पृष्ठ:हिंदी विश्वकोष भाग ३.djvu/९८

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२७ ईद-उज-जुहा-ईम् शबरात भी एक प्रकारको ईद है। किन्तु इसमें सिर्फ । ईदृश, ईदृक् देखो। प्रधान साधुवोंके नामपर फातिहा पढ़ा जाता है। ईदृश (सं० त्रि०) इदम्-दृश-घञ्। १ एवम्भूत, ऐसा। नौरोज़ भी कोई छोटी ईद नहीं होती। सूर्य के । (अव्य०) २ इसप्रकार, इसतरह, ऐसे। मेषराशिपर थानेसे यह उत्सव मनाया जाता है। ईप्सन (सं० लो०) ईसा देखो। सब लोग करीब काले या किरमिजी रङ्गका कपड़ा ईसा (सं० स्त्रो०) आप-सन्-अङ-टाप। वाञ्छा, पहनते हैं। राजा अपने सिंहासनपर बैठते हैं और खाहिश, चाह। अमीर-उल्-उमरा, दरबारी तथा नौकर चाकर नज़र ईप्सित (सं० त्रि०) प्राप्त मिष्टम्, प्राप्-सन् कर्मणि गुजारते तथा मुबारक बाद देते हैं। 'मुबारक क्त। वाञ्छित, ख़ाहिश किया हुआ, जो चाहा गया हो। नौरोज' कहकर सलाम किया जाता है। इस दिन इप्सितफल (सं० पु०) नारिकेलवृक्ष, नारियलका खेल-तमाशा होता है, नज़राना दिया जाता और दर- पेड़। बारमें खाने के लिये नाश्ता मिलता है। लोग आपसमें | ईप्स (सं०त्रि.) आप-सन्-उ। १प्राप्तिको चेष्टा एक दूसरेसे मुलाकात करने भो जाते हैं। करनेवाला, जो हासिल करनेकी कोशिशमें लगा हो। - २ उत्सव, जलसा। २ प्राप्तिको इच्छा रखनेवाला, जो हासिल करना ईद-उज-ज.हा (अ० स्त्रो०) बकरीद, मुसलमानोंका चाहता हो। एक उत्सव। यह जिलहज महीने में होती है। “धर्मप्सवस्तु धर्मचा: सतां वृत्तिमनुष्ठिताः।" (मनु ११२७) ईद-उल-फितर (अ० स्त्री.) उतसव विशेष, मुसल- इप्सयन (सं० पु०) सोमयज्ञ विशेष। सोमयाग देखो। मानोंका एक जलसा। यह शव्वाल महीने में पडती है। ईफा (अ० पु.) निष्पत्ति, साधन, अजामदिही, ईदगाह (अ. स्त्री०) उन्नतस्थान विशेष, एक चबू. नबड़ा। यह यौगिक शब्दों में लगता है। तरा। मुसलमान प्रधानत: ईद या दूसरे धर्मोत्सव- ईफा-डिगरी (प. और अं. मिश्रज) डिगरीके रुपयेको के दिन इस जगह नमाज पढ्नको इकट्ठा होते हैं। निष्पत्ति, डिगरौका रुपया दे देना। ईदी (अ० स्त्रो०) १ उत्सवोपहार, ईद या किसी ईफावादा (अ० पु०) प्रतिज्ञा साधन, इकरारको जलसेको भेंट। २ उतसव-सम्बन्धीय कविता, ईद या अञ्जामदिहो, बातका पूरा करना। किसी जलसेको शायरी। ३ उत्सव-सम्बन्धीय कविता ईबीसीबी (हिं० स्त्री०) सम्भोगजनित शब्द विशेष, लिखनेका पत्र, जिस काग़ज़में ईद या किसी जलसेको सीसीको आवाज़, सिसकारी। शायरी लिखी जाय। ४ उतसव-सम्बन्धीय कविता ईबनबतूता (इबबतूता)-एक अरब पर्यटक। इन्हें लिखनेका पारितोषिक, ईदकी शायरी बनानेका मुहम्मद तुगलकने दिल्लीका विचारपति बना दिया इनाम। इसे छात्र अपने मुसलमान गुरुको देते हैं। था। 'सफर इब्नबतूता' नामक ग्रन्थ इन्होंने लिखा ५ उत्सवके दिन बालकोंको दिया जानेवाला धन, है। १३३२ में ये मक्के तीर्थयात्रा करने गये जो रुपया-पैसा ईदके दिन लडकीको खाने और थे। इनके उक्त ग्रन्थमें अरबका विशेष वर्णन नहीं खेलनेको दिया जाता हो। मिलता। मक्काके विषयमें इन्होंने इतना ही कहा है.- ईट्टक (सं० त्रि.) इदमिव दृश्यते, इदम्-दृश-क्विण, “परमेश्वर इसे बड़ा बनाये।" इद क्रिमोरीश की। पाहाशः । इति ईश इत्यादेशः। १ एव- ईम् (वै० अव्य०) १ अच्छा ! हां! ठीक है! २ बस! म्भत, ऐसा । (क्लो०) २ एवम्भूत अवसर, ऐसी हालत । ठहरो! यह प्रायः छोटे शब्दों के अन्तमें वाक्य प्रारम्भ ईक्ता (सं० स्त्री०) ईदृशो भावः, ईदृश -तल-टाप् । होते समय अथवा सम्बन्धवाचक सर्वनाम, यद् अव्यय, इस प्रकारका भाव, ऐसी हालत। उपसर्ग और आत, उत तथा अथ आदि निपातोंके पौके "वियोरिवास्यानवधारणीयमौतया रूपमियत्नया वा।” (रघु १३२५) । लगता है। Vol III. 25