पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/७७

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इलायची-दाना-इलेक्ट्रिक ___इङ्गलेण्ड, अरब, जर्मनी, पादन और ईरान्को। १६४८ और कोई १६५४ ई० इनको मृत्य का समय भारतवर्षसे इलायची जाती है। इसका तेल पौला बताते हैं। होता और मन्द्राज प्रान्तमें बहुत खिंचता है। यह | इलाहीमुहर (अ० वि०) अखण्ड, अविकल, अकूता लगाते-लगाते ही चक्षुःको शीतलकर देता है। जो बिगड़ा न हो। (स्त्री०) २ आधि, अमानत, इलायची-दाना (हिं. पु०) १ एलावीज, इलाचीका | धरोड़। तुख म। २ किसी किस्मकी मिठायो। इलायची | इलाहौरात (हिं० स्त्रो०) जागरणको निशा, नींद छोलकर दाना निकालते और उसे चीनीमें पागते | न लेनेकी रात। हैं। इसी मिठायीका नाम इलायची-दाना है। इलि, इली देखो। इलायचौपण्ड (हिं. पु.) वन्यफल:विशेष, एक इलिका (सं० स्त्री०) इला खार्थे कन्, आकारस्य- जङ्गली मेवा। कारः टाप् च। पृथिवी, जमीन्। इलावतं (सं० पु.) जम्बद्दीपका एक खण्ड। | इलिनी (स. स्त्री०) इला अस्तार्थ इलि-डीप। इलाढत देखो। चन्द्रवंशीय राजा मेधातिथिको कन्या। (हरिवंश २२०) इलाहत (सं० लो०) इला पृथिवी वावृतः । १ जम्ब- | इलिय, इलौश देखो। होपके नववर्ष में चतुर्थ । इलाकृतवर्ष मेरुपर्वतको इली (सं० स्त्री०) इल-क-डोष । करपालिका, लपेटे है। इससे उत्तर नील, दक्षिण निषध, पश्चिम | कटारी। माल्यवान् और पूर्व गन्धमादन पर्वत है। २ बुध- | इलीविश (व० पु० ) असुर-विशेष । इसे इन्द्र ने जीता ग्रह । ३ पन्नीध्रके पुत्र। इन्हें पितासे इलावृत वर्ष था। (निरुक्त हा१८) मिला था। इलोश (सं० पु०) मत्स्यविशेष, हिलसा नामको इलाही (अ. पु.) १ परमेश्वर। २ शैख इलाही मछली। ( Clubea Ilisha ) संस्कृतमें इसे गाङ्गेय, नामक एक मुसलमान् दार्शनिक। ये बयानाके वारिकपूर, शफराधिप, जलताल, राजशफर, इल्लोश अधिवासी रहे। दिल्लीपति सलीमशाहके समय | और जलतापी भी कहते हैं। यह मत्स्य पारस्याप- इन्होंने एक नया धर्म निकाल बड़ी हलचल डाल दी | सागर, सिन्धुनदके उपकूल और भारतवर्ष, ब्रह्मदेश थी। इलाहोने अपनेको इमाम महदी बताया था। एवं मलयद्वीपको बड़ी-बड़ी नदीमें रहता है। कृष्णाम साम्राज्यमें उपद्रव बढ़ते देख १५४७ ई०को उक्त बाद- आश्विन, गोदावरीमें कार्तिक, कावेरीमें ज्येष्ठ, सिन्धु- शाहने इन्हें मरवा दिया था। (त्रि.)३ ईश्वरसे नदमें फाल्गुन-चैत्र और ब्रह्मदेशको इरावती नदीमें सम्बन्ध रखनेवाला। कार्तिक मास यह अधिक देख पड़ता है। गात्र चांदी- इलाहो-खच (अ० पु०) अतिशय व्यय, ज्यादा जैसा खेत होता, जिसपर सुनहला रङ्ग चढ़ा रहता है। बीच-बीच में कुछ-कुछ लाली भी झलका करतोहै। इलाही गज़ (अ० पु०) एक प्रकारका गज। यह | इलीश डेढ़ हाथ तक लम्बा होता और खाने में बहुत ४१ अङ्गुल होता और मकान् नापनेके काममें प्राता | अच्छा लगता है। इसके शरीरमें तेलपदार्थ अधिक है। अकबर बादशाहने इलाही गज चलाया था। रहता है। वैद्यमतसे यह मधुर, स्निग्ध, रोचक, अग्नि- इलाही मौर-हमदान् रशीदाबादवासी सैयदोंके गोवा वर्धक, पित्तकर, किञ्चित् लघु, वृष्य और वायु- पत्य। ये जहांगीरके अन्तिम राजत्वकालमें भारत नाशक है। वर्ष आये और फिर शाहजहाँके नौकर बने। इन्होंने इलष (वै० पु०) कवषके पिताका नाम। 'खजीनगञ्ज इलाहों' नामक जीवनवृत्तान्त और इलेक्ट्रिक (अं० वि० = Electric) विद्युत्-सम्ब- सकाम गौतयुक्त एक दीवान् बनाया है। कोई धीय, बिजलीसे ताल्लुक रखनेवाला। ताड़ित देखो।