मनीति समझने- ऋतप्रवीत (वै. वि. ) उचित रूपसे विचारा हुश्रा, वाला, जो यन्त्रको जानता हो। (सायण) यन्न, सत्य वा जलसे भरा हुआ। ( सायण ) ऋतज्य (वै० त्रि.) उत्तम ज्यायुक्त, जो सचाईका रोदा रखता हो। ( सायण) ऋतमु (वै० पु.) १ यज्ञीय हविर्भोजी देवता- ऋतद्युम्न (सं• त्रि०) ऋतं द्युम्न कीर्तिर्यस्य, बहुव्री० । विशेष । २ सत्यस्वरूप देवता । (त्रि० ). ३ पूर्णाक्तति- सत्यको ही अपनी कीर्ति बनानेवाला, जो सचाईके युक्त, पूरी सूरत-शकल वाला। ४ सत्यरूपी या यनीय हविः खानेवाला। (सायण ) लिये मशहर हो। ऋतम् (सं० अव्य०) ऋत-कमि। सत्य, ठीक । ऋतधामा (सं० पु.) ऋतं धाम अस्य, बहुव्री०। | ऋतम्भर (सं० पु०) ऋतं विभति, ऋतम्, भू-खच् १ विष्णु । २ परमेश्वर। ३ इन्द्रविशेष । यही त्रयोदश | मन्वन्तरके मनु होंगे। (वि.) ४ शुद्ध प्रकृतिवाला, १ सत्यपालक, सचाई रखनेवाला । २ परमेश्वर । (वि०.) ३ अपने में सचाई रखनेवाला। जो सच्ची कु.दरतका हो। ऋतम्भरा . ( स० स्त्री०) १ बुद्धि, अक्ल.। २ जन- ऋतधोति (वै.वि.) प्रकृत स्वभाववाला, जो सच्ची 'तारीफ पाता हो। (सायण) | दीपान्तर्गत नदीविशेष। ऋतयुक्ति (वै० स्त्री०) १ सत्यसंयोग, सच्चा मेल । ऋतध्वज ( पु.) १ ब्रह्मविशेष। २ रुद्रविशेष । २ ऋकका उचित उपयोग, भजनका ठोक लगाव । "३ राजा शव जित्के पुत्र । ४ वैदिश नगरके एक राजा।। (सायण) ५ प्रत्यदनका नामान्तर। ऋतयुज् (वै० त्रि०) १ सम्यक् सज्जित, खूब मजा ऋतनि (दै० पु०) ऋतं जलं नयति, ऋत-नी-क्तिप, हुआ। २ यन्त्रको जानेवाला। ( सायच) .