पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/२४८

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२०६४ टैंगरा १३. किसी स्थान, जैसे गढ़ आदि का शत्रु के अधिकार में जाना । मुहा०-टूम देना- कबूतर को छतरी पर से उड़ाना । जैसे, किला टूटना। उ.-मेघनाद तह फरइ सराई। टूट ७. ताना। व्यंग्य । न द्वार परम कठिनाई।--तुलसी (पन्द०)। क्रि० प्र०-टूम मारना या तोडना- ताना मारना। संयोकि-पाना। टूमना-क्रि० स० [पनु.] १. धक्का देना । झटका देना। १४ रुपए का बाकी पड़ना । वसूल न होना । बसे,-अभी हिसाब खोदना । २. ताना मारना । व्यग्य बोलना। साफ नही हमा, हमारे १०) टूटते हैं। १५. टोटा होना । घाटा दूरनामेंट-संसा . [पं० टूर्नामेट ] खेल जिनमें जीतनेवालों को होना । हानि होना। १६ शरीर में ऐंठन या तनाव लिए हए- इनाम मिलता है। पीडा होना । जैसे,-बुखार पढ़ने पर जोर जोड़ टूटता है। टन-सा पुं० [40 ] मौजार जिसकी सहायता से कोई काम महा०-बदन या मंग टूटना अंगड़ाई माना । किया जाय। १७ पड़ों से फल का तोड़ा जाना । फलों का इकट्ठा किया जाना। दल-सबा पुं० [अं० एल ] चे पावों की छोटी चौकी जिसपर फल उतरना । जैसे, माम टूटना । लड़के बैठते हैं या कोई चीज रखी जाती है। तिपाई। टटा-वि० [हिं० टूटना ] [ वि०सी० टूटी ] १ टुकड़े किया हमा। टूसा'--सं ० [सं० तु ( भूसी)]मंदार का फल । होगा। भग्न । खस्ति । २ रेशा । फुचहा। सूत । ३. पक्कर का फूल । पाकर का फूल । यौ०-टूटा फूटा-जीर्ण । पिझम्मा । ४. पतझड़ के बाद टहनियों के सिर पर पक्षियों का संविष्ट मुहा०-टूटी फूटी जपान, पाप्त पा दोषी= (१) मसंषर वाक्य । नुकीला प्राकार पो नीम, पाकर मादि वृक्षों में मिलता है। ऐसे वाक्य जो ध्याकरण से शुद्ध पौर संघद्ध न हो। जैसे, दूसा--पा पुं० [देश॰] टुकडा । खंड। टूटी फूटी मग्रेजी । ०-क्या कहें हाले दिल परीष जिगर। ट्रसी-सधा सी० [हिं० टुसा ] कली। बिना खिला हुमा फूल । टटी फटी जवान है प्यारे।-वि० भा० । २ अस्पष्ट वाक्य । टेकिका-संघा सी०सं० टेद्रिका ताल के साठ मुख्य भेदो में से एक। 30-शीत, पित्त कफ कंठ निरोघे रसना टूटी फूटी पात। को-संसली. [ से० टेडी], शुद्ध राग का एक भेद । २ एक --सूर (शब्द०)। टूटी बांह गले परना=अपाहिल, निर्वाह प्रकारका तस्य। का भार अपने ऊपर पड़ना। किसी सबंधी का खर्च अपने : ' टॅपरेचर-साश पु. [0] शरीर या किसी स्थान की उष्णता या जिम्मे होना। गर्मी का मान जो थर्मामीटर से जाना जाता है। तापमान। २. दुबला । कमजोर । क्षोण थिथिन । ३. मिधन । दरिद्र । जैसे,—(क) सबेरे उसका टेंपरेचर लिया था; १०२ डिग्री दीन। बुखार पा । (ख) इस बार इलाहाबाद में ११८ डिग्री टेंपरेचर दटार-सका पु० [हिं०] दे० 'टोटा'। उ०—कर व्योपार सहज है हो गया था। सौदा, टूटा कबहुं न परता |--कबीर , भा०३, पृ.१०॥ क्रि० प्र०-लेना होना। टूटा फूटा-वि० [हि. टूटना + फूटना] बिगड़ा हुपा। घिसकी। हालत दुरी हो गई हो। स.-पाप भी उन्ही दुवे फुटे मवाबों ट- -सशा स्त्री॰ [पनु०] तोते की बोली । सुए को गोली। में है।-फिसाना०, बा.१, पृ०१५ यौ०-है। टूठना -क्रि० प. [सं० सुष्ट, प्रा. .हि टूठ+या (प्रत्य॰)] मुहा०-₹र्ट-अयथं को यकवाद । हज्जव । हैहोना या तुष्ट होना। प्रसन्न होगा। १०-हमसों मिले वर्ष बादशा बोजना - उसी तरह पटपट मर जाना जिस प्रकार बिल्ली के दिन चारिक तुम घो दूठे। सूर प्रापरे प्राचन खेलें घव देखें पड़ने पर तोता एक बार शब्द निकालकर मर जाता है। छठे। --सूर (शम्ब.)। झट प्राण छोड़ देना । मर जाना । न पचना। टूठनि -सहा श्री० [हिं. टूठमा] संतोष। तुष्टि प्रसन्नता। टॅगढ़-सबा पुं० [हिं०] दे॰ 'टेंगरा। 30-तुमुक मुफ पग धरनि नटपि सरसरपि सुहाई। भनि टेंगड़ा-सबा पुं० [हिं०] दे० 'टेंगरा'। मिलनि ठनि टूठनि किचकनि अवलोकनि बोमनि बरनि न टॅगन-सपा पु० [सं० ] टेंगरा मछली। उ०-संघ सुगष परे जाई।-तुलसी (शम्द०)। बल बाड़े । टेंगन मुवे टोय सब का !-~-जायसी (शब्द०)। टूनरोटी- श्री• [म. टाउन ड्यूटी 1 पुगी। टॅगना-सधा पुं० [हिं०] दे० 'टेंगरा' । दूना-सा पुं० [हिं० ] दे० 'टोना। टेंगर-सक्षा श्री० [सं० तुरड (एक मछली) ] एक प्रकार की टूम-सा बी• [ मनु० टुनटुन ] गहमा पाता। पाभूषस । मछली। यो०--टुमटाम- (१) गहना पाता। वस्त्राभूषण। (२) बनाव विशेष---यह टेंगरा ही के तरह की पर उससे यहुन बड़ी मर्यात सिंगार। टूम छल्ला-छोटा मोटा गहना । साधारण गहना। दो ढाई हाथ हम लंधी होती है। गश की तरह इसे मी २. सुदर स्त्री।३ धनी स्ली। मालदार ली। ४ नोची। काटे होते हैं। - (बाजाक) ५ चालाक मोर चतुर पादमी। ६. उकसाने या टेंगरा-सज्ञा • [सं० तुरड (एक प्रकार की मछली ) ] एक डोदने की क्रिया । भटका । घरका । प्रकार की मछली।