पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/१४१

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जूताखोर जूती पर सूर्य ने एक जोहा जूता मोर एक छाता देकर कहा कि मेरे ताप से सिर पर पैर की रक्षा के लिये ये दोनो पदार्थ हैं, इन्हें पाप ग्रहण करें। तब से छाते और जूते का दान बडा । फलदायक माना जाने लगा। यौ०-जूताखोर। मुहा०-जूता उठाना-मारने के लिये जूता हाथ में लेना । जूता मारने के लिये तैयार होना । (किसी का) चुता उठाना = (१) किसी का.दासत्व करना । किसी की हीन से हीन सेवा करना। (२) खुशामद करना। पापलूसी करना। जूता उछलना या चलना %=(१) जूतो से मारपीट होना । (२) लडाई दगा होना । झगडा होना 1 जूता खाना-(१) जूतो की मार खाना। जूतों का प्रहार सहना । २ दुरा भला सुनना । ऊँचा नीचा सुनना । तिरस्कृत होना । जूता गांठना = (१) फटा हुमा जूता सीना । (२) चमार का काम करना । नीचा काम करना । जूता चाटना-अपनी प्रतिष्ठा का ध्यान न रखकर दूसरे की शुश्रुपा करना। खुशामद धरना । चापलूसी फरना । जूता जड़ना=जूता मारना । जूता देना- जूता मारना । जूता पड़ना - (१) जूतो की मार पडना। उपानह प्रहार होना । (२) मुंहतोड़ जवाब मिलना । क्सिी अनुचित बात का फडा पोर मर्मभेदी उत्तर मिलना। ऐसा उत्तर मिलना कि फिर कुछ कहते सुनते न बने । (३) घाटा होना । नुकसान होना । हानि होना। जैसे,-बैठे बैठाए १०) का जूता पड़ गया। जूता पहनना - (१) पैर में उता शालना । (२) जूता मोल पैना। जूता पहनना = (१) दूसरे के पैर में जूता डालना । (२) सूता मोल ले देना। जूता खरीद देना। जूता वरसना- दे० 'जूता पहना' (१) । दूता बैठना - जूते की मार पडमा । दे० 'जूता पहना' । (२) जूना मारना = (१) किसी मनुचित वात का ऐसा फष्ठा उत्तर देना फि दूसरे से फिर कुछ कहते सुनते न वने । मुह तोड़ जवाब देना। (२) जूते से मारना। जूता लगना = (१) जूठे फी मार पड़ना । (२) मुहतोड जबाव मिलना। (३) किसी अनुचित कार्य का वुरा फल प्राप्त होना। जैसा बुरा काम किया हो तत्काल वैसा ही बुरा फल मिलना । किसी मनुचित कार्य का तुरत ऐसा परिणाम होना जिससे उसके फरनेवाले को लज्जित होना पडे। (4) प्रतिशय हानि उठाना । जूता लगाना-सूते से मारना । जूते का पादमी =ऐसा पादमी जो विना जूता खाए ठीक काम न करे । बिना कठोर दर या शासन के उचित व्यवहार न करने वाला मनुष्य । जूते से खबर लेना पूते से मारना । जूतो दाल बॅटना-पापस में लडाई झगड़ा होना। परस्पर वैर-विरोध होना । मनबन होना । जूनो से माना = जूते से मारना । जूने लगाना। जूते से मारे के लिये तैयार होना। जूतो से बात करना= जूते से मारना। जूना लगाना । जूताखोर-वि० [हिं० जता+का खोर] १ जो जूता खाया फरे। २ जो निर्लज्जता के कारण मार या गाला फो कुछ परवाह न करे । निर्लज्ज । वहया। जूति-समा पु. [४०] १ वेग । तेजी। २ अग्रसर होना । भागे बढ़ना (को०)। ३ अबाध गति या प्रवाह (को०)। ४, उत्तेजना। प्रेरणा (को०)। ५. प्रवृत्ति । झुकाव (को०)। ६. मन की एकाग्रता (को०)। जूतिका-सच्चा श्री० [सं०] एक तरह का कपूर [को०] ! जूती-सझा मोहि० जूता] १ स्त्रियो का जूता । २ जूता । यो०-जनीकारी । जतोखोर। जूतोछुपाई। जूतीपैजार । उ.-जूती पैजार और लाठी डडो तक की नौबत पाती है। -प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ० ३४५ । मुहा०-जूतियाँ उठाना नीच सेवा करना । दासत्व करना । पूतो कीनोक पर मारना- कुछ न समझना। तुच्छ समझना । कुछ परवाह न करना । जैसे,-ऐसा रुपया मैं जूती की नोक पर मारता हूँ। सूती की नोक खफा होना= परवा न करना। फिक्र न करना। उ०~खफ़ा काहे को होती हो वेगम ? हमारी जूत्ती की नोक खफा हो।- सैर फू०, भा. १, पु० २१ । जूती की नोफ से = बला से। कुछ परवाह नहीं। (स्त्री०)। उ०-वह यहाँ नही पाती है तो मेरी जूती की नोफ से। जूती के बरावर = अत्यत तुच्छ। बहुत नाचोज। ( किसी की) जूती के बराबर न होना- फिसी की अपेक्षा प्रत्यत तुच्छ होना। किसी के सामने बहुत नाचीज होना। (खुशामद या नम्रता से भी कभी कभी लोग इस वाक्य का प्रयोग करते हैं। जैसे,-मैं तो अापकी जूती के बराबर भी नही हूँ)। जूती चाटना - खुशामद करना । चापलूसी करना। जूती दाल बंटना = दे० 'जूलियो दाल मंटना' । उ०-छेडखानी करती हैं, पामो पडोसन हम तुम लहें। दूसरी बोली लडें मेरी जूती । उसने कहा जूनी लगे तेरे सर पर। वह बोली, तेरे होते सोतों पर। चलो बस जूती दाल बटने लगी।-सैर कु. भा. १. पु. ३८ । जूती देना - जूती से मारना । जती पर जूती चढ़ना यात्रा का मागम दिखाई पडना । (जब सूती पर जूती पढ़ने लगती है तब लोग यह समझते हैं कि जिसकी जूती है उसे कही यात्रा करनी होगी)। जूती पर मारना दे० 'जूती की नोक पर मारना' 1 जूती पर रखकर रोटी देना- अपमान के साय रोटी देना। निरादर के साथ रखना या पालना । जूती पहनना = (१) जूती में पैर डालना। (२) नया जता मोल लेना। जूठी पहनाना = (१) किसी के पैर में जूती बालना। (२) नया जूता मोल ले देना। जूती से= दे० जूती फी नोक से'। जूतियाँ खाना=(१) सूतियों से पिटना । (२) ऊँचा नीचा सुनना । भला बुरा सुनना। कडी बातें सहना । (३) अपमान सहना । जूतियों गाँठमा - (१) फटी हुई जूतियो को सीना । (२) चमार का काम करना। मत्यत तुच्छ फाम करना । निकृष्ट व्यवसाय करना। जूतिया घटकाते फिरना=(१) दीनतावश इधर- उधर मारा मारा फिरना । दुर्दशाग्रस्त होकर घूमना । (फटै पुराने जूते को घसीटने से चट चट शब्द होता है)। (२) व्यर्थ वर उधर घूमना। जूतियों वाल बॅटना-मापस मे लडाई झगड़ा होना । वैर विरोध होना। फूट होना। जूतियाँ पड़ना=तियो की मार पड़ना । जूतियां बगल