पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/२३३

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टॉटर- टाइमटेबुर टॉटर-मझा ० [हिं० टट्टर] खोपड़ी। कपाल। . टॉप-समपुं० [से.तार . 'टाड़ा। .-चारी दाख टॉठ-वि० [अनु० ठन ठन या सं० स्थाणु] १. वो सूखकर कड़ा सलोनी टूटी।-बायसी पं., १० १४१। हो गया हो । करारा । कहा। कठोर। उ.-राम सो साम टायटॉय-संकी [भनु.] १.कर्करबन्द | अप्रिय शम्द। कई किए नित है हित कोमल का न कीजिए टठि। -तुलसी बोलो। । २. बाबका बकवादाप्रमाप! , “ मुद्दा-टोय टॉप करना बकवाद करना । निरर्थक बोसना । २.८ । बधी । सगड़ा । मुस्टडा। निना समझ बूझे बोमना । उ०-तुम कुछ समझते तोहो नहीं बेकार टांय टोप करते हो।-फिसामा, टॉठा-वि० [हिं० 28] [वि० सी० टाटी] १. करारा । कहा कठोर । भा०३, पृ० ११५। टॉय टाय फिस- (१)कवाद पर फर २८ । हृष्ट पुष्ट । तगड़ा । कुछ नहीं। किसी कार्य संबंध में बातचीत तो बहुत बढ़कर टॉसवा पी० [सं० स्थारगु] १. लकड़ी के खमों पर या दो पर परिणाम कुछ नहीं। (२) किसी कार्य के पारंम में तो दीवारों के बीच लकही को परियो या वीस के लट्ठ ठहरा बड़ी भारी तत्परता पर अंत में सिद्धि कुछ भी नहीं । कार्य का कर बनाई हुई पाटन जिसपर धीज पसवाव रखते हैं। भारम तो बड़ी धुमधाम के साथ, पर मत को होना पाना परयसी । २ मचान जिसपर वैठकर खेत की रखवाली करते कुछ नहीं। . है। ३. गुल्ली के खेल में गुल्वी पर उठे का भाषात। टॉस-सचा श्री.हि. टानमा (सींचना) हाथ या पैर के बहुत ' टोला। देर तक मुझे रहने के कारण नसों की सिकुडन या तनाव क्रि०प्र०-मारना -लगाना। जिससे फंसने की सी असह्य पीड़ा होने लगती है। यह पीड़ा टॉस-सा पु० [देताड वाह पर पहनने का स्त्रियो का एक प्रायः क्षरिएक होती है। गहना । टंडिया! क्रि० प्र०-चढ़ना। टाँदा-सबा पु० [सं० अट्टाल, हि. पटाला, टाल ] १. र। टॉसना-क्रि० प्र• [हिं० ] दे० 'टाँपना', 'टॉकना'। पटाला । टाल ।राशि । २. समूह। पक्ति । ३. घरो की टा--मश खो [सं०] १ पथ्यो। २ शपय । कसम [को०। पक्ति। ४.३० 'टा । टाइटिल पेज-सका [.] फिसी पुस्तक के सबसे ऊपर का टाँदा-सया खो० [देश०] कका मिली मिट्टी। कंकरीली मिट्टी। पुष्ठ जिसपर पुस्तक पोर पंथकार का नाम मादि कुछ बड़े मक्षरी में रहता है। भावरण पृष्ठ । टाँदा- पु० [हि.टार-समूह)1१.अन माथि व्यापार की टाइप-समा[0] सीसे अथवा सोसे और तांबे के मिश्रण से वस्तुमों से बदे हुए देखों या पशुमों का ४ जिसे व्यापारी उसे हुए मकर जिनको मिलाकर पुस्तके छापी पाती है। लेकर पलते हैं। बरदी। बनवारों के बैलो मादिका मुर। कोर्ट का भक्षर बनजारके बैल ज्यों टाहो उतरयो माय 1-कबीर (शब्द॰) । २. व्यापारियों के माल को चलान ! विक्री के माल का सेप। टाइपकास्टिग मशीन-साखी [मं०] कांटे का प्रसार वासने व्यापारी का माल जो लादकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर का कल। जाय । 3....पति सीन मुनाल के तारह वे तेहि पर पांव टाइपमोल्स-सबा पु. [म.] कांटे के अक्षर दामने का सांगा। टा दे मावनो है। सुई वेह सौं वेह सकी न तहाँ परतीति को टाइपराइटर-सक पु० [4.] एक कल या यंत्र जिसमें कागज टांगे सदावनो है।-बोधा (शब्द०)। रखकर टाइपके से मक्षर छापे जाते हैं। यह वक्षरों मोर कार्यालयों में पिट्टी पत्री मादि छापने के काम मे भाता है। मुहा०-टाडा बदना=(१) विक्री का माल लदना । (२) कुच टकण यत्र। की तैयारी होना । (३) मरने की तैयारी होना। टाइफायल-सज्ञा पुं॰ [म. टाइफायर] एक प्रकार का विर्वमा । ३, व्यापारियो का पलता समूह । बनजारों का अर जो एक ज्वर जिसमें सबेरे वाप घट जाता है और सभ्या को बढ़ पाता , स्पान से दूसरे स्थान को जाता हो। ४ नाव पर चढ़कर इस है। मोतीझरा , पार से उस पार जानेवाले पथिकों और व्यापारियों का समूह । टाइफोन-सका पुं० [अ० टाइफून, तुलनीय तूफान Jएक प्रकारका ३०-लीले बेगि निवैरि सरप्रनु यह पठितन को टाडो:- तूफान जो पीन के समुद्र में और उसके पासपास बरसाद सूर (शब्द०)। ५.फूटुव । परिवार । चार महीनों में पाया करता है। टोडा-सा सतुएस, हि. ] एक प्रकार का हरा कीड़ा टाइम समा [40] समय । वक्त। जो पन्ने प्रादिकी बड़ों में लगकर फसल को हानि यो०-टाइम टाइमपीस । पहुंचाता है। टाइमटेवा-सदा मु बह विवरणपत्र यो साली जिमों कि.प्र.-लगना । भिन्न भिन्न कार्यों के लिये निश्चित समय लिखा रहा है। टॉडी-मंधनादेश०] टिडी। उ०-उमरि रारि हुरकन त्यो जैसे, स्कूल का टाइमटेबुख, दफ्तर का टाइमटेबुम, रेखदे 'माहो। कुठे तौर पद्दति भयो दादरी-बाम (पद)। बाइमटेबुरा ,