पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/१८४

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कचन छवि लाजत । - - - - - - ममूरा ब्द.)४ठसक या नखरे भमझम बोलना, पानी का झमझम बरसना .चमक दमक साथ भिमाझTERTIFFERE मामकहासमा [हिं० झमेक+ड़ा (प्रत्य॰)] दे० 'झमक'। 10) 'झमक'। झमझमानी [क्रि० ०] १. झम झम पद होता ।२ घमघमाना- -मिरजा साहब- एक ममकड़ा नरमाया चमकना । ३ (लाक्ष०) झनझनाना । पुलकित होना। फिसाना०, मा० . ma रोमांचित होना।' उ-एक विचित्र अनुभूति से मिस मेहता ममकड़ा--वि० झनझनानेवाले ।'झमझम शुन्द करनेवाले। उ०- की त्वता झमझमा-उठी। पिपरे, पृ.५५-12-13 रहे बुझे कच छुष्टि पड़े उमडे नैन बिसाल को समृकडे ही क्रिप्र०-उठना । ।३ , ari in ""गडे पड़े खड़े नंदलाल । —सा सप्तकं, १० २५१ ममममाना क्रि० स०.१ झमझमः शन्द उत्पन्न · करना । २. मामकना--क्रि. म० [हिं० भामक] १. प्रकाश की किरणें फेंकना। धमकाना , २ . ... रह रहकर चमकना । दमकना । प्रकाश करना । प्रज्वलित झमझमाइंट-सका सी० मिनु० -१झमझमः शन्द होने की क्रिया होना । २ झपकना । छाना । छा जाना ।' उ.पालस सौ - या भाव। चमकने की क्रिया या भाव। कर कौर उठावत' नैननि नीद झमकिरहिं भारी। दोउ ममना-क्रि० स० [अनु० ] नम्र होना , मुकना बना।उ.- माता निरखत 'पावस: मुख छवि पर तन मन गरति मुरली श्याम के कर मषर, बिहारमी । लेति सरपस जुवतिजन, वारी। -सूर०, १०१२। ३. मम मम शब्द होना। को मदन विदित ममी । सहा कठिन-कठोर मानी-मांस बस झनकार की ध्वनि होना । उ-भूमिः झूमि अकि मुकि पमी। सूर पूरन परसि...श्रीमुख, नैक नाहिं झभी ।.. १ मंकि झिमकिपाली रिमझिम रिमझिमा प्रसाद परसतु सूर०.१०।१२२८ । है।-ठाकुर, पु०-१९। ४. झम झम करते हुए उछलना ममाल-सक पुं० [सं० झामक ] दे० 'झवा' या 'मावा' । - कूदना गहनो की झनकार के साथ हिलना होलनामी उ०- मेमाका-संका पु० [अनु०] १..भम, झम, रान। पानी परसने या.. ..(फ) कंबहक निफट देखि वर्षा ऋतु मूलत-सुरग हिंगेरे। गहनों के बजने मादि का शब्द । उसका मटक । नखरा । - रमफत झमक जगक सुता संप हाव भाव चितं चोरे--सूर झमाझम-कि. नि. पिनु.] उज्वल, कांति के सहित । प्यक (पाब्द.)। (ख) ज्यौं ज्यों मावति निकट निसियों त्यों . के साय । जैसे, सलमे सितारे टेक हप कपड़ों का झमाझम - खरी उताल ममकि झमफि टहल करे लगी रहवीं वान. ... चमकना। २. झमझम शब्द सहित । जैसे, पाजेब का झमाझम' - - बिहारी र पो०.५४३ । ५. गहनों की झनकार करते हुए ..'बोलना, पानी का झमाझम बरसना। " .f 7 - नाचना । ३लड़ाई में हपियारों का चमकना और खनकना। झमाट- मनु । मुरमुट । उ० पर्वत के सिर पर क्या -०-भल्ल लगे अमन- खरग लो झमकन मूल लगे चमकन देखाता है कि बहुत से सूखे झाड़ों के झमाट से बना घटाटोप - तेग, लगे छहरान।-प्रोपाल (पन्द)। ७, पकड, दिख- धूम निकल रहा है। व्यास (द) -- - - लाना । तेजी दिखाना । झोंक दिखाना!;झम झम शव नानाकिन पकना । छाना धिरना -... करना बजने का सा सन्द करना । 3-सिये नन्ही बूदान. क) खेलत तम निसि पिर्क गई संत नैननि नीदमाई। बरसतु मममि ममकि मुकौर । सर (शब्द॰) । वदनः जमात, प्रग: ऐडानस जननि, पलोटतपाई।--सूर ममकाला, क्रि० स० [हिं. झमकना का-स -. माना। (ब्द०)। (ख) यो पदमाकर झोरि झमाई-सुदौरी सबै हार -- -- बार-बार हिलाकर अमन पैदा करना । २. पलने में पाभूपण पेइक पाक-पाकर (शब्द ):-- - 1 आदि बजाना , मोर घमकामा । उसहज, सिंगार उठत भमाना-क्रि० प्र० [हिं० झावा या झमा+ना (प्रत्य॰)]. ... जोवन सन विधि, निए हाथ बनाई। सूर स्पाम भाप ढिग ... 'भवाना।... मापुन घट भरि' पनि झमकाई। ..... ....., सूर, २०१४७। भमाना-क्रि० स०.[.हि जमाना, 2 अथवा मनुः शमाद, इकठ्ठा . ३. युद्ध में हथियारों मादि का चमकाना भोर खनखनाना। करना 1,एकत्र करना मसकारा, वि०हि झम झम [-वि० श्री समकारी- झमाझम झमारना-कि साहिः झवाना का प्रेप झांवरा-सारना। . .. रसनेवाला (बादल)। उसोख सिंधु मिपुर से गपुर ध्यो झोवा की तरह कर देना कुछ कुछ, श्याम वर्ण का कर देना। विध्य गंधमादन के बधु परक गुरवानि के। झमकारे झूमत -.-दान करत मोहन ,मनोरयेनि, पानंद को घन रंग चुमत पपीहा मोरान के।- घमानद पृ०२०४५ -18 मामाल'-सचा पु० [देशी ] द्रजाघ । माया (को' MET- मममम-समाजोपर्नु१ झम झम गन्द जो नहुषा घुघुरुपा ममावसथा पुं० [हि.एक प्रकार का दिगल गीत । 'उ०-दूहै पर चंद्रायणों, घरे रसीसो पार । गोवा रूप झमालवण मममम, नि जिसमें से खून चमक या, मामा, निकले। घमकता ममरा सा हि भदरा या झमार्ट 71 रने बालोवाला हमा।" "पशु । जैसे, रीछ, झवरी कुसा मांदिश २ वह लड़का जो समम्म-कि. वि. १. झम झम चन्द साब से, घुघुरुपों का भाजीगर साथ रहता है और बहुत से खेलों में बाजीगर जम P17- पादि के बजने से उत्पन्न होता है