पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/१५८

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जोरई १८०४ जोली महा०-जोरो पर -बरे वेग से 1 बड़ी तेजी से। जेमे, गाडी जोराजोरी--क्रि० वि० जबरदस्ती । बलपूर्वक । का जोरो पर जाना, नदी का जोग पर बहना । जोरावर--वि० [फा. जोगवर बनवान् । ताकतवर । जबरदस्त । ५ भरोसा। भामरा । महारा । जैसे,-पाप किसके जोर पर जोरायरी-सा पी० [फा० जोरावरी] १ जोरावर होने का भाव । कूदते हैं? २ जबरदस्ती । धीगाघींगी। महा-मातरज में किसी मोहरे पर जोर देना या पहुंचाना - जोरिल्ला--सञ्ज्ञा पुं० [ देश ] एक प्रकार का गंधबिलाव । किसी मोहरे की सहायता के लिये उसके पास कोई पैसा जोरी't-~-मुथा सी० [हिं०] १ समानता। समता। दे० भोहराला रखना जिसमे उस पहले मोहरे के मारे जाने की 'जोरी' । उ6---स्वर्ग सूर ससि करें प्रजोरी। तेहि ते अधिक सभावना न रह जाय अथवा यदि उस पहले मोहरे को विपक्षी देउ केहि जोरी !-~-जायसी (पाद०)। २ सहेली। अपने किसी मोहरे से मारना चाहे तो उसका मोहरा भी तुरत सायिः । दे० 'जोडी'। उ०-पूछा है सक्मिणी इनमे को उस मोहरे से मार लिया जा सके जिससे पहले मोहर को जोर वृषभानु किशोरी। बारेक हमे दिखामो अपने बालपने की पहुंचाया गया है। पतरज के मोहरे का जोर पर होना - __जोरी। —सूर (शब्द०)। ३ दे० 'जोड़ी। मोहरे का ऐसी स्थिति में होना जिसमें यदि वसे विपक्षी का जोरी--मया स्त्री० [फा० जोर ] जोरावरी । जबरदस्ती| उ.-- फोई मोहरा मारना चाहे तो वह स्वयं भी मारा जा सके। किसी के जोर पर दमा=किसी को पपमी सहायता पर जोरी मारि भजत उतही को जात यमुन के तीर । इक पावत देखकर अपना पल दिखाना। बेषोर जिसकी सहायता पर पोछे उनही के पावत नहीं अधीर ।-सुर (शब्द०)। फोम हो। जोरू--सणा श्री० [हिं० जोधा ] स्त्री । परनी। भार्या । घरवाली। ६ परिथम । मेहमत । जैसे,~-मंधेरे में पढ़ने से आँखो पर जोर मुहा०-जोस का गुलाम = स्त्री का भक्त या उसके वश में रहने- पड़ता है। वाला । स्त्रण। क्रि० प्र०-पटना। यौ०---ोरु जोता- गृहस्थो। परिवार | घर बार। ७ व्यायाम । कसरत। जोल-मक्षा • [हिं०] मेल । मिलाप । जोरई-सधा श्री० [हिं० षोड] १ एक ही में बंधे हए लबे लबे जाने विशेष----इस शब्द का व्यवहार प्राय मेन के साथ होता है। पौर मजबूत दो घास प्रिनके सिरों पर मोटी रस्मी का एक जैसे, मेल जोल। फदा लगा रहता है और जिसका उपयोग कोल्ह घोने के जोल -सक्षा पुं० [हिं० जोड़ ] समूह। सघ। जमघट । उ.-- समय पाठ को रोकने मोर उसे कोल्ह मे मे निकालकर अलग कहा करो बारिज मुख कर, वियफे एट पद जोल। सूरस्याम करने में होता है। करि ये उतकरपा, बम कीन्ही विनु मोल -सूर०, १०११७६२। विशेष-साठ का आरी भाग इसके फंदे में फैमा दिया जाता है और तब जाठ का निचला भाग दोनों वासों की सहायता से जोलइटो- सझा स्त्री० [हिं०] जलाहो की बस्ती । उठाकर कोल्हू के नारी भाग पर रख दिया जाता है। जोलहार---सहा पुं० [हिं०] दे॰ 'जुलाहा'। २ एक प्रकार का हरे रंग का कीड़ा जो फसल की हालिया और जालाहला-सहा वी० [सं० ज्वाला ] ज्वाला। अग्ति । भाग। पत्तियां खा जाता है। ट..-रोग रोम पावक शिखा जगी जोलाहल जोर। विशेष--धने की फसल को पह पधिक हानि पहुंचाता है। -~-रघुराज (शब्द०)। जोलाहा-सचा पं० [हिं०] दे० 'जुलाहा। जोरदार-वि० [फा० जोरधार ] जिसमे बहुत जोर हो । जोरवा ।। जोलाहो-सरा ली [हिं०] १ जोलाहे की स्ली। उ०-काशी में जोरन-सहा पुं० [हिं० ] दे० 'जोमन', उ.--जोरन दे तर दही- जोलाहा होनाही हप-कलोर म०, पृ० १०३ । २ गोलाहे जमाई। -सं० दरिया, पृ० ।। का काम या घषा। जोरनारे-क्रि० स० [हि. १ दे० 'जोड़ना। उ०-ति रथ जोली+g...-सधा की जोड़ी वह जो नगवरी का हो। जानि धनगनुपति पाप तृपति राजति बल खोरति। -सूर जोड़! जोडी! .. (पाब्य ) २ जोतना। जाननर को जुए में नोचना। यौ-हमजोली। ३ फिसी टूटी पीज के टुकड़ो को मिलाकर एक करना। जोली'--सा श्री [f] पानी या किरमिच प्रालिका बना हमा उ.-जो मति प्रिय तो फरिय उपाई ! प्रोरियकोर पर गुनी एक प्रकार का लटफोमा बिस्तर । ---(A)। बोलाई । —तुलसी (शब्द०)। विशेष--इसके दोनों सिरों पर प्रदवाल की तरह कर रस्सियो जोरशोर-राया गुं० [ फा जोरशोर ] बहुत अधिक जोर। बड़त होती हैं । दोनो 'गोर की ये रस्सियां दो कटियो में बंशी होती अधिक प्रवलता या प्रचता । जैरे, कल शाम को डोर शोर हैं मोर दोनों कड़ियाँ दो बरफ खटियो धादि मे लटका दी से प्राधी पाई थी। जाती हैं । यीच का बिस्तरवाता हिरसा लटकता रहता है जोरा--पक्षा पुं० [हि.] 'जोड़ा। जिसपर चादमी सोते हैं। इसका व्यवहार प्राय. जहाजा जोराजोरी - श्री० [फा० जोर] जबरदस्ती । धीगा धीगी। लोग जहाजो मे करते हैं।