पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/१९४

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झाटास्त्रक १४. भावुहार झाटास्त्रक-सं० [सं०] सरवूज । मतीरा [को०] । हों। ४. जिसमें शीशे के झार की सजावट हो। जैसे- झाटिका-सा की• [सं०] भुई पावला। झावार कमरा। पर्या०-भाटा । झाटीका । माटी। भाददार-सहा '०१ एक प्रकार का कसीदा जिसमें बड़े बडे वेल वूठे बने होते है। २. एक प्रकार का गलीचा जिसपर बड़े मोद'-सक पुं० [सं० माठ, देशी झाड (= खतागहन) १. वह बढे बेल बूठे बने होते है। छोटा पैर या कुछ बड़ा पौषा जिसमें पेग न हो और जिसकी झादन-सी (हिं. झायना] १. वह जो कुछ झाड़ने पर हालियां पाया जमीन के बहत पास से निकलकर चारों निकले। २. वव कपडा प्रादि जिससे कोई चीज गर्दै प्रादि भोर खूप छितराई ई हो। पौधे से इसमें पतर यह है कि दूर करने के लिये झाड़ी जाय । झाहने का कपड़ा। यह कटीला होता है। २ मादक प्राकार का एक प्रकार होम में नाकाया या जमीन झोड़ना-क्रि० स० [सं०क्षरण] १. किसी पोज पर पड़ी हुई पर बैठकी की तरह रखा जाता है । गर्द पादि साफ करने या और कोई चीज हटाने के लिये उस चीज को उठाकर झटका देना । झटकारना । फट- विशेष-इसमें कई ऊपर नीचे वृत्तों में बहुत से शीशे के गिलास कारना। जैसे,-जरा दरी मोर चांदनी झार दो। २.. लगे हुए होते है, जिनमे मोमबत्ती, गैस या बिजली प्रादि का झटका देकर किसी एक चीज पर पड़ी हुई किसी दूसरी प्रकाश होता है। नीचे से ऊपर की मोर के गिलासो के वृत्त बरावर छोटे होते जाते हैं। चीज को गिराना । जैसे,—इस अंगोछे पर बहुत से बीज चिपक गए हैं, जरा उन्हें झाड़ दो। ३. झाड,या कपड़े यौ०-झार फानुस = शीशे के झाड, हाड़ियाँ पौर गिलास मादि की रगड या झटके से किसी चीज पर पडी या लगी मादि जिनका व्यवहार रोशनी मोर सजावट मादि के लिये हुई दूसरी पोज गिराना या हटाना । जैसे,-इन किताबों होता है। पर को गर्व झाड दो। ४. झाड या कपडे भादि के द्वारा ३. एक प्रकार की प्रातिशवाजी जो छूटने पर झार या बड़े पौधे प्रथवा और किसी प्रकार पर्द मेल, या और कोई पीर के भाकार की जान पड़ती है। ४ छोपियों का एक प्रकार हटाकर कोई दूसरी चीज साफ करना । जैसे,—(क) सबेरे का छापा, जो प्राय दस मगुल चौदा मौर बीस पंगुल लंबा उठते ही उन्हें सारा घर भाडना पड़ता है। (ख) इस होता है और जिसमें छोटे पेड़ या झार को माकृति बनी मेज को झाड़ दो। रहती है। ५. समुद्र में उत्पन्न होनेवाली एक प्रकार की घास सयो० कि०-मालना-देना ।-लेना । जिसे जरस या बार भी कहते हैं।-(लश.)। ६ गुच्छा । ५. बल या युक्तिपूर्वक किसी से धन ऐंठना । झटकना।- लज्छा । झा -सा बी० [हि. झाड़ना 1१. झाड़ने की क्रिया। झटक- (क्व०) । कर या झार मादि देकर साफ करने की क्रिया। संयो० कि०-लेना। यौ०-झाद पोंछ-भाड़ मोर पोछकर साफ करने की क्रिया। ६. रोग या प्रेतबापा मादि दूर करने के लिये किसी को मत्र क्रि० प्र०-करना। -रखना। -होना। मादि से फूकना । मत्रोच्चार करना । जैसे, नजर झाडना। संयो० क्रि०-देना। विशेष-इस शब्द का प्रयोग योगिक शब्दों ही में विशेषतः ७. बिगडकर कही कही बातें कहना । फटकारना । डाँटना । होता है। जैसे, भाड़पोंछ, झाइबुहार, माइट। संयोनि-देना। २ बहुत डॉट या फटकारकर कही हुई बात। फटकार । डोटडपट। ८. निकालना। दूर करना। हटाना । छुडाना । जैसे,—तुम्हारी कि०प्र०-देना ।-बताना। सुनना ।-सुनाना। सारी बदमाशी झाड देंगे। उ.-मोहूँ ते ये चतुर कहावति । ये मनही मन मोको नारति । ऐसे वचन कहूँगी इन ३. मंत्र से झाड़ने की क्रिया । चतुराई इनकी मैं झारति !-सुर (शब्द०)। ६. अपनी योग्यता यौ०-झाड़ फूंक-मत्रोपचार। दिखलाने के लिये गढ़ गढकर बातें करना । जैसे,—वह भाते ही माद-संज्ञा पुं० [हिं० झाड़ना ] झटका (कुश्ती)। अंगरेजी झाड़ने लगा। १०. त्यागना। छोडना । गिराना। माइर्खर-संम पुं० [हिं० झाड़-झंखड़] १. कोटेदार जंगल। जैसे, चिड़यों का पंस झाडना । मन । ऐसा वनविभाग जिसमें अधिकतर झरबेरी मादि के दफॅक-संघा सी. [हिं० झाड़ना+फंकना ] मत्र मादि से मारने मटीले झार हों। २. प्रत्यत घना और भयकर जगह। ३ या फूकने की वह क्रिया जो भूत प्रेत मादि की बाधाओं मयदा छत्तीसगढ़ मोर गोडवाने का उत्तरी भाग। झारखर । रोगों मादि को दूर करने के लिये की जाती है। मनमादि माद मखाइ-सा पुं० [.हि. झाड+झखा] १ कोटवार पढ़कर झाड़ना या फूकना। झाड़ियों का समूह । २. व्यर्थ की निकम्मी चीजों का समूह। क्रि०प्र०करना।--फराना।-धोना। झाबदार'-वि० [हिं० झाड+फा० दार] १. सघन । घना । २. भाइबुहार-सक स्त्री० [हिं० झाइना+बुहारना ] झाड़ने मौर कंटीसा। कांटेदार। ३ जिसपर झारया बेलबूटे मादि बने बुहारने की क्रिया। सफाई।