पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१०८

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खोगोर ११५४ खोगीर-इंदा पुं० दे० [फा० सुगीर] दे॰ 'खुगीर । खोटत, खोटा-संवा मी० [हिं० खोट+ता (प्रत्य॰)] खोटाई। खोचकिल-संसा गुं० [देश०] चिड़ियों का खोता । घोसना । बुराई । खोटापन।-(क्य०)। उ०---अमरापति धरणन खोज संसी- [हिं० खोजना] १. अनुसंधान । तलाश । शोध । पर लोटत । रही नहीं मन में कछु खोटत ।—सूर (शब्द०)। - क्रि० प्र०-करना !--सपाना होना । खोटपन ---संज्ञा पुं० [हिं०] दे० 'खोटापन'। . .. महा०-खोज खबर लेना हालचाल जानना ! . खोटा--वि० [सं० कुद्र या होट-सोड़ी (इपित) [ी. खोटी] २.चिह्न। निशान । पता । 30--(क) रख कर बोज कतहु' जिसमें कोई ऐब हो। । दूपित । बुरा । रा' का उलटा । जैसे-तोटा रुपया, खोटा सोना, खोटा प्रादमी। महि पावहिं। रान राम कहि चहु दिसि धावहिं ।-तुलसी मुहा०-खोटा खरा-भला बुरा। उत्तम और निकृष्ट । सोटा (शब्द०)। (ड) राखौं नहिं काहू सब मारी। ब्रज गोकुल खाना=बेईमानी से या बुरी तरह से कमाकर खाना । उ०- . को खोज निवारों -सूर (शब्द०)। फाटक बैंक हाटक मांगत भोरो निपट सुधारी । धुर ही ते क्रि० प्र०-पाना ।-लगाना । खोटो डायों है लिए फिरत सिर भारी।-सूर (शब्द०)। महा-पोज मिटाना=नष्ट करना । ध्वस्त करना । बरबाद खोटी फरना खोटापन या बुराई करना । खोटी बोलना= करना ! चिह्न तक न रहने देना। सुरी बात बोलना। खोटी खरी सुनाना=दुर्वचन कहना। ३. गाड़ी के पहिए की लीक अथवा पैर आदि का पिन । उ०- डाँटना ! फटकारना । चंदन मांझकरभिन खोज् । घोहि को पाव को राजा भोजू। खोटाई संपली हि खोटा+ई(प्रत्य०1१.बुराई। दुष्टता। जायसी (शब्द०)। क्षुद्रता । २. छल । कपट । १०-अहह बंध ते कीन्ह खोटाई । मुहा०-होल मारना लीक या पर यादि का चिहन इस प्रकार प्रथमहि मोहि न जगायसि प्राई 1-तुलसी (शब्द०)। ३.दोष । चाना या नष्ट करना जिसमें कोई पता न लगा सके। ऐव । नुक्त। 1०-खोज मारि रथ हाकहु ताता ! प्रान उपाय बनाह खोटाना-क्रि० प्र० [हिं०] दे॰ 'खुटना' या 'खुटाना। नहि बाता।-तुलसी (शब्द०)। खोटापन संज्ञा पु० [हिं० खापन (प्रत्य॰)] खोटा होने का खोजक-वि० [हिं० खोज+क (प्रत्य॰)] खोज करनेवाला। भाव। क्षुद्रता। .. ढ़नेवाला । तलाश करनेवाला ।-(क्व०)। खोटि---संद्या स्त्री० [सं०] चालाक औरत । चालवाज या चालू औरत । खोजना-रि० स० [सं० खज=चोराना) तलाश करना । पता मक्कारा किो०)। , लगाना । ढूंढना। खोड-वि० [सं०] छिनांग । अपंग । विकलांग | लेंगड़ा लूला [को०] । . संयो० कि०.-- बालना।-मारना ।" रखना। खोड़ --संहा बी० [हि खोट] देवता, पितर, भूत, प्रत आदि का ___ खोजमिटा- वि० [हिं० खोज+मिटना] [स्त्री.] जिसका चिह्न कोप । देवकोप । कपरी फेर । जैसे,--उसे किसी देवता की " न रह जाय । जिसका नामनिशान न रह जाय । जो सत्या- नाश हो जाय । नष्ट (यह शब्द स्त्रिया परस्पर अधिक खाड़ -संज्ञा पुं० [सं० फोटर वह छेद जो बक्ष की लकड़ी जाने से होता है। उ०—मानह पाया है राज कछ पढ़ि ऐसे . बोलती हैं।)। से ऐसे पलाम नबोड़े।-मतिराम (मन्द०)। खोजवाना-कि० स० [हिं० साजना] खोजना बारमार्भक रूप। खोड़-वि० [सं० खोड] ३० 'खोई। पता लगवाना।डवाना। खोड़रा-संचा पुं० [सं० कोटर] पुराने पेड़ का खोखला भाग। खोजा--संवा पुं० [फा० एवाजह.] १. वह व्यक्ति जा मुसल- खोड़ा--वि० [हिं० खांदा दे० 'खोडा'। ' मानी करमों में बार रक्षक या सेवक की भांति रहता है। खोद'--संज्ञा पुं० [फा० खोद] लोवे का बना प्रा टोप जिसे योद्धा २. सेवक । नौकर । ३. माननीय व्यक्ति । सरदार। ४. लड़ाई के समय पहनते थे । टोप। । शिरस्त्राणा . मुसलमानों की एक जाति जो अधिकांश महाराष्ट्र प्रदेश में खादा-संहा पुं० [हिं० खोदना] जाँच परताल Tware - रहती है। यौ०-खोद विनोद । खोजाना-कि० स०(हि. खोजना] दे० 'खोजवाना' । खोदई-संध पु० [देश॰] एक छोटा पड़ को हिमालय की तराई में खोजी -वि० [हि खोज-ई (प्रत्य॰)] खोजनेवोला। होता है। यह रंगने और दवा के काम में ग्राता है। टूटनेवाला । २.नौकर ।-(क्व०)।३. शोधकता । अन्येषक विशंप-३० "सोज । (व्यंग्य)। खोदना--वि० स० [सं० सुद-भेदन करना] १.किसी स्थानको .. खोट'-संमा सी० [सं० खोटखोडा (दुपित)]१ दोप। ऐय। बुराई। . गहरा करन के लिये वहां की मिट्टी भादि उखाड़कर फेकना। 30-सूरदास पारस के परसे मिटत खोह की खोट । सूर गढ़ा करना । खनना । जैसे, जमीन खोदना, मोखोदना । . (शब्द०।। २. किसी उत्तम वस्तु में निकृष्ट वस्तु की संयो० कि०-बालदा।--किना मिलावट । ३. वह निकृष्ट वस्तु जो किसी उत्तम वस्तु में २. खोदकर या उखाड़कर गिराना। पंडा-कुश योदना, घर मिलाई जाय ! खोद डालना । ३. किसी कड़ी वस्तु पर पैनी या नुकीली - खोट-वि० दे० 'खोटा'। . वस्तु में कृष्ठ दिह. या या बेल बूटे यानि मनाना । माहाशी