पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/२२७

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दरकना टलना मकर पैसे-शेखों को शेखी, पठानों की टर।४ हठ। टरनि समाधी० [हिटरना ] टरने का भाव । जिद प्रह। ५. तुच्छ बात। पोष पास। बेमेल बात। टर ई-- t-1 हिटरांना1१. मेंढक की भावाज। २. ६. ईद के बाद का मेला (मुसलमान)। 10--ईव पीछे बै मतलब की बात । बकवाय। ३०--सत्य बघु, सत्य, वहाँ टर, परात पीछे भोसा। नहीं परं बरं, नहीं बही भेक, वहाँ नही टरंटरं।-प्रनामिका, टरकना-कि.प्र.[हिटरना] १ चला जाना। हट जाना। पृ० १११ खिसक जाना। टल जाना। टर्राविपिनु टर टर] १.टरनेवाला। ऐंठकर बात करने- संयो० क्रिक-माना। वाला । मविनीत और कठोर स्तर से उत्तर देनेवाला। मुहा०-टरक देना- धीरे से चला जाना । चुपचाप हट जाना। घमा के साथ चिढ़ चिढ़कर बोलनेवाला। सीधे न बोलने- जैसे,---जब फाम का वक्त प्राता है तो वह यही टरक देठा वाला । २.घृष्ट । कटुवादी। है। (२) टर टर फरना । श स्वर से बोलना। टर्राना-क्रि० प्र०नु० टर ऐंठकर बातें करनापविवीत मौर ८०-- टरं टरं टरकन लगे राह दिसा मंदक!-- गोपाल कठोर स्वर से उत्तर देना धमाके साथ चिढ़ निढ़कर बोसना । (शव०) सीमे से न बोलना । घमड सिए हुए कटु वचन कहना। टरकनो---सा स्त्री० [ 0] ईज या गले की दूसरी बार को टपिन-सभा [हिं० टर्रा बातचीत में पविनीत भाव । सिंचाई। कटुवाषिता। टरकाना-क्रि० स० [हिटरकना1१ एक स्थान से दूसरे स्थान ___टर्स.. पुं० [हिटर टर] १ टर्रा पादमी । २. मेढ़क । ३. पर कर देना हटाना । खिसकाना । जैये, -(क) देखते रहो, चमकी मिल्ली मढ़ा हुधा एक खिलौना जो बौदे की पूछ ये चीजें इधर उबर टरमाने न पाई। घ) जब कोई ढूढ़ने के बाल से एक लम्टी में बंधा होता है। इसे धुमाने से ठरें मावे तब इस ला को कहीं टरका दो। २ फिसी काम के की पापाज निकलती है । मेंढक । भौंरा । कौवा । लिये प्राए हर मनुष्य को विना नफा काम पूरा किए कोई बहाना करके सोटा देना । टाल देना। चलता करना। पता टल-स० [सं०) घबराहट । परेशानी [को०)। बताना। जैसे,-जब हम अपना रुपया मांगने माते है तो टलन-तथा पुं० [सं०] घबराहट 1 परेशानी [को॰] । तुम यों ही टरका देते हो। टलटल---क्रि०वि० मनु.] कलकल ध्वनि साथ। उ० तेरे टरको-सपा पुं० [तुरकी १ एक प्रकार का मुर्गा जिसकी, पों गीतो को वह जिसमें गाती हैं टल टल् छल छल वीणा, के नीचे गले में साल भालर रहती है भोर जिसके काले परों पृ० २८१ पर खोटो छोटो सफेद कुंदरियाँ होती है। टतना-कि.० [सं० एस (3विचलित होना)] १. अपने स्थान विशेप-इसका मांस बहुत स्वादिष्ठ माना जाता है। इसे पेरू से अलग होना। हटना । खिसकना । सरकना । जैसे,-वह भी कहते हैं। पत्पर तुमसे नही टलेगा। २. एक देश ( तुरकी। मुद्दा --अपनी बात से टलना प्रतिक्षा पूरी न करना। टरकुल-वि० [हिं. टरकाना] १ बहुत साधारण विलकुल मुकरना। नामूली । घटिया ! खराद । २. एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना। अनुपस्थित होना। टरगी-सदा मुं० [ देश ] एक प्रकार की घास घो चारे के काम में किसी स्थान पर न रहना । जैसे,-(5) काम के समय तुम । भाती है। इसे भैम बड़े चाव से खाती हैं। सदा टल जाते हो। (ख) जब इसके माने का समय हो, तब तुम कही टल जाना। विशेष---यह सुखाकर बारह तेरह बरस तक रखी जा सकती है पोर घोडो के लिये भत्यत पुट मोर लाभदायक होती है। संयो० कि०-जाना। 'हिंदुस्तान मे बह पाम हिसार, मोटगोमरी (पंजाब)मादि ३. दूर होना । मिटना । न रह जाना । जैसे, भापत्ति टलना, स्थानों में होती है, पर विलायती के ऐसी सुगधित नहीं सकट टलना, बला टलना। होती। इमे पलका या पलवन भी कहते हैं। संयो० क्रि०--जाना। दरटराना--क्रि० स० [हिं० टर] १ क क करना। २ ४ (पिसी कार्य के लिये) निश्चित समय से और माये का विठाई से बोलना । टर टर करना। समय स्पिर होना ( किसी काम के लिये ) मुकर्रर व से टरना1-कि. स. [ हिटसना] दे० 'टलचा' 1 30--(फ) पौर मणगे का वक्त ठहराया जाना । मुलतवी होना। तृण से पुलिस कुलिस तृण करई । तासु भूत पग फह किमि विशेष--इस क्रिया का प्रयोग समय मोर फार्म दोनों के लिये टरई-गुलसी (शब्द०)। (ख) मस पिचारि मोहि मठि होता है। जैसे, तिथि टलना, तारीख टलना, विवाह की माता । सोन टरइजो रचद विधाता 1-सुलसी (शब्द॰) । सायन टलना, दिन टलना, धन टखना, विवाह टलना, टरना-या पुं० [दरा०] तेली के कोल्हू मे ठेका मौर कतरी से इम्तहान टलना। बंधी हुई रस्सो। सयो० कि०--शाना।