पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/२५६

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गेह्य १३३३ गैवर गेह्य-संज्ञा पुं० [सं०] १. गृहकार्य । मुहप्रबंध । २. संपत्ति [फो०] । सूचना छपती है जिनका पद बड़ा और महत्व को समझा : गेह्य-वि० १.घरेलू । गेह संबंधी ! २. घर में ही रहनेवाला कि० । जाता है। इस प्रकार गवर्नर तक की नियुक्ति की सूचना गैंची-संश्च स्त्री० [देश॰] एक प्रकार की छोटी मछली । उ०-एक गैजेट में निकलती है । इनके वेतन का विशेष कम होता है। . दो सेर गैची मछली निकाल लाएगी।-ला०, पृ० १३ । इनकी नियुक्ति लोकसेवा आयोग द्वारा होती है । सब इंस्पेक्टर, गेंटा-संज्ञा पुं॰ [देश॰] कुल्हाड़ी। जमादर प्रादि छोटे कर्मचारियों की नियुक्ति की सूचना गजेट गेंडा-संशा पुं० [सं० गए डक] भैसे के आकार का एक बड़ा पशु जो में नहीं निकलती। नदी के किनारे के ऐसे दलदलों और कछारों में रहता है जहाँ गैताल-संशा पुं० [देश०१.निम्न धेणी का बैल । २.साधारण... जंगल होता है। पशु। ३.वेकार चीज । विशेष---यह जंगली झाड़ियों की जड़ों और नरम कोपलों को गैताल-वि०१. नष्ट । बरवाद । २.ट्टा फूटा । निकम्मा । वकार। मार खाता है और प्रायः कीचड़ में पड़ा रहता है । यह जिस प्रकार ३.समाप्त। डीलडौल में बड़ा है उसी प्रकार बलवान भी होता है, पर तीe r पर गैती-मंशा स्त्री॰ [देश॰] एक पेड़ जो हिमालय के किनारे होता है। , बिना छेड़े किसी से बोलता नहीं। इसे काटनेवाले कुकुरदंत विशेष इसको लफड़ी बहुत मजबूत और अंदर से सुर्ख होती । नहीं होते केवल दाढ़े होती हैं। इसके पैरों में तीन तीन उँगलियाँ होती हैं। इसका चमड़ा बिना वाल का तथा है। यह नक्काशी के लिये बहुत अच्छी होती है और इससे .. अत्यंत मोटा और ठोस होता है। इसकी नाक की हड्डी अनेक प्रकार के सामान बनते हैं। कुमाऊँ और नेपाल में इससे . बड़ी मजबूत होती है और उसपर एक पैना सींग होता डोल और कटोरे भी बनाए जाते हैं। .. है जो चमड़े और बालों से दूर तक ढका रहता है। गन' । संक्षा पुं० [ से० गमन ] गैल। मार्ग । रास्ता । उ०—(क) ऋद्ध होने पर यह इसी से चोट करता है। इसके चमड़े की प्रीत चलावै जित इन्हें तितै धरै ये गैन । नेह मनोरथ रथ . ढालें बनती हैं। इसके थूथन पर सींग का भारतवर्ष में रहे वे अवलख हय नन ।-रसनिधि (शब्द०)। (ख) । अर्धा बनता है जो पितृतर्पण के लिये उत्तम माना जाता है। तारायन शशि रैन प्रति स र होहिं शशि गैन तदपि अंधेरो है गंगासागर के पास सुदर वन में गड़े बहुत मिलते हैं। सखी पीउ न देखे नैन ।--रहीम (शब्द)। . .. गैती-संशा धी० [सं० खनिधिका अथवा गत कृत] जमीन खोदने का गैन'-संज्ञा पुं० [सं० गगन, प्रा० गयण ] गगन । ग्रासमान। .. एक औजार 1 कुदाल । आकाश । ३०-योछे बड़े न ह सके लगौं सत्तर हजैन।' : गैंद' -संशा पुं० [हिं० गयंद] दे॰ 'गयंद'। उ.--चित्र महावत दीरघ होहिं न नेक फारि निहार नैन। बिहारी (शब्द॰) । गैद बहुरि उतर न अवर पर।--पृ० रा०, २५६३४ । गना-संघा पुं० [हिं० गायखौ गैनी1 छोटी जाति का वैल। - गेंद -मंशा गुं० [हिं० गेंद] दे० 'गेंद' । उ०-लै लै गेंद परसपर नाटा बैल । उ०-गैना नैना लाल के हित मैं जानत नाह नहे. ... मेले । वाल बृद मिलि मिलि सुख झेलें ।-ह. रासो०, नेह के बहल में घुरला जानत नाह !---रसनिधि ( शब्द०)। पृ० २६ । गैना --संज्ञा पुं० [हिं० गव] दे० 'गैन'। उ०-भग्गिय सब सैना' गैंदुवाल-संता पुं० [हिं० गेंदा] दे॰ 'गेदा' । उ०- कंठ फूल बनगो, लखत न गैना वुल्लत बैना दीन त।-५० रातो, पृ० १२६ । फैटा फूल फूल गादो, गैदुवा फूल । हँस बैठे हैं स्यामा स्याम गैनारिपु-संज्ञा पुं० [हि गन--अरि-चक] सहस्रार । ग्रह्माङ । सोभा को नहिं पार ।-नंद ग्रं॰, पृ० ३७६ । -प्राण ०, पृ० २८०। जन -संज्ञा पुं० [सं० गगन, प्रा० गगण, गयण ] दे० 'गगन'। . उ०-गन गहर गंभीर धुनि सुनि ससंक भय गात ।-पृ० । गैफल-संधा पुं० [?] जहाज के आगे की तरफ का एक छोटा सा रा०६।३१। पाल।-(लश०)। गंवर--संघा पुं० [हिं० गैवर] दे० 'गवर' । उ-है गै गंवर सघन फलकंजा-संशा पुं० [?] पाल को चढ़ाने उतारने की एक रस्सी। धन छत्र धजा पुरराइ ।-कबीर पं०, पृ०५३ । गंज-संवा पुं० [अ० गैज] अति क्रोध । भारी गुस्सा। गंव-संज्ञा पुं० [अ० गव ] परोक्ष । वह जो सामने न हो। उ०--' गैजेट-संश पुं० [J० दे० 'गजेटियर' । भया उजाला गैर का, दौड़े देख पतंगा।-दरिया वानी, .. गजेटियर--संज्ञा पुं० [अं० गैजेटियर वह पुस्तक जिसमें कहीं का पृ०१३। भौगोलिक, ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक वत्त वनक्रम से हो। यौँ-गैबदाँ। गधदानी। भौगोलिक कोश। जैसे-डिस्टिक्ट गजेटियर इंपीरियल गैवत-संज्ञा स्त्री० [अ० गवत] १. अनुपस्थिति । गैरहाजिरी। २...। गजेटियर। . पीठ । पीछा । परोक्ष। ३. अंतर्धान होना। ४. निंदा । चुगली । गैजेटेड अफसर--संक्षा पुं० [अ० गैजेटेड आफिसर ] वह सरकारी गौबदा---वि० [अ० गाव+फा० दा (प्रत्य॰)] परोक्ष का जाननेवाला ॥ सरकारा गजर में सर्वदेश और सर्वकालज्ञ। ऐसी बातों का जाननेवाला जो । प्रकाशित होती है। राजपत्रित कर्मचारी। .. प्रत्यक्ष और अनुमान द्वारा न जानी जा सके । । विशेष सरकारी गैजेट में उन्हीं कर्मचारियों की नियुक्ति की गैवर--संशा पुं० [देश॰] एक चिड़िया।. । .. दा . गैजेंटेड अफसर-संधा नियुक्ति की सूचना सरकारी गजट में