पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/१३३

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जुटायः जुवना. - भाग दूसरे के किसी माग से छू जाय। भिडाना। सटाना। उपस्थित होना। ५. उपलब्ध होना । प्राप्त होना । मिलना। ३. इक्ट्ठा करना । एकत्र करजा । जमा करना । । मयस्सर होना। जैसे, कपडे लत्ते जुबनी। उ० --उसे तो चने जुटाव-सा पु० [हिं० जुद + माव'( प्रत्य. )] अमाव । वटोर । भी नही जुडते ! ६ गाड़ी पादि मे बैल खगना । जुतना । जुटिका'--सा स्त्री० [सं०] १ शिखा 1 चुदी । चुटैया । २. गुच्छा जुपित्ती-सज्ञा स्त्री० [हिं० जुड़ +पित्त ] शीत और पित्त से उत्पन्न । जुट्टी । १ एक प्रकार का कपूर । एक रोग जिसमें शरीर में खुजली उठती है और बड़े बड़े जट्टा'- सज्ञा पुं० [हिं• जुटना ] १ घास, पत्तियो या टहनियों का चकत्ते पह जाते हैं। ____-एक में बंधा पूला। पांटी। २ एक समूह या जुट में उगनेवाती जुड़वाँ'--वि० [हिं०॥जुड़ना ] जुडे 'हुए । यमल । गर्भकाल से ही " घास जाति की कोई वनस्पति । जैसे, सरपत का जुद्रा, कोस एक मे सटे हुए । जैसे, जुड़वा बच्चे। । - का जुट्टा । विशेष-इस शब्द का प्रयोग गर्भजात बच्चो के लिये ही जुट्टा-वि परसर मिला या सटा हुआ। होता है। जुट्टो'-मया स्त्री॰ [ हिं• जुटना ] १ घास, पतियो या टहनियों का जुड़वाँ–समा पुं० एक ही साथ उत्पन्न दो या अधिक बच्चे ।... , एक मे बंधा हुमा छोटा पूना। अटिया ! जूरी ! जैसे, तबाकू जुड़वाई-सशा स्त्री० [हि जुडवाना ] दे० 'जोडवाई। - art को जुट्टी, पुदीने को जुट्टी। २. सुरन भादि के नए कल्ले जुड़वाना-क्रि० स० [हिं० जूड ] १ ठढा करना । सुखी करना जो बंधे हुए निकलते हैं। ३ तले उपर रखी हुई एक प्रकार १०.२ पर रखा 5६ एक प्रकार । वैसे, छाती जुड़वाना। " । ' की कई चिपटी (पत्तर या परत के याकार की ) वस्तुप्रो का जुड़वाना-क्रि० स० [हिं० जोडवाना ] दे० 'जोदवाना'।

  • समूह । -गडी। जैसे, रोधियों की जुट्टो, रुपयो की जुट्टी, पैसो

. जुड़ाई-सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० जोडाई ] दे० जोडाई। " की जुट्टी।४ एक पकवान बी शाक या पत्तो को वेसन, पीठीय पादि में लपेटकर तलने से बनता है। जुड़ाई - सच्चा श्री० [हि. जुड़ाना ] ठढक । शीतलता । जाहा । उ.---जो करि फट जाइ पुनि कोई। पातहिं नीद 'जुदाई जुट्टी-वि. जुटी या मिली हुई । जैसे, जुट्टी भौ। .. होई।-मानस, १ ३६। -- जुठारना-क्रि० स० [हि. ठा] १. खाने पीने की .किसी वस्तु । को कुछ साकर-छोड़ देना । खाने पीने की किसी वस्तु मे मुंह। जुड़ाना-क्रि० भ० [हिं० जूड़ ] १ढा होना। शीतल होना। ., . २ शात होना। तृप्त होना । प्रसन्न होना । सतुष्ट होना। लगाकर उसे अपवित्र या दूसरे के व्यवहार के अयोग्य करना। संयो० कि०-जाना। - उच्छिष्ट करना। विशेष-हिंद प्राचार के अनुसार जठी वस्त का खाना तिपित' जुड़ाना-क्रि० स०११. ठढा करना। शीतल करना। २. शात और -, समझा जाता है। ... सतुष्ट करना । तृप्त करना । प्रसन्न करना। उ.-खोजत रहेउ । । तोहि, सुतघाती। माजु निपाति, जुड़ावहूं छाती.।-तुलसी सयो० कि-डालना । देना। २ किसी वस्तु को भोग करके उसे किसी दूसरे के व्यवहार । । अयोग्य कर देना। । सयो क्रि०-हासना ।—देना ।-लेना। )", " जुठिहारा-सा पुं० [हिं० जूठा+हाग] [ी० जुठिहारी1 जूठा जड़ाना-1%० स० [हिं० जुड़ना, का क्रि० स० रूप ] नोडने का . , खानेवाला.।,उ.--सूरदास प्रभु नदनदन.. कहै - हम ग्वालन फाम पिसी मौर से कराना।। जुठिहारे ।-सूर (शब्द॰) । जदावना-क्रि० स० [हिं० ] दे॰ 'जुड़ाना) --- जुठेला-वि० [हिं० जूठा ऐल, (प्रत्य०) ] उच्छिष्ठ । जूठा। , जुड़ावा-वि०, सधा पु० [हिं० जुड़वा ] दे॰ 'जुड़वा'। . . . जुठोला-सदा, खी० [देश॰] छोटे पैरोनाली बादामी रग की एक जुडीशल-वि० [ 0] दीवानी - या फौजदारी सबषी। न्याय -चिडिया जो समूह में रहती है । - , -- . संवधी

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जुड़गी-सहा सौ. [हिं० जुड़ना+मग ] अति निकट का सबध। जुव@-- वि० [सं० युत] दे॰ 'युत' । उ*-(क) जानी जाति नारिन - मग मौर मंगी जैसी घनिष्टता। । २ दवारि जुद उन मे. मतिराम (शब्द०)। (ख), जननद जुड़ना-कि. म० [हिं० जुटना या सं०,जु पोषना)].१ दो या जुत नरवर लई भए उज्जैन,मपार । दबोहा पारेछ लइ, रैयत -- अधिक वस्तुमो का परस्पर इस प्रकार मिलना कि एका - - करी पुकार प..रासो, पृ० १८:: .. ..... कोई पार्य, या पग दुधरे के किसी पापर्व या, अग के साथ जुतना-क्रि-म० [सं० युक्त प्रा.' जुत्ता] बैल, घोड़े प्रादि का . तापूर्वक लगा रहे। दो वस्तुमो का, बंधने, चिपकने,-- -, गाणी में लगना । नधना। २.किसी काम मे परिश्रमपूर्वक : सिमने, या जड़े जाने के कारण परस्पर सिलकर एक होना। लगना । किसी परिश्रम के कार्य मे तत्पर या-सलग्न होना। संबद्ध होना । सश्लिष्ट होना । मयुक्त होना . .- ....जैसे, वह, दिन भर काम में जुता, रहता है। ३ लड़ाई में

  • क्रि० प्र० जाना।

लगना। गुथना । जुटना। ४. जोता बाना । हल चलने के २ सयोग करना । सभोग करना। प्रसग फरना। ३. इकट्ठा कारण जमीन का खुदकर भुरभुरी हो जाना । जैसे,—यह होना । एकत्र होना। किसी काम में योग देने के लिये खेत दिन भर में जुत जायगा।