पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/३४

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खंडी खंडपाल . खंडपाल-संज्ञा पुं० [सं० खण्डपान] मिठाई बनाने और वैचनेवाला। एह मन मारि गोइ लए गिडा । एक पंच सिउँ खेल खंडा!- ... हलवाई।": . प्राण०, पृ० ३११ खंडप्रलय- सेंडा पुं० [सं० खण्डप्रलय] वह प्रलय जो चतुर्युगी या खंडा-संज्ञा पुं॰ [देश॰] दे० 'खाँडा', - ब्रह्मा का एक दिन बीत जाने पर होता है। . खडाभ्र-संज्ञा पुं० [सं० खण्डान] १. दांत का एक रोग । २. विशेष-इसमें समस्त भूतों का लय हो जाता है, केवल ब्रह्मा रह . विखरे हुए बादल (को०) 1३ नक्षत ( रति) । ...जाते हैं। पुराणानुसार इस प्रलय में सूर्य का तेज सहनगुना खंडाली - संक्षा सी० [सं० खण्डाली] १. तेल नापने का एक बढ़ जाता है और द्र समस्त प्राणियों का संहार कर . परिमारण। २. काम को इच्छा रखनेवाली स्त्री । ३. वह स्त्री, जिसका पति दुश्चरित्रता का दोषी हो (को०)। ४. तालाव । २: संघर्ष भगड़ा । लड़ाई [को०] । मील (को०)। . खंडप्रस्तार-संज्ञा पुं० [सं० खण्डप्रस्तार] संगीत में एक प्रकार का खडिक-संज्ञा पुं० [सं० खण्टिक ] १. काँख । 'कखरी। २. वह विद्यार्थी जो किसी ग्रंथ को खंड खंड करके पढ़े। ३. एक ऋषि खंडफरण-संवा पुं० [सं० खण्डफगा] एक प्रकार का सांप। , का नाम । ४. वह व्यक्ति जो चीनी बनाता हो (को०)। ५. खंडफुल्न - संचा, पुं० [सं० खण्डफुल्न] कूड़ा कर्कट । . केराव या मटर (को०)।. . खंडमंडल-वि० [सं० खण्डमण्डल] अर्ध या अपूरण घेरेवाला। खंडिका-संचा कौ० [सं० खण्डिका] १. कात्र । कचरी । २. संगीत खडमंडन--संग्रा पुं० अर्व या अपूर्ण वृत्त [को०] 1 . में लय का एक प्रकार । ३. केराव की बनी एक भोज्य खंडमेर - संज्ञा पुं० [सं० खण्डमेरु] पिंगल की वह रीति जिसके वस्तु किो०] द्वारा मेरे या एकावली मेरु के बनाए बिना ही मेक का नाम खंडिकोपाध्याय-संक्षा पुं० [सं० खण्डिकोगध्याय १ खड़ी से पटिया निकल जाता है। . पर लिखाने और पढ़ानेवाला प्रारंभिक सोपान का अध्यापक । खंडमोदक-संश पुं० [सं० खण्डमोदक] गुह । एक प्रकार की क्रोधी शिक्षक । गुस्सल मास्टर (को०)। शक्कर (को०] । खंडित-वि० सं० खण्डित] १. टूटा हुअा। टुकड़े टुकड़े ! भग्न । २. । खंडर-संज्ञा पुं॰ [सं० खण्डल खंड, टकहा] है० 'खंडडर'। . जो पूरा न हो। अपूर्ण । ३. ध्वस्त । नष्ट (को०)। ४ लुप्त माकोला (को०)। ५. त्यक्त (को०)। ६. जिसका खडन या विरोध किया (१ खडर-संज्ञा पुं० [सं० वण्डरखौड़ से बनी वस्तु । मिठाई [को०] खडरिच--संज्ञा पुं० [हिं०] खंजन पक्षी । वि० दे० 'खंजन' । ... गया हो । निगकृत (को०)। ७. प्रवंचित उपेक्षित (को०)। खंडितविग्रह-वि० [सं० खण्डितविग्रह विकृतांग । विकलांग । विकृत खड़ा-संज्ञा पुं० [सं० मण्ड] खंट ! टुकड़ा । भाग । अंगोंवाला [को०] खंडन-वि० [सं० खड्ग+ (प्रत्य॰) 1.१. खड्ग धारण खंडितवृत्त-वि० [सं० खण्डितवृत्त ] नष्ट चरित्रवाला । दुश्चरित्र । करनेवाला । २. विभाग या खंडवाला (हिं०) . ... २. छोडा हा । त्यक्त [को०] | ... खडलवरण-संज्ञा पुं० [सं० खण्ड नवरण] काला नमक! .. खंडितव्रत-वि० [सं० खण्डितन्नत] जिसका व्रत या नियम टूट गया खुड़वा -संश मौ० [सं० - दण्डवर्षा] वह वर्षा जो सर्वत्र समान हो। जिसने प्रतिज्ञा भंग की हो (को०)। ... न हो। वह वृष्टि जिसमें कहीं पानी बरस, का पाना न खाडता-संज्ञा स्त्री० [सं० खण्डिता ] वह मायिका जिसका नायका बरसे [को०].... .... रात को किसी अन्य नायिका के पास रहकर सबेरे उसके खंडविकार-संक्षा पुं० [सं० खण्डविकार] चीनी । शक्कर (को०)। पास पाए और वह नायिका उस नायक में संभोग के चिह्न खंडविकृति-संज्ञा बी० [सं० खण्डविकृति] मिसरी [को०] | ' देखकर कुपित हो। खंडवष्टि- संचा सौ. [सं० खण्डवष्टि] दे० खंडवर्षा' [को०] खंडिनी-संद्धा श्री [सं० खण्डिनी] पृथिवी। घरती। यायाम-संज्ञा पुं०१०. खण्डव्यायाम] एक प्रकार का नुत्य खंडो-वि० [सं० खण्डिन्] १. विभक्त । २. टुकड़े या हिस्सेवाला। "निसमें केवल कमर और पैरों को गति देते हैं । खंडी-संबा पुं०.दाल की एक किस्म । वर मुद्ग [को॰] । संशः क्रि०वि० [सं० खण्डशस्] खंड खर करके। कई घटी या खंडी --संज्ञा स्त्री० [सं० खण्ड ] १. गांव के पास पास के वृक्षों का भारों में बांटकर । टुकड़े टुकड़े । समूह । २. लगान या किराए की किस्त। . खंडशर्करा-संहा मी० [सं० खण्डशर्करा] मिसरी [को०] 1 :- मुहा०-खंडी करना= किस्त बांधना। . ....... पील-संशा ही [सं० खण्डशीला] १. नष्ट चरित्रवाली स्त्री। ३. चौथ । राजकर । 30-दतिया सु प्रयम दवा दई । खंडी स व्यभिचारिणी। २. वेश्या । . . मनमानी लई1-पाकर ग्रं॰, पृ०६@४. खंड। भाग। ..... खंडसर-संशा'पुं० [सं० खंण्ड सर] साफ की हुई बांड । चीनी । हिस्सा । उ०--किल किलकत चंडी लहि निज खांडी उमडि खडा संज्ञा पुं० [सं० खण्ड] १. बावल का टुकड़ा । खुद । २.. उमंडी हरपित ह। पाकर न०, पृ०.२०॥ ' 'पंजाब में खेला जानेवाला 'लुकन मीची' नामक तेल । उ०- खंडी-संक्षा श्री [सं० खण्डिका] एक तौल या मार जो २० - मन की होती है । 30-मना या रूपा नंडियां सोना। सश.