पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/२४४

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टोपन टोपन'---का श्री० [हिं० टोपना ] शरीर मे वह स्थान जहाँ फाटा टुटुका-सा श्री• [सं० सादका पाला। या फकर पुमने से मांस कंपा होकर कमा हो जाता है। -gottomer(बिना सिरहार), णास्था( भिन्न , गांठ । टीका। पट्टा। प)] १. पहप जिपकी सही मारहा । टीपन --सपा पु० [सं० टिप्पणी ] जन्मपत्री।टोपना। दिमा४।२. पद मिशान हो। दीपना'-कि० स०[टेपम(= फेंकना)]t.ru या उँगली से माना। कटा पाहापन प्रकारका विषम पह • पापना । मसना। वैसे, पर टीपना। २. धीरे पोरे अमिर है कि यह पो परर होगर और अपनाया ठोफना। इसका प्रहार करना। ३. स्वर में माना। ४. सिर भाग र पो Frenal है। गजीफे के प्रेस में दो पत्तों से एक पता पीवना। ५. दोवास 30-4 गुगन टुकिय निरम नम नाइक - . पा फरश की परारों को मसाले से भरना।। मरि -स. .२२। टोपना-क्रि० स० [सं० टिपनी मिरा सेना र पेना। दुरा... [.₹ 1 श्री• AF11- 1.fnी राव भफित फर सेना । पर सेना। टानी मादिगई । २.विमाहापापा टीपना-सा श्री. • टिप्पणी] जन्मपत्री) 3.--योमत हाविदापका मुं11३(११) मिका गगाधर राव की जन्मपत्री मिलाकर चाय पर ur भीग दावी । 114 जाय । टोपना प्राप्त हो गई। मिस गई।-भासी०१०४२। टुडा'-II १.पा मादमी। समय। २. एक पीग टीचा-सा [हिं० टोला ] टीसाह | मीटा। टोम-सा स्त्री० [40] खेलनेवालों का दस । जैसे, क्रिकेट की टीम। दु -unny Hएडवामि ।- दी - की- [8. हम दुना मुस। टोमटाम-सा ली. [ देश०] १. बनाव सिंगार। सजावट । २ मुहा.- पीपना पाना मुल ना दुरिया ठाठवाट । तडक भड़क उ.-टोमटाम बाहर बहतेरे दिन दासी से बंधा-कबीर , मा०४, पु. २५ । सिपनामुळे पाना। दो पत टु गो-fi• [ में गु, दि० एंड दा , टोने हाथ टीना-सपा पुं० [सं० उठीसा (= भार)] १. पृप्पो का पद उमरा मा माग जो पासपात पाहो मोटा। नहो।रटेदार कोसी। २ मिट्टी या वाल का कैवार घु।.ोटो पहागे। 3-या [म. गारारावर में Easहिनप्रण। ४ साधुमो का मठ। ट्रॅगना--कि . ] 1.(पीपापों का)दरनोवर की पत्तियों को राना । दुरना। २. वर र टीशन-सवा पी० [म. स्टेशन 1 रेसगाटो ठहरने का स्थान । पाना पारखा। स्टेशन । उ०-पुरेनिया धौशन पर गारी पको भी नहीं संयोनि-बाना 1-सेना। पी।मखा०, पृ०७। टीस-सम स्त्री. [ देरा०] घुमती ईपीनारारकर उठनेता हरया .. दृश्यों का. .] पोटी आदि का सुपर पा तोदा। ददं । कसका पसक । हूल। सुम्मी । विशेष-सको पाप पानीपौर गरवा रंगनोराको होती है। कि.प्र.--होना। दुइयों-रि देगना । नाटा बना। मुहा.-टीस उठना-दर्द गुरु होना। रह रहकर पीग होना। ., ( पाव पावि का ) टोस मारना = रह रहकर दरना। दुइensti [R० दिन] एक प्रकार का मोटा मुसापन मुठी टीस-सा मी [म. स्टिप ] किताब की सिलाई। जुवो। टुक'---[tas (मोड़ा)पोहा । जरा।किपिद । वनिरू। टोसना-कि०म० [हिं० टीस] १. चुमती पीमा होना। रह रहकर मुहा०-टर धारा सापोड़ा सा। ददं उठना । कसफ होना। पाय फोमादिका दवं करना। दफ-किरि पोड़ा। अरा। निवेदक पर देखो। टुंगा-सम ० [सं० उत्तुङ्ग] पहार को पोटी। उ~मात, फातर न हो, महो, टुरु पोरस पारो।-साकेत, टुच-वि० [सं० तुच्या धुद । तुन्छ । टुन्या । मुहाच मिहाना: पोपी पूजी से काम करता। विशेप-सन्द का प्रयोग कि.वि०बत ही प्रषिक होता है। । साना=(१) पोड़ी पूजी से काम प्रारम करना। (२) कभी कभी यह पो ही पेपरवाई करने के लिये किसी श्मिा के पोड़ी पृषी से जुमा खेलना । धीरे धीरे जीतना। ___ साप बोला जाता है 1 ते,-टुक जाकर देखो तो। टुटा-वि० [संपएड या हि. टूटा ] . जिसका हाप कटा हो। टुक टुक'--कि० वि० [ मनु० ] ३० 'टुकुर टुकुर'। विना हाथ का। लूलो। २.₹ठा। . टुक टुक --कि..[हिं० ट्रकमा ट्रक दक। ट्रको दुरूहे। हुँ टुक'-सा . [सं० टुण्टक] १. योनाफ । सोना पागों मान । ___०-दरजी ने ट्रक दुरू कीन्ह दरद नहिं जाना हो। it टेटा २.काला र ।' धरती०,पृ. ३६।' २-वि०१. छोटा। र । दुए। ३. कठोर [को०] । कि.प्र.करना।