पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/५०४

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एसिया ४६३ अन्तरीप-वैरिङ्ग प्रणालोके निकट पूर्व अन्तरोप, । होपपर गोलन्दाजोंका अधिकार है। भारतवर्ष के साइबेरियाके उत्तर सेबेरो, कामस्कटकाके दक्षिण गोवा और पञ्जीमपर पोतु गोज अधिकार रखते हैं। लोपटका, चीनके पूर्व निङ्गपो, भानामके दक्षिण | फिलिपाइन होपपुच्चको अमेरिकाने स्पेनसे लड़के छोन कम्बोडिया, मलयके दक्षिण रोमानिओ, भारतवर्ष के | लिया है। दक्षिण कुमारी, अमजे प्रणालोके मध्य मसिन्दम और एसियाखण्ड में नानाप्रकार उद्भिद और जीवजन्तु अरबके पूर्व रसूलहद अन्तरोप है। देख पड़ते हैं। साइवेरिया, चीन, भारतवर्ष, पारस्व, परव प्रभृति होप-साइप्रस, गेडस, बोरनिमोसे पूर्व सेलिविस, शब्दमें अपने अपने देशके उशिद और जीवजन्तु का विवरण देखो। सेलिबिससे पूर्व मलक्कास या स्पाइस होप, बोरनियोसे ___जाति–एसिया खण्डमें नाना जाति यां बसती हैं। उत्तरपूर्व मानिला दीपपुल, भारतमहासागरमें बोर- युरोपीयोंने इन जातियोंको तीन प्रधान श्रेणियों में निओ, यव एवं सुमात्रा, भारतवर्षसे दक्षिण सिंहल, बांटा है-मोगलीय, प्राय और सेमेतिक। वङ्गोपसागरमें पान्दामान तथा निकोबार, भारतवर्षसे पार्य, मोगलौय और मनैतिक शब्द देखो। दक्षिण-पश्चिम लाक्षा एवं मालद्दीप, चीनसे दक्षिण फिर इन जातियोंकी भाषाके उच्चारणानुसार दूसरे हेनान तथा हङ्गकङ्ग, चीनसे पूर्व फरमोसा, चुसाम, भी कई विभाग हो गये हैं। एवं लुचुद्दोप, चीन तातारसे पूर्व जापान तथा १म तिब्बत, चीन, जापान, कोरिया और पूर्व- कामस्कटकाके मध्य क्यूराइल और नव-साइबेरिया। उपदोपके उत्तरांशमें जो जातियां रहती, वह एकाक्षर उपदोप-एसिया माइनर, अरव, भारतवर्ष, भाषा व्यवहार करती हैं। श्य मध्य एसिया तथा उपहीप, मलय प्रायोद्दीप, कोरिया और कमस्कटका। उत्तरांशमें कुछ दूरतक तुरुष्क, मुग़ल और तुङ्गस पर्वत-यूराल, काकेसस, अरमेनियान, टरस, लेबे- जातिका वास है। इनकी भाषामें अरबी अक्षर और नन, होरेब, सिनाई, एलबर्ज, हिन्दूकुश, कोहबाबा, | अनेक अरबी शब्द चलते हैं। ३य कमस्कटकाको हिमालय, काराकोरम, षामोर, चीन-गिरिमाला, | रहनेवाली सोमाइद जाति एक प्रकारको स्वतन्त्र भाषा तियानसन, अलटाई और यबलोनई । व्यवहार करती है। ४र्थ भारत-महासागरीय मसय ___ इद-कास्पीय, भारल, लबनर, बलकस, बैकाल, | एवं पलिनेसीय जातिमें मलय अथवा मलयमिश्रित मरु, वाय, उरमिया और पलटी। भाषा चलती है। ५म आर्य जातिको मूल भाषा ___नदी-जक्षतेस ( साइहूण), प्रोकसस (प्रामू), संस्कृत है। कोई-कोई पारस्य अथवा परमनी मिश्रित लेना, पोबी, एनिसी, यतिस, ताइग्रिस, गङ्गा, भाषा बोलती है। ६ष्ठ काकेसस जातिको भाषाका सिन्धु एवं ब्रह्मपुत्र नद, इरावती, सेलुएन (थैलुएन), तत्त्व पाज भी भली भांति समझमें नहीं पाया। म मिनाम, कम्बोडिया, होयाङ्गही, इयङ्गसिकियङ्ग पिहो, दाक्षिणात्य जाति तामिल, कनाड़ी, तैलङ्ग और सिंहलो चुकियाङ्ग ( कण्टन) और आमूर ( मेधेलियन)। । भाषासे अपना काम निकालती है। यम सेमेतिक विदेशीय अधिकार-पाजकल, एसियाके नाना स्थान | जातिमें यहूदी और अरबो भाषाका व्यवहार है। विदेशियोंने अधिकार किये हैं। भारतवर्ष, ब्रह्म, धर्म-एसियाखण्ड में जैसे माना जातिका वास, पिनाङ्ग, मलय, सिङ्गापुर, पाण्डामान, निकोबर, वैसे ही नाना धर्मका प्रचार भी है। भारतवर्ष वासी सिंहल, लेबुभान दीप, अरबका अदन बन्दर, पेरिम | ब्राह्मणधर्मावलम्बी हैं। चीनके लोग बुद्ध, कनफुची होप, हङ्गकङ्ग और साइप्रस होप अंगरेजोंके अधिः और लामोचीको उपासना करते है। तिब्बतके बौर कारमें हैं। फान्सीसी दक्षिण कम्बोज और भारत- दलाई लामाके पूजक हैं। भरव, ईरान और भारत- वर्षके पण्डिचेरी, मही, तथा चन्दननगरको दबाये है। वर्ष के मुसलमान इसलाम धर्मको मानते हैं। परमे- सुमावाके दक्षिणांथ, यव, अखिबिस और मालाकास निया, सिरीया, कुर्दिखान और भारतवर्ष के ईसाई