पृष्ठ:हिंदी व्याकरण.pdf/४२५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(४०४)
  • दायक—सुखदायक, गुणदायक, आनंददायक, मंगलदायक, भयदायक।
  • दायी—दायक के समान। (स्त्री॰—दायिनी।)
  • धर—महीधर, गिरिधर, पयोधर, हलधर, गंगाधर, जलधर, धाराधर।
  • धार—सूत्रधार, कर्णधार।

धर्म—राजधर्म, कुलधर्म, सेवाधर्म, पुत्रधर्म, प्रजाधर्म, जातिधर्म।

नाशक—कफनाशक, कृमिनाशक, धननाशक, विघ्नविनाशक।

निष्ठ—कर्मनिष्ठ, योगनिष्ठ, राजनिष्ठ, त्रह्मनिष्ठ।

पर—तत्पर, स्वार्थपर, धर्मपर।

परायण—भक्ति-परायण, धर्म-परायण, स्वार्थ-परायण, प्रेम- परायण।

बुद्धि—पापबुद्धि, पुण्यबुद्धि, धर्मबुद्धि।

भाव—मित्रभाव, शत्रुभाव, बंधुभाव, स्त्रीभाव, प्रेमभाव, कार्य- कारणभाव, बिब-प्रतिबिब-भाव।

भेद—पाठ-भेद, अर्थभेद, मतभेद, बुद्धिभेद।

युत—श्रीयुत, अयुत, धर्मयुत।

[सु॰— 'युत' का 'त' हलंत नहीं है।]

रहित—ज्ञानरहित, धनरहित, प्रेमरहित, भावरहित।

रूप—बायुरूप, अग्निरूप, मायारूप, नररूप, देवरूप।

शील—धर्मशील, सहनशील, पुण्यशील, दानशील, विचारशील, कर्मशील।

  • शा—भाग्यशाली, ऐश्वर्यशाली, बुद्धिशाली, वीर्यशाली।

शून्य—ज्ञानशून्य, द्रव्यशून्य, अर्थशून्य।

शूर—कर्मशुर, दानशूर, रणशूर, आरंभशूर।