पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/२५८

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टोहानी १६०४ ट्रेसि टोहानोल-उस-[हि. टोहना ] टोह। देखभाल । ०- अपनी टो ऊपी टोरिया पर चढ़ा ले बावेगा मौर बहाँ से कार टोहानी नाम की रिगड़न कूकछु नहि।-राम. फाटक पौर दुर्ष को घुस्स करने का उपाय करेगा।-झांसी, धर्म,१.७१ पू. ३२०। टोहिया-हि टोह १. टोह लगानेवासा। टूढनेवाला। टौरी-सह सी०दिश०] टोला । घुस्स । पहाडी। २.जानुस । ट्यामा-संच पु० [देश॰] झंझट । बखेड़ा। टोहियाना-कि... [-]. 'टोहना' । ट्रॅक-सबा पुं० [मं०] सोहे का सफरी सदुक । टो - मो. [हिं० टोह तलाश करनेवाला। पता सगानेवासा । प-सहा पु० [म०] १. ताय के खेल में वह रग जो मौर रंगों के टौनाबुत पुं० [हिं०] . 'टोना' । 3.-घुनि सुनि मोही बड़े से बड़े पत्ते को काटने के लिये नियत किया जाता है। राधिका पो र सिमरी नारि, मनी टोना कन्यो।-नद. हुक्म का रंग । तुरुप । २.दृप का खेल।। प्र०, पृ० १६८। ट्रक-संधली.[4] बोझा ढोनेवाली खुली मोटर। टॉस-समा स्त्री॰ [सं० तमसा ] ! एक छोटी नदी जो भयोध्या ट्राम-सचा स्लो० [म.] बडे बड़े नगरों में एक प्रकार की समी कपश्चिम से निकलकर वलिया के पास गया में मिलती है। गाड़ी जो लोहे की विधी हुई पटरी पर पलती है । इसमें पहले विशेष-रामायण में लिखी हुई तमसा यही है जहाँ बन को जाते घोड़े लगते थे पर मब यह बिजली से चलाई जाती है। हए रामपा जी ने अपना डेरा किया था तया जिससे मागे टेडमार्क-सहा नं. वह चिह्न जो व्यापारी लोग पहचानने पलकर गोमतीपौर गया पी पी। बालकांर के मादि में के लिये अपने यहाँ के बने या भेजे हुए माल पर तगावे तमसा के तट पर वाल्मीकि के भाश्रम का होना लिखा है। हैं। छाप । पयोध्याकांड में प्रयाग से चित्रकूट जाते हुए भी रामचद्र को ट्रस्ट-सस पुं० [मं०] संपत्ति या दान । सपत्ति को इस विचार या वान्मीकि का भाथम मिला या पर वहाँ तमसा का कोई विश्वास से दूसरे व्यक्ति के सुपुर्द करना कि वे संपत्ति का उल्लेख नहीं है। इससे सभव है कि वाल्मीकि दो स्थानों पर प्रबध या उपयोग उसके स्वामी या अधिकारी को लिखापढ़ी रहे हों। या पानपत्र के अनुसार करेंगे। २. एक नदी जो मैहर के पास कैमोर पहार से निकलकर रीवा । ट्रस्टो-सहा पुं० [ मं०] वह व्यक्ति जिसके सुपुर्द कोई संपत्ति इस होती हुई मिर्जापुर पोर इलाहाबाद के बीच गंगा से " विचार और विश्वास से की गई हो कि वह उस सपत्ति का मिलती है। प्रवष या उपभोग उसके स्वामी या अधिकारी को सिखापढ़ी विशेष-इस नदी के तट पर वाल्मीकि का एक प्राधम बतलाया या वानपत्र के अनुसार करेगा । मभिभावक । पासा है जो सभवतः उसमाधम को सूचित करता हो जिसका द्रासपोट-सवा पुं० [म.] माल असबाब एक स्थान से दुसरे उल्लेस भयोध्याकार में है। स्थान को ले जाना। बारवरदारी। २. वह जहाज जिसपर ३. एक नदी जो जमुनोत्री पहाड से निकलकर टेहरी मोर सैनिक या युद्ध का सामान मादि एक स्थान से दूसरे स्थान देहरादून होती हुई जमुना में जा मिली है। को भेजा जाता है। ३. सबारी । गाडी। टोहना-कि० . [हिं० टोहना ] दे॰ 'टोहना'। उ०-टोहन ट्रांसलेटर-सक • [पं.] यह जो एक भाषा का दूसरी भाषा को पतिया लिखी भेषतु पोहन को सबहो धन धाम :- में उल्या करता है। भाषांतरकार। अनुवादक । जैसे, गवर्न. सुदर० प्र०, ना० १.०६३ । मेंट द्रासलेटर। टोक्किा -वि० [?] पेटू । 30-टोडिक व धनमानद डाटत काटत टांसलेशन-सम. [40] एक भाषा मे प्रदक्षित भावो या क्यों नहीं दोनता सो दिन ।--धनानद, पृ० २५३ । विचारों को दूसरी भाषा के शब्दों में प्रगट करना। एक भाषा टोनहाल- [मटाउनहान ] दे॰ 'टाउनहाल'। को दूसरी मे उल्पा करना। भाषातर । मनुवाद । उल्या। टोना टामन - पुं० [हिं० टोना+अनु. टामन] जादू तर्जुमा। टोना। वर मर। उ.-टोना टामन मत्र यंत्र सब साधन दूप-संत सौ. [पं.दूप]१ पसटन । सैन्यदल । जैसे, ब्रिटिश सापे-बज०० पू०१४॥ ट्र.पा २ मुड़सवारों का एक दल जिसमें एक कप्तान की टौर -cmj.हि. टोल समूह । कुं। यूप। उ.-यह पौसर मधीनता में प्राय साठ जवान होते है। फाग को नीको फम्पो गिरिधारी हिले कहूँ टोरनि सो ।- दुस-या स्त्री॰ [अं॰] दो सरनेवाली सेनामों के नायकों को पनानंद, पु. ५१८। स्वीकृति से लड़ाई का स्थगित होना । कुछ काल के लिये टोरना-कि..[हि- टेरना] भलो बुरी बात की जांच साईबद होना। क्षणिक समि। करना। २ किसी व्यक्ति या बात कोपाह सेना। पवा ट्रेक्टर-सापुं० [40] एक प्रकार का मसीनी हस । मपाना। ट्रेजरर-म• [ मं• देवरर ] सजानपी । कोषाध्यक्ष । टोरिया-सा की Anा टोमा । घोटी पहाटी। उ०—री ट्रेडिल-- पुं० [मं.] एक प्रकार का छापने का छोटा यत्र ।