पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/१०१

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जायफर जार जायफरीपना पुं० [सं० जातिफल, जातीफल ] दे० 'जायफल'। प्राचीन और ऐतिहासिक नगर जहाँ बहुत दिनों से सूफी फकीरो जायफज-समा पुं० [सं० जातीफल, प्रा. जाइफल ] प्रखरोट की की गद्दी है। 30-जायस नगर धरम प्रस्थान। वह माह तरह का पर उसमे थोटा, प्राय जामुन के बराबर, एक प्रकार कवि कीन्ह यस्खा। -वायसी प्र०, पृ०६। फा सुगधित फल जिसका व्यवहार चौपध और मसाले धादि विशेप-यहाँ मुसलमान विद्वान् बहन दिनों से होते प हैं। बहन में होता है । जातीफल । सी जातियां प्रपना मादि स्पान इसी नगर को बताती हैं। पर्या-कोषक । सुमनफल । कोश । जातिशस्य । शालूक । मालती पद्यावत या पधावती पंथ के रचयिता प्रसिद्ध सूफी कवि फल । मजसार । आतिसार । पुट । मलिक मुहम्मद यहीं के निवासा थे और यही उन्होंने पचायत की रचना की थी। उनका प्रसिद्ध सक्षिा नाम गायसी' हमी विशेष-जायफल का पैड प्राय ३०, ३५ हाथ ऊंचा और सदा- वहार होता है, तथा मलाफा, जावा और चटेविया मादि द्वीपो शब्द से बना है। में पाया जाता है। दक्षिण भारत के नीलगिरि पर्वत के कुछ जायसवाल-सन्माए[हिं० जायस १ जायस का रहनेवाला भागों में भी इसके पैट उत्पन्न किए जाते हैं। ताजे वीज योकर व्यक्ति । २. बनियो को एक शाखा इसके पेट उत्पन्न किए जाते हैं। इसके छोटे पौषों की तेज धूप जायसी'-वि० [हिं जायस ] दायस का रहनेवाला । जायस सयधी। मादि से रक्षा की जाती है और गरमी के दिनों में उन्हे निस्य जापस का । सींचने की मावश्यकता होती है। जब पौधे डेढ़ दो हाप ऊंचे जायसी-सफा ०१ जापस का व्यक्ति या पदार्थ। २. प्रसिद्ध कवि हो जाते हैं तब उन्हें १५-२० हाथ की दूरी पर भलग अलग मलिक मुहम्मद जायसो का सक्षिप्त नाम । रोप देते हैं। यदि उनकी जडो के पास पानी ठहरने दिया जाय जाया-सशा मी० [म. ] १. विवाहिता स्त्री। पलो। मोह। अथवा व्यथं घासपात उगने दिया जाय तो ये पौधे बहुत जल्दी विशेषत वह स्त्री जो किसी बालक को जन्म दे चुको हो। नष्ट हो जाते हैं। इसके तर पोर मादा पेड अलग अलग होते उ०---जरा मरन ते रहित पमाया। मात पिता सुत वधु न हैं । जब पेड़ फलने लगते हैं तब दोनो जातियो के पेड़ों को अलग जाया 1-सूर (शब्द०)।२ उपजाति पुत्त फा सहेवा भर अलग कर देते हैं और प्रति माठ दस मादा पेडो के पास उस जिसके पहले तीन चरणों में (ज त ज गग) 515, भौर एक नर पेड लगा देते हैं जिधर से हवा पधिक पाती है। 115,5मोर पोये घरण में (ततज गग)51, इस प्रकार नर पौधों का पुपराग सटकर मादा पेड़ों के सी i, IRS, होता है। ३. बन्मलो मे लग्न से रज तफ पहुंचता है पौर पेस फलने लगते है। प्रायः सातवें वर्ष सातवा स्पान जहाँ से पली के अवध की गणना को पेड फलने लगते हैं और पदह वर्ष तक उनका फलना जाती है। बराबर बढ़ता जाता है। एक पच्छे पेड में प्रतिवर्ष प्राय द जाया-वि०म० पाये या का० शायह घरावन । व्ययं । दो हजार फल लगते हैं। फल बहधा रात के समय स्यय पेड़ों सोपा हुमा। से गिर पड़ते हैं और सवेरे पुन लिए जाते हैं। फल के ऊपर क्रि० प्र०—करना । -~-जाना । —होना । एक प्रकार का छिलका होता है जो उतारफर अलग सुखा जायान- जायाघ्न-सज्ञा पुं० [सं०] १ ज्योतिष में ग्रहों का एक योग। 1. जयोति पदों का योग। . लिया जाता है । इसी सूखे हुए ऊपरी छिलफे को जाविधी कहते विशेष-यह योग उस समय होता है जब उन्मकुदली में सन्न है। छिलका उतारने के बाद उसके मदर एक भोर यहत कदा से सातवें स्थान पर मगल या राह पह रहता है । जिस मनुष्य छिलका निकलता है। इस छिलके को तोड़ने पर पदर से की कुघली में यह योग पड़ता है फलित ज्योतिष के अनुसार जायफल निकलता है जो छाँह में सुखा लिया जाता है। सूखने उस मनुष्य को ही नहीं जीती। पर फल उस रूप मे हो जाते हैं जिस रूप में वे बाजार में बिकने २. वह मनुष्य जिसकी कुंडली में यह योग हो। ३ थरीर मे जाते हैं। जायफल मे से एक प्रकार का सुगधित तेल और का तिल। अरक भी निकाला जाता है जिसका व्यवहार दूसरी चीजों की सुगध बढ़ाने अथवा भोपधों में मिलाने के लिये होता है। जायाजीव- समा० [सं०] १ चपला पक्षी १२ पपनी जाया (श्री) जायफल की बुकनी या छोटे छोटे टुकड़े पान फे साप मी साए द्वारा जीविका उपाजित करनेवाला।नट । वेश्या का पति । जा है। भारतयप में जायफन और जावित्री का व्यवहार जायानुजीवी-सका पुं० [० जापानुजीविन दे० 'चायाजीव' । बहस प्राचीन काल से होता भाया है। वैद्यक में इसे करघा, जायो-सा पुं० [सं० वापिन् ] गीत में ध्रुपद की जाति का एक सीक्षण, गरम, रेषक, हलका, परपरा, अग्निदीपका, मलरोधक, प्रकारावास पलयधक तथा त्रिदोष, मुख की विरसता, खांसी, वमन, पीनस जायु-सका ० [सं०] १ पौषध । दवा । २. वैय । भिपग। और हृद्रोग मादि को दूर करनेवासा माना है। जायु-विक जीतनेवामा । जेता। बायरी-सका [देश॰] एक प्रकार की छोटी झाडी जीव देलसर जार'-एमा० स०] यह पुरुष जिसके साथ किसी दूसरे की पौर राजपूताने की प-रीली भूमि में नदियो पास होती है। विवाहिता स्त्री का प्रेम या अनुचित सबध हो । उपपति। जायल-वि० [ फा . या म० जाइल ] जिसका नाश हो चुका हो। पराई स्त्री से प्रेम करनेवाला पुरुष । यार । माशना । विनष्ट । समाप्त। वरवाद । जार-वि० मारनेवाला । नाश करनेवाला। . बायस--सका पु. रायबरेली जिले की एकवासीय उथा प्रसिद्ध जार-स० [लै० सीपर रूस के सम्राट की उपाधि ।