१२ दूसलामगढ़-इस्तिजा लाम खान् मरे और इकराम खान् बङ्गालके सूबेदार। इनकी मृत्यु हुयो। सहारनपुरमें अपने मकान्पर बने। आगरेके पास फतेहपुर-सीकरीमें इनकी कबर है।! ही मौलानाको कबर बनी है। इसलामगढ़-राजपूताना प्रान्तभागमें भावलपुरके अन्त- | इसायी, ईसाई देखो। गत एक दुर्ग। खानपुरसे जैसलमेर जानके पथपर इसोका (हिं०) १ 'यह' का सम्बन्ध कारक । दशोका देखा। यह टुर्ग खड़ा है। पहले इसपर जैसलमेर के राज- इसे (हिं. सर्व०) इसको, इसके लिये। 'इसे' यह पतोंका अधिकार था, किन्तु भावलपुरके खानौने | शब्दके कर्मकारक और सम्प्रदानकारकका रूप है। उनके हाथसे छीन लिया। इस्कात (१० पु०) पतन, गिराव। इसलामनगर-युक्त प्रदेशस्थ बदायू' जिलेके अन्तर्गत इस्कात इमल (अ० पु०) गर्भपात, पेटका गिराना। बिसौली परगनेका एक नगर। यह अक्षा०२८°१८ इस्कातर Eseritoire ) सम्पटविशिष्ट ४५“७० और द्राधि० ७८.४६ पू०के मध्य अवस्थित लेखनमञ्च, खानेदार लिखने का मेज। है। इस नगरके चारो पोर आमका बाग़ लगा है। इस्कार्दी (स्काद)-काश्मीर-राज्यान्तर्गत बलती इसलामाबाद-१ बङ्गालके चट्टग्राम जिलेका एक प्रधान | नामक प्रदेशका एक नगर। यह अक्षा० ३५° १२’ नगर। चट्टयाम देखो। २ काश्मीरका एक नगर। यह | उ० और ट्राधि० ७५° ३५ पू० के मध्य अवस्थित तथा अक्षा० ३३. ४१ उ० तथा द्राधि० ७५°१७ पू०के पर्वतमाला द्वारा वेष्टित है। नगरमें एक दुर्ग बना है, मध्य भेलम नदी किनारे गिरिशृङ्गपर अवस्थित है। जो पर्वतपर निकटस्थ सिन्धुनदीसे ८०० फीट ऊंचा गिरिके नीचे प्रस्रवण है। सुनने में आता है, कि खड़ा है। काश्मीरराज गुलाबसिंहने स्थानीय राजा अह- विष्णुने उक्त प्रस्रवण बनाया था। इसका प्राचीन | मद-शाहसे इसे छोन अपने राज्यमें मिला लिया था। नाम अनन्तनाग है। अम्बरनाथ जानेवाले यात्री इस्तमरार (अ० पु०) १ सनातनत्व, क्याम, ठह- इसी स्थानसे आहार्य संग्रह करते हैं। ई०के १८वें राव। २ एकाधिकार, बेरोक कबजा । काननमें नियत शताब्दमें मुसलमानोंने इस नगरका नाम इसलामाबाद और अपरिवर्तनशील करको इस्तमरार कहते हैं। रक्खा था। यहां काश्मीरी शाल और नानाप्रकार रुई इस्तमरारदार (अ० पु०) क्षेत्र वा पट्टका सनातन एवं ऊनका कपड़ा बिकने आता है। केसर खुब . अधिकारी, जो शख्स खेत या पट्टे पर हमेशाके लिये मिलती है। कबजा रखता हो। इसलाह (अ० स्त्री.) १ संशोधन, दुरुस्ती, सुधार। इस्तमरारी (अ० वि०) १ सनातन, कायम, कभी २चिवुककेश, टड्डीका बाल । न बदलनेवाला। (स्त्री०) २ नियत पट्टधी भूमि, इसहावखान्-दिल्लौ-सम्राट मुहम्मद शाहके एक अति कायम पट्टे को जमीन् । प्रियपात्र बन्धु। इनको उपाधि मोतमिन-उद्- इस्तिकबाल (अ० पु.) १ स्वागत, अगवानी। दौला और प्रकृत नाम मिर्जा गुलाम अली था। २ भविष्यत्काल, जमाना आइन्दा। ये अच्छी कविता बनाते थे। १७४० ई०में इनको इस्तिकलान्त (अ. पु०) १ दृढ़ता, मजबूतो। २ स्थिरता, मृत्यु हुई। १७४६ ईमें इनको कन्याका विवाह क.याम। सफदर-जङ्ग के पुत्र शुजा-उद-दौलाके साथ धूमधामसे इस्तिनौ (हिं० स्त्री०) जहाजी रस्मी। यह चिनीम किया गया था। लगती है। पालको इसीसे तानते और खोंचते हैं। इसहाक मौलाना-पञ्जाब प्रान्तस्थ मूलतान जिलेवाले यह अंगरेजी string शब्दका अपभ्रंश है। उच्छा स्थानके एक पढ़े-लिखे मुसलमान् । युवावस्थामें इस्तिजा ( अ० पु०) १ मूत्रोत्सर्ग, पेशाब करना, इन्होंने अपनेको चाचा सैयद सदर-उद-दीन राजू | मुतायो। २ मूत्रपुरीषोत्सर्ग के पश्चात् करशुद्धि, हाथ- कचासको देख रेखपर छोड़ रखा था। १४५६ ई में पानीका लेना। ३ मूवोत्सर्गके पश्चात् मृत्तिका
पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/९३
दिखावट