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(हिंदी) रसोईघर, घुड़बच, ठकुर-सुहाती, हथकडी, रोकड़बही।

(उर्दू) राहखर्च, शहरपनाह, कारवाँ-सराय।

अपादान-तत्पुरुष—

(संस्कृत) जन्मान्ध, ऋणमुक्त, पदच्युत, जातिभ्रष्ट, धर्म-विमुख, अवतारण, इत्यादि।

(हिंदी) देश-निकाला, गुरुभाई, कामचोर, नाम-साख, इत्यादि।

(उर्दू) शाहजादह।

संबंध-तत्पुरुष—

(संस्कृत) राजपुत्र, प्रजापति, देवालय, नरेश, पराधीन, विद्याभ्यास, सेनानायक, माधव (लक्ष्मीपति) पितृ-गृह, इत्यादि।

(हिंदी) बनमानुस, घुड़-दौड़, बैलगाड़ी, राजपूत, लखपती, पनचक्की, रामकहानी, मृगछौना, राजदरबार, रेतघड़ी, अमचूर, इत्यादि।

(उर्दू) हुक्मनामा, बंदरगाह, आबरू, नूरजहाँ, शकरपारा, (शक्कर का टुकडा=मेवा, पकवान)।

[सू॰—पष्ठी तत्पुरुप के उदाहरण प्रायः सभी भाषाओं में बहुतायत से मिलते हैं। अधिकांश व्यक्तिवाचक संज्ञाएं इसी समास से बनती हैं।]

अधिकरण-तत्पुरुष—

(संस्कृत) ग्रामवास, गृहस्थ, निशाचर, कलाप्रवीण, कविश्रेष्ठ, गृहप्रवेश, वचनचातुरी, जलज, दानवीर, कूपमंडूक, खग, देशाटन, प्रेम-मग्न, इत्यादि।

(हिंदी) मनमौजी, आप-बीती, कानाफूसी, इत्यादि।

(उर्दू) हर-फन-मौला।