पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/५८५

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कबूत-कंकर (कविकल्पद्रुम ) चुरादिगणीय धातुके उत्तर स्वार्थ में | पर भी कंकड़ ख बकूटा जाता है। कितने ही लोग । शिच पाता है। इसका सालन बनाते हैं। पहले अच्छे और मंझोले ३ पाणिनिके व्याकरणका प्रत्ययविशेष । कक्, कंकड़ धो डालते हैं। फिर उन्हें बेसनसे लपेट घी कन्, कप प्रभृति प्रत्ययोंका 'क'ही अवशिष्ट रहता है। या तेल में तलते हैं। अच्छी तरह पक जानेसे उन्हें । ___ (क्लो०) कायति शब्दं करोति, जीवो यस्मिन् | गर्म मसाला छोड़ धीमी आंच में कुछ देर रख छोड़ते सतीति शेषः, कै-ड। अन्य भ्योऽपि दृश्यते । पा २२।११..। हैं। यह सालन खाने में बहुत सोंधा लगता है। ४ मस्तक, मत्था। ५ जल, पानी। ६ सुख, पाराम।। २ क्षुद्रप्रस्तरखण्ड, रोड़ा। ३ कठोरांश विशेष, एक ७ केश, बाल। (पु.) कचति' दीप्यते स्वेन कड़ा हिस्सा। ४ पीनेकौ एक तंबाकू। यह बेतवेके ज्योतिषा, कच-ड। ८ ब्रह्मा। ८ विष्णु। १० प्रजा चढ़ती है। ५ रत्न, जवाहिरात। यह क्षुद्र, निर्माण- पति । ११ दक्ष । १२ कन्द । १३ अग्नि । १४ वायु ।। रहित और उच्चनीच रहता है। अट्ठारह कंकड़से १५ यम। १६ सूर्य। १७ अात्मा, रूह। १८ राजा, होनेवाला लड़कोका एक खेल 'अठारा ककड़ा बादशाह। १८ ग्रन्थ, किताब। २० मयर, मोर। कहाता है। २१ मन, दिल । २२ शरीर, जिस्म । २३ काल, वक्त। कंकड़ी (हिं. स्त्री०) १ क्षुद्रकर्कर, छोटा कंकड़। २४ धन, दौलत। २५ शब्द, आवाज। २६ प्रकाश, २ क्षुद्रांश विशेष, छोटा टुकड़ा। रौशनी। २७ पक्षी, चिड़िया। २८ रुद्र। २८ पर- कंकडीला (हिं. वि. ) कर्करयुक्त, जिसमें कंकड़ रहें। लोक । ३. किरण । (त्रि.) ३१ कौन, क्या। कंकन (हिं.) काय देखो। कइत (हिं० स्त्री०) पाखं, किनारा, तरफ़। कंकर, कंकड़ देखी। कइयां, कइत देखो। कंकरीट (अं० पु० = Concrete ) सहनिर्माण द्रष्य- कई (हिं. वि.) अनेक, कितने हो। विशेष, घर बनानेका एक मसाला। इसमें टटा पत्थर, कटा, कौवा देखो। बाल और चना रहता है। पानी में उक्त द्रव्य रासा- कउर, कौर देखो। . यनिक प्रक्रिया द्वारा मिलानसे यह तैयार होता है। कएक (दि.वि.) कई एक, कुछ, थोड़े। यह कंकरीट एक प्रकारका बनावटी पत्थर है। इसमें शब्द बहुवचनमें हो पाता है। लोहा भी मिला देते हैं। इसके धुवांकश, लट्टे और कं (हिं०) कम् देखो। हौज बनते हैं। दीवारों और गचोंमें यह बहुत लगता कंउधा (हिं० पु०) १ दूरस्थ विद्युत्का प्रकाश, दूरको है। लोग इसे कंकड़-पत्थर, ईट और लकड़ौसे बिजलौका-उजाला। कंउधा होना वर्षाका पर्व- अच्छा समझते हैं। . लक्षण है। कंकरीला, कडीचा दिखी। कंकर-नदी विशेष, एक दरया। यह नेपालके पूर्वाशमें | | कंकरेत (हिं. वि.) १ कंकरीला, जिसमें कंकड़ अवस्थित है। शिकिम और नेपाल एसोको दोनों रहें। (पु.). २ कंकरीट, नकली या बनावटी राज्योंके बीचको सीमा माना है। कंकड़-पत्थर। कंकड़ (हिं. पु०) ककर, चूर्णखण्ड, सकरीजा, कंकल (हिं० ) कल देखो। बजरी। यह मोटे चनेका पत्थर है। भारतमें कई कंकाली (हिं. पु.) जाति विशेष, एक कोम। स्थानपर भूमि खोदनेसे कंकड़ निकलता है। युक्त- कंकाली लोग एक प्रकारके नट हैं। यह किंगरी प्रदेश हो इसकी उत्पत्तिका प्रधान स्थान है। यह बजाकर भीख मांगते हैं। श्याम, खेत, प्रादि कई रंगका होता है। कोई कंकेर (हिं. पु०) ताम्बूल-विशेष, किसी किंसाका छोटा-छाटा रहता है। इससे चना बनाते हैं। सड़क | पान। यह कटु लगता है।