पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/२०८

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- AP _ गीत (शब्द) - पास लगावे मोहें राजा ।- ४.जो (पुरजे या प्रग मादि) मिगह जाने के कारण ठीक ठीक भूमड़झामद--सबा पुं० [हिं० झूम ] ढकोसला। झूठा प्रपर। काम न दे सकें। जैसे, 'तील या खटके प्रादि का झठा पर निरर्थक विर्यय । उ मपने हाये कर थापना मजयों का सिस जाना । हाथ या पैर का भूठा पडना 17s काटी । सो पूजा घर बैंगो माली मूरति कुत्तन चाटी दुनिया कि पड़ना । - E! "झूमडिझामहि भटका।-कभीर (शब्द०--TOP मंठा- विहि ठा] जूठो'23 Port झूमड़ा-सा पुं० [हिं] चौदह मात्रा का एक नि । 'झूमरा' । ठामठी-क्रि० वि० [हि मूमना-क्रि० प्र० [संक्रमम्पा कुदना) १. पोषार पर स्थित द° 'झूठमू० । मूठो कि वि० [हिं०. झूठा ] १ झूठमूठ । यो ही। २. नाम मात्र किसी पदार्थ के ऊपरी भाग या सिर का बार बार मागे पोळे, चीचे ऊपर या इधर उधर हिलना चार बार झोंके साना । के लिये । कहने भर को। जैसे-वे झूठों भी हमें बुलाने के लिये न माए । उ जैसे, हवा के कारण पेसो को डालों का जमना।। F- 75 मुहा०-बावल झूमना-बादलों का एकत्र होकर झकनी THE २किसी खड़या, बैठे-हप जीव का प्रपते सिर मोर धाकोबार को प्रशकुन र OT ors - बार मागेः पीछे, मोर इधर उधर हिलाना। लहराना । जैसे, मना--वि० [सं० जीणं, प्रा० जूणं, गुज० जून दे० 'झीनो । उ०- हाथी-या रीछ का झूमना । थे या नींद में झूमना। उ०.2 (क) तब लो दया बनो दुसह दुख दारिद को सायरी को सोचो माई सुषि प्यारे की विचारे मति दार, तक, धार, पण मग झूमि मोढ़वो झूने खेस फो।-सुलसी (शब्द॰) । (ख) तेहि या बारादतिमाए है । प्रिया (बन्द) THE-- उडे ने सुसीकर परम: शीतल तृण परे।-रघुराज (पाद)। विशेष यह क्रिया प्राय. मस्ती, बहुत अधिक प्रसन्नता नीद या मम--संकली [हिं० झूमना, तुल बॅग घूम झूमने की - नशे भादि के कारण होती है। ---- किया या भाव । ३ ऊँघ । उचाई । झपकी-(क्व०)। मुहादरवाजे पर हाथीझूमनातना:-ममीर-होना किं गमक-मक्ष पृ० [हिंठ, झूमना] एक प्रकार का गीत जिसे होली दरवाजे पर हायी बघा हो इतना संपन्न होना कि हाथी पाल __ के दिनों में देहात की स्थिमा भूम झूमझार एका घेरे में नाचती ! 3g-झूमत दार भनेक , मतंग जंजीर, पहे, सर पड़ F, हुई गाती हैं । झूमर । झूमकरा । उ०लिए रो-बेत्र सौंधे.. चातुरसी (वन्य), झूम झूम फर-सिर मोर धर को मागे पीछे या इधर उधर खूब-दिल हिलाकरः। सहरा -विभाग । चारि झूमक कहै सरस, राग तुलसी (शब्द०)। २ इस गीत के साथ होनेवाला नृत्य । ३. एक प्रकार का पूरबी 15 , खहराकर। जैसे-झूम झूमकर, पढ़ना, नाचना मा प्रेत प्राधिEARSHA गीत जो विशेषत विवाह मादि मंगल पवसरो पर गाया जाता. माद बाामी के कारण खेलना है। झूमर । उ०पाहे मनोरी झूमन होई । फर मौ फूल मूमना साधा पु०१. बैलों का एक रोग जिसमे देनटे पर बंधे इधर लिये सब कोई। जायसी (दि०)। ४. गुच्छा । स्ववकः उधर सिर हिलाया करते हैं.1२. वह चेल जो भूमता हो। --५ चाँदी सोने भादि के छोटे छोटे अमफो यो मोतियों आदि मूमर - मा पु... झूमना, या संयुग्म, प्रा. जुम्मा र (प्रत्य॰)] " के गुच्छो की वह कतार जोसिाहो.या प्रोदनों 'मादि के उस . १. सिर में, पहनने का एक प्रकार का गहना, जिसमें प्रायः ____ भाग मे लगी रहती है जो माथे के ठीक ऊपर 'पदेता है। एक या डेढ़ गुल चौडी, चार पाच मंगुल लंबी पोर मातर 1777 इसको व्यवहार पूरष में अधिक होती है। दे० झुमकार पोखी सीधी अथवा धनुषाकार एक पटरी होती हैं | 15 झमकसाडी-सज्ञा स्त्री० [हिं० झूमक + साही .बहु साड़ी जिसके विशेष-यह गहना प्राय सोने का ही होता है.. और इसमें छोटी सिर पर रहनेवाले भाग मे झुमके या सोने मोती मादि के गुच्छे जजीरों से बंधे हुए"घुघरू या झब्बे लटकते रहते हैं। किसी कि हो । २. खेहगो पर की यह प्रोढ़नी जिसमें सिर के पल्ले -किसी भूमर में जंजीरो से सटकती हुई एक के बाद एक इसे पर सोने के पत्ते या मोती गच्छे हों PRIF प्रकार दो पकरियाँ भी होती हैं। इसके पिछले भाग के कुरे मूमकसारी श्री [हि भूमरूसाडी | उ.- 17 में चौपनि पाझार के एक गोल टुकड़े में दूसरी जजीर या (क) लास टका पर झूमसारी देहु क्षार को "नेग-सूर डोरी लगी होती है जिसके दूसरे सिर की कुडी सिर की (शब्द०): '(स) सुनि 'उमगी' नारी प्रफुलित मन पहिरें - चोटी या मांग के पास बातों में घटा दिया जाता है। - भूनकारी।चीत - nfra TV NEFT: यह गहना सिर मंगले बालों या "माथे के ऊपरी भाग पर ममका संज्ञा पुं० [हिं०] १. झुमका'ta-मरवा मयारि स टती रहता है और इसके आगे से लच्छे बरावर हिलते "विरोज लाल जटात 'सुदर मुदर 'ढरावो। मोतिनी कालरि रहते हैं। सयुक्त प्रदेश (उत्तर प्रदेश) में केवल एक ही झूमर { झमका राजत विधाममणि बहू भाँदनोज-सूर (शब्द०)। पहना जाता है जो सिर पर दाहिनी ओर रहता है, और यहाँ ---'२. दे० 'झूमक' 1:36--पग मत लटकत सटवाहूँ। मटफत इसका व्यवहार वेश्याएं करती है, और पंजीय मे इसका व्यवहार' - मोहन हस्त उछाहूँ। अचल पचन झूमने-सूर (शब्द०)। गृहस्थ स्त्रिया भी करती है, और वहाँ झूमरो की जोडी पहनी मूमड़--प्रधा'पु० [हि भूम ] दे। अमर-द। धाट छोड 11- जाती है जोमाये परमागे दोनोमोर लटकती रहती है। नौकामों के महानाराम पर चले । प्रेमपन,भा०२, २ फान में पहनने का झुमका नामझ गहना ३'झूमक नाम का पृ० १२५1, 2016... -गीत-गोर होलीमे गाया जाता है , इस गीत के साथ N7 - - 2