पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/५५२

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ओसनना-ओहाबौ ५५१ आसमानसे जमीन पर धीरे-धीरे गिरनेवालो तरी। ओसूल (हिं.) वसूल देखो। -यह एक प्रकारका वाष्यीय जल है। रात्रिके समय श्रोसेका (हिं.) वसोका देखो। शीतलतासे भारी पड़ ओस पृथिवीपर गिरती और | श्रोसोरा, ओसरा देखो। विन्दु-विन्द इधर उधर जमी देख पड़ती है। पाकाश | ओसौनो, ओसाई देखो। मेघाच्छन्न रहने और प्रबल वायु चलनेसे प्रोसका बल! श्रोह (सं० पु.) श्रा-वह-क सम्प्रसारण। १ सम्यक घट जाता है। गहरी श्रोसको हो पाला कहते हैं। वहन, अच्छो तरह ले जानका काम । (वि.) इसका प्रभाव घास-घूस पर अधिक पड़ता है। २ वाहक, ले जानेवाला। ३ प्रापक, पहुंचानवाला । "औसके चाटे प्यास नहीं बुझती।' (लोकोक्ति ) (हिं. अव्य.) ४ अरे, यह क्या हुया! ५ दुःख, देखने में बहुत अच्छा लगता-किन्तु खायो अफसोस, हाय! ६ जाने दो, कोई परवा नहीं। नहीं रहता, उसका नाम 'श्रोसका मोतो' पड़ता है। ओहका (हिं० सर्व) उसको, उसे। प्रोसनना (हिं.क्रि.) मांडना, गूधना, पानी डालके पोहट (हिं. स्त्रो०) व्यवधान, भाड़। कचरना। यह शब्द आटेके लिये पाता है। ओहते (हिं. सर्व०) उससे । ओसर (हिं. स्त्री०) गर्भधारण करने योग्य गाय या श्रोहदा (प्र. पु०) पास्पद, स्थान, रुतबा, बड़ी भैंस, जवानीपर पाई हुई पड़िया या बछिया। जो जगह। गाय या भैंस गाभिन होने लायक बन जाती, वह ओहदेदार ( • वि. ) स्थानाधिकारो, बड़ी प्रोसर कहलाती है। जमहवाला। भोसरा (हिं. पु.) १अवसर, समय, वक्त । ओहदेदारी (अ॰ स्त्रो०) कार्यकतृत्व, ओहदेदारीका प्रोसरिया, ओसर देखो। काम। भोसरी हिं० स्त्री० ) अवसर, बारी, बदली, दांव। भोहब्रह्मा (सं० पु.) जह ब्रह्मयुक्त, पूर्व माधए, पोसवाल (हिं. पु० ) जैनोंको एक शाखा। प्रधा- | भानो ब्राह्मण। (निरुण १३०१६ ) नतः जैन व्यवसायियों और महाजनों को ओसवालोहमा (हिं. सर्व०) उसमें। कहते हैं। | मोहर (हिं. अय) उस ओर, उस तफ। ‘ोसाई (हिं. स्त्री०) १ श्रीसानेका काम, मांड़े मोहरना (हिं. क्रि०) अपरसे नीचे आमा, घट ये अनाजको उड़वाई। माडे हुये गल्ले को टोकरीमें | जाना। भर हवा चलते समय धीरे धीरे अपनी बराबर उठा ओहरी (हिं० स्त्री०) कान्तभाव, सुस्ती, थकाइट। नीचे गिराते हैं। इससे पैरोंके पास दाना जमा| श्रोहरुवा (हिं. पु.) ओहार, झालर, परदा। हो जाता है। हवासे भूसा उड़ अलग जा लगता है। ओहम् (सं० लो०) प्रा-जह-असुन्। वहमसाधन २ पोसानका पारिश्रमिक, गल्ला उडानको मजदूरो।। स्तोत्रादि, सच्चा खयाल । श्रोसान (हिं.) ओसाई और औसान देखो। ओहा (हिं० पु०) अधम्, गोस्तन, गायका थन। पोसाना (हिं. क्रि.) उड़ाना, हवामें फेंकना। | ओहान (सं० वि०) विचारशील, सोचने-समझने यह शब्द मांड़े ये अनाजको उड़ानेके लिये पाता है। वाला, जो ख़याल कर रहा हो। भोंसार (हिं. पु०) १प्रधाण, बरामदा, दालान।|ओहाबी (वह हाची)-मुसलमानों का एक धर्मसम्प्रदाय। २ छप्पर, सायबान। मुहम्मद इबन अबदुल वहाब इस सम्प्रदायके प्रवर्तक पोसौला (हिं.) वसोखा देखो। रहे। उन्होंने १६८१ ई.को अरबो नेजद प्रदेशके 'मोसोसा. (हि.पु.)१ सराहना, विस्तर या पाराम एन्त प्रायना नामक ग्राममें जलग्रहण किया था। की जगहका अपरी हिस्सा। २ उपधान, तकिया। । उनींके शिष्य वहाबो कहाते हैं।