कन्यान्तःपुर-कन्याखयम्बर दौलत। अधिकारिणीके मरनेपर भाई इस धनको | राशि-छ । कनधाराशि-सम्बन्धीय, बुर्ज सुम्बलाके पाते हैं। मुतालिक । वन्यात:पुर (सं० ली.) कन्याया अन्तःपुरम्, ६-तत्।। कन्यारासी (हिं० वि०) १ जन्मके समय कनधाराशिमें कन्धाका वासस्थल, बेटोके रहने की जगह। चन्द्रमा रखनेवाला, जिसके पैदा होते वक्त चांद बुज- "कन्यान्तःपुरबोधनाय यदधिकारान्न दोषानुपम् ।" (नैषध ४) सुबुलामें रहे। २ निबल, कमजोर। ३ क्षुद्र, छोटा। कन्यापति (सं० पु०) कनयायाः पतिः, ६-तत्। जामाता, ४ नपुसक, नामदें। दामाद, लड़कीका शौहर। कन्यालोक (सं० पु०) कनाके विवाह सम्बन्धमें मृषा- कन्यापाल (म. पु०) कन्धाप्रधानः पालः, मध्य-1 वाद, लड़कोको शादीके लिये झूठी बात। यह मत पदली। शूद्रजातिविशेष। पाल देखो। २ कन्याका जैन स्वीकार करते हैं। पति, बेटीका शौहर। ३ कनयाका पिता, लड़कोका कन्यावेदी (सं० पु.) कनयां दुहितरं पाविन्दति, बाप। ४ अविवाहिता बालिका बेचनेवाला, जो कनवा-मा-विद-णिनि । जामाता, दामाद। बेव्याही लड़कियां फरोखत करता हो। (त्रि.) ५ कन्धाका प्रतिपालक, लडकीकी परवरिश कनयाका मूख्य, लड़कोका दाम। विवाहके समय वरसे करनेवाला। कनयाका पिता जो धन पाता, वही कनवाशुल्क कहाता वन्यापुत्र (सं० पु.) कनवायाः पुत्रः, ६-तत्। १ कनयाका है। किन्तु भारतके सुसभ्य लोगों में यह प्रथा निन्ध हैं। पुत्र, दौहित्र, नाती, पोता, बेटीका बेटा। २ अविवा- | कन्याश्रम (सं० लो०) तीर्थविशेष। इस तीर्थमें हिता स्त्रीका पुत्र, बेव्याही औरतका लड़का। संयत हो ब्रह्मचर्य-निष्ठासे विरात्र उपवास करने पर कन्यापुर (सं० लो०) कनयायाः पुरम्, ६-तत् । कनयाका | मनुष्य शत कनया पाता और पन्तको स्वर्ग जाता है। घर, बेटौका मकान्। "तत: कन्याश्रमं गच्छेत नियती ब्रह्मचर्यवान् । कन्याप्रदान (सं.को०) कन्धायाः प्रदानं वराय विरावोपषितो राजन् नियतो नियतशिनः । दानम्। कन्यादान, बेटोका विवाह। __ लभेत् कन्याशतं दिव्यं स्वर्गलोकञ्च गच्छति।" (भारत, वन ८३ १०) कन्यामतो (स'• पु०) कनवाभिः प्रार्थनीयो भतो. कन्यासंवेद्य (सं० लो०) तीर्थविशेष। इस तीर्थ में मध्यपदनो। १ कार्तिकेय। अतिशय रूपवान् रहनेसे नियमानुसार नियसाशन होनेसे ब्रह्मलोक मिलता कनमामात्र कार्तिक यकी भांति पतिकामना करती हैं। और कन्नार्थ पणु-परिमित भी दान करनेसे ट्रव्य २ जामाता, दामाद, लड़कीका शौहर। पक्षय रहता है। कन्याभाव (सं. पु.) कनवाया भावः, ६-तत् । कनयात्व, "कन्यास वेद्यमासाद्य नियतो नियताशनः । कनयावखा, वकारत। मनो: प्रजापतैलॊकानाप्नोति पुरुषर्षभ । कन्यामय (सं.वि.) कनया-मयट । १ कनद्यास्वरूप, कन्यार्थ' यत् प्रयच्छन्ति दानमखपि भारत । लडकी-जैसा। २ कनप्राविशिष्ट, लड़कियोंसे भरा पूरा। सदच्यमिति प्राहुऋषयः 'शितव्रताः।" (भारत) कन्यारत्न (सं• को०) कनधारनमिव, उपमिः। श्रेष्ठ | कन्यासमुद्भव (सं० पु०) अविवाहिता स्त्रीका पुत्र, कनया, असाधारण रूप वा गुणवती कन्या, अच्छी | वेव्याही औरतका बेटा। खड़की। कन्यासम्पदाम (सं• क्लो०) कन्यायाः सम्पदानम्, कन्यागम (सं० पु.) बुद्धविशेष। ६-तत्। कनवादान। कन्यादान देखो। बन्यागशि (२० पु०) कनयाख्यः राशिः, कर्मधा। कन्यास्त्रयम्बर (स० लो० ) कनाया स्वयं वियते यत्र, राशिविशेष, बुर्ज-मुम्बुला। कन्या देखो। कना-स्वयं-व-ख। कनयाकक स्वयं पतिग्रहण, जिस कन्धाराशीय (सं. वि.) कन्या-राशेरिदम, कना- शादीमें लड़को खुद अपना शौहर चुनें। . . .
पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/७५६
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