पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/५७६

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औरङ्गाबाद-औरत ५७५ औरगाबाद-१ दक्षिणात्यके हैदराबाद राज्यका एक युवा प्रदेशके सीतापुर ज़िलेका एक परगना। नगर। यह अक्षा० १८. ५४° उ० तथा देशा० ८५° क्षेत्रफल ६० वर्ग मील है। दक्षिण और पश्चिम २२ पू. पर कौम नदो किनारे अवस्थित है। नांद सीमापर गोमती नदो बहती है। मुसलमानों की गांव रेलवे टेशन ५६ मोल पड़ता है। १६१० ई. जमीन्दारी बहुत है। औरंगजे.बसे पहले पंवार को अबोसोनियाके मलिक अम्बर या सौदी अम्बरने राजपूतों का अधिकार रइते भी अब कोई बड़ा इसे बसाया था। अनेक भवना का ध्व'सावशेष पड़ा राजपूत-जमीन्दार देख नहीं पड़ता। है। औरंगजे.बका बनाया प्रासाद बिलकुल टूटफट ५ युक्त प्रदेशके सोतापुर जिलेका एक नगर। गया है। नगरको चारी बार दोवार उठी है। पहले बहादुर बेगका औरंगज़ बने यहां जागोर दी थी। इसका नाम 'किरको' रहा। औरंगजे.बको प्यारी इसीसे नगरका नाम औरंगाबाद पड़ा। उनके बीवीका स्म ति-मन्दिर आगरेके ताजमहलसे मिलता वंशज ताल क.दार कहाते हैं। सप्ताह में दो बार जुलता है। नगरसे २ मौल पश्चिम 'हरसूल' ग्रामका बड़ा बाजार लगता है। कई और नमकका काम ध्वंसावशेष है। राहमें औरंगजेब द्वारा यात्रियों के होता है। जलवायु स्वास्थाकर और भूमि उर्वरा है। लिये बनाया पत्थरका एक मकान खड़ा है। औरंगा विहार प्रान्तके गया जिले को एक तहसौल। बादसे पूर्व कुछ दूर अरमेनियाके लोगों को ५० करूं यह प्रक्षा० २४° २९ एव २५ ८३०” उ० और बनी हैं। शिलालेख यहूदी भाषामें हैं। नगरसे देशा० ८४.२३०" तथा ८४ ४६ ३०"पू० पर १४ मील दूर रोज़ामें मलिक अम्बरको कम्र और अवस्थित है। क्षेत्रफल १२४६ वर्ग मौल है। इसमें १ मौल पश्चिम छावनी है। फिर २ मोल उत्तर पौरंगाबाद, दाऊदनगर और नबीनगरको पुलिसका ३ गुफा हैं। उनमें दो बौद्ध गुफा समझ पड़ती हैं। थाना लगता है। पहले यह नगर व्यवसायका केन्द्र रहा, किन्तु हैदरा ७ विहार प्रान्तके गया जिले का एक ग्राम। यह बाद राजधानी होनेसे वह महत्व घट गया। फिर अक्षा० २४° ४५६ उ० और देगा. ८४ २५२ भी गेहूं, रुई, कपड़े और लोहेलंगड़ का काम ख़ब पू. पर अवस्थित है। यहां सरकारी मकान्, स्कल, होता है। । औषधालय और कैदखाना बना है। अनाज, तेलहन, २ युक्त प्रदेशके खेरी जिले का एक परगना । क्षेत्रफल चमड़े, शोशे, बत्ती, कपड़े, मसाले, मट्ठोके तेल और ११६ वर्ग मील है। सीतापुरसे शाहजहांपुर जानेवाली! नमकका काम होता है। पक्की सड़क इसी परगने में पड़ी है। पूर्व सीमापर पोरङ्गाबाद सैयद-युक्त प्रदेशके बुलन्दशहर ज़िलेका कथना और पंथिम सोमापर गोमती नदी बहती है। एक नगर। यह बुलन्दशहर नगरसे १० मौल उत्तर- ३ युक्त प्रदेशके खेरौ जिलेका एक नगर। यह पश्चिम अवस्थित है। डाकखाना, स्क ल और बाजार अक्षा० २८.४८ उ० तथा देशा० ८३° २६ पू. पर मौजूद है। औरंगजे.बको आज्ञासे सेयद अबदुल सीतापुरसे २८ मोल दूर अवस्थित है। औरंगजे.बके अजीजने उदण्ड जरोलियों का दबा यह नगर बसाया हो नामपर इसका नामकरण हुआ। नवाब सैयद था। इसीसे पारङ्गजे.बके नामपर औङ्गाबाद कहाया। खु.रमने औरंगाबाद बसाया था। टटे फटे महल में सैयद अबदुल अजीजके वंशज आज भो यह नगर आज भी सैयद खु.रमके वंशज रहते हैं। किला और १५ दूसरे ग्राम अपने अधिकारमें रखते हैं। बिलकुल बिगड़ गया है। कहीं कहीं दीवारें खड़ी सैयद अबटुल को कब्रपर हरमाल मेला लगता है। हैं। पहले पिहानौसे गोगरे तक सैयद राज्य करते नगरको चारा भोर तालाब भरे हैं। थे। किन्त गौर क्षत्रियों ने उन्हें परास्त कर नोचा औरत (अ० स्वा० ) १ स्त्री, लगाई। “पौरतपर हा देखाया। मुसलमान हो यहां बड़े जमोन्दार हैं। उठाना अच्छा नहीं।” (लोकोक्ति) २ पना, बोवो, जोड़ ।