इष्वस्व-इसमाईल इष्वस्त्र (स'० लो०) इषुरेवास्त्रम्। वाणास्त्र, तौर ; हौसला। ५ भावाथै, मतलब। ६ सार, निचोड़। हथियार। "ध्वस्त्रे ज्ये ठो बभूव ।" (रामायण) ७ प्रकृति, कु.दरत। ८ भूत, शैतान्। ८ रस, अर्क । इष्वास (स० वि०) इषवोऽस्यन्ते अनेन, इषु अस १० सुरा, शराब । चीन और भारतवर्ष इसपिरिट करणे घञ् कतैयण वा। १ वाणक्षेपक, तौरन्दाज़। बहुत प्राचीन समयसे बनते आयी है। यह विशुद्ध (लो०)२ चाप, कमान् । सुरा होती, जो आग लगते ही भड़क उठती है। इम (सं० अव्य.)१ कोप! गुस्सा! मारो! पकड़ो! मद्य, मुरा और सुरासार देखो। २ सन्ताप! जलन ! ३ टुःख। अफसोस ! हाय! इसपेशल (50% Special ) १ असामान्य. गैर- ४ भावना। खयाल ! देखो। मामूली। (स्त्रो०) २ असामान्य रेलगाड़ी, गैर- इस (हिं० सर्व०) 'यह' शब्दका रूप विशेष। मामूली ट्रेन। यह किसी समय विशेष वा व्यक्ति विभक्ति जुड़ते समय 'यह' शब्द बदल कर 'इस' हो विशेषके लिये छूटती है। प्रायः बड़ेलाट, छोटेलाट जाता है। जैसे-दूसने, इसको, इससे, इसके लिये, और राजा-महाराज इसपेशल पर ही आते-जाते हैं। इसमें, इसका, इसपर। कहीं बड़ा मेला लगनेसे रेलवे कर्मचारी इसे समय- इसकन्दर-सिकन्दर बादशाह । अलेक्सन्दर देखो। समयपर छोड़ा करते हैं। इसपन (अं० पु. = Sponge) इसफञ्ज, मुवा- इसबगोल (फा..पु.) एक प्रकारका वृक्ष, कोई बादल। यह समुद्रमें रहनेवाला एक प्रकारका जोव दरख त ( Plantago ovata) यह पौदा पञ्जाबमें है। यनानी शूरवीर इसे अपनी टोपीपर लगाते थे। सतलजसे पश्चिम स्पेनतक उत्पन्न होता है। प्रथमतः कोई इसपञ्ज बहुत छोटा और कोई बड़ा होता है। ईरानसे इसे लोग भारतवर्ष लाये थे। वीज ही व्यव- इसके भीतर चक्कर और ऊपर छेद रहते हैं। इन्हों हारमें आता, जो तिल-जैसा, भूरा और गुलाबी होता छेदोंसे जल और वायु इसपच्चके भीतर पहुंचता है। इसबगोल शीतल एवं कोमल है। यह प्रदाह और बाहर निकलता है। यह बहुत कोमल और तथा पित्तको बढ़ाता और पाकयन्त्रीय रोगमें विशेष प्रायः तीन प्रकारका है। इसपञ्ज भूमध्यसागर, उपकार देखाता है। वोजको तिलके साथ कूट-पीस फोरिडा-सागरतट और बहामा दीपसे आता है। और तेल मिला पुलटिस चढ़ानेसे ग्रन्थिबातका स्फोत मानका इसपज उथले जलमें उपजता है। लोग | स्थान अच्छा हो जाता है। पुरातन उदरामयपर गोता या कांटा लगा इसे समुद्रसे निकालते हैं। इसबगोल बहुत हितकर है। इसका क्वाथ काशरोग इसपजका रेशा पानीसे अलग होते ही छट पर चलता है। ईरानसे कितना ही वीज बम्बई जाता है। फिर इसे धो कूटकर साफ़ करते और शहर आता है। यूनानी हकीम इसे बहुत व्यवहार डोरीमें लटका सुखा लेते हैं। इसपञ्जका भार बढ़ा करते हैं। यह चिपचिपा, शीतल एवं सङ्घोचक नेके लिये नमक, गुड़, शीशा, ककड़, बालू और होता और मूत्रकृच्छ्र, मूत्ररोध, मूत्राघात, आमरक्त, पत्थर भर देते हैं। यह बहुत जल्द बढ़ा करता है। रक्तातिसार, उन्माद, दाह प्रलाप, तथा मादकताको इसपात (हिं• पु०) अयस्पत्र, फौलाद, कड़ा लोहा। खोता है। आजकल कितने ही बड़े-बड़े मकान् इससे बनाये जाते | इसबन्द (फा० पु०) कालादाना, राई। हैं। वह बहुत मजबूत होते और आग लगनेसे भी इसमाईल-१ प्रथम इब्राहीमके पुत्र। २ एक मुसलिम खड़े रहते हैं। लौह देखो। योगी। बाजीगर खेल देखाते समय इसमाईलका इसपार (हिं. क्रि० वि०) इस ओर, इस तर्फ। नाम ले लेते हैं। ३ ईरानके एक सम्राट । इनके इसपिरिट (अं० = Spirit). १ प्राण, जान् । पूर्वज साधु समझे जाते थे। यह १४८७० को उपजे. २ आत्मा, रूह। ३ चित्त, तबीयत । उत्साह, | और १५२४९०को मर गये। .. . Vol. III. 22
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