पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/२९२

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पहना १११ डमडम उपमना'-हि. [हिं..] रिमो पातु को दर को कटोरी कचन कीस पडदीन में सोल परी मनौ नीस नगी है।- 6प्रासार का गठन करना। सुदरी सर्वस्व (जब्द.)। उपसना'-- .[पन. .. पोटा करना। टपकना । दर्द डबुया-करा . [ देश ] ३० 'उबुनिया'। उ. - मिट्टी का कडा देना ह मारता २.नंगदाफर चसना । या बुपा बुरा नहीं मालूम होता !--माधुनिक०, पु. १६५ उपना'--fr.. .. पापा 1 तरलित होना। इबुलिया-सयानो [देश॰] कुल्लिया। छोटा पुरवा। पउना । (नेत्रो में) पानू भर माना। योना-कि 10 [मनु, उद उच, या से० द्रवण] १. सुराना। प्रवाहा-- मनु महिना पनि श्री. उबकोही] गोता देना। बोरना। मग्न करना। २. विगारना नष्ट पार मराहमा पापा हमाप्रबुपूरित । गोला। करना। चौपट करना। उ.-दिनमो सकी हे पखन, ठिय ससि गमन बराम। मुहा०-नाम उबोना नाम मे पाना सगाना। स्पाति नष्ट रिस गहमर मायो गरी रापो परे लगाय।-रिहारी करना । वरना वश की मर्याक्ष नष्ट करना। कुस में पलक लगाना । नुटिपा डवोना महत्व नष्ट करना । प्रतिष्ठा होना। दबावाना-कि. म. [ अनु., या हि. 38 उर ] मांसू से का भर माना। पान (allस) गीता होना । मय पूर्ण डब्बल-मसा पु० दे० ] दे० 'हवल'। होना। ,पानदराराना। 30-(क) जव चब सुरति डब्बा-स० [तेलगाया सं० डिम्ब (गोल)] १. ढपकनदार फरवरपरबाद दोउ लोचन मग भरत। -सूर छोटा गहरा बरतन जिसमें ठोस या भुरमुरी चीजें रखी जाती (व.)। (स) 3.- वाय मापन में पानी। बुढ़े तन हैं। संपुट । २ रेलगाड़ी की एक गाडी जो मलग हो पोपही नियानी-मो०, पु. ३.1 सकती हो। संपोकि-माना।-जाना। डब्बू-सपा : [हिं० मा तुस० देशी डोम, गुज. होयो ] बड़ी पिरोप-- चन्द का प्रयोग 'मा' साप तो होता ही है, लगा हा एक प्रकार का कटोरा जिससे परोसने का काम लिया जाता है। 'पा' साप भी होता है। डभक-नि० [सं० स्तवक, या देश० ] ताजा । पेड या पौधे से तत्काल सपर- पु. [. र] मार| उ.-डेराथी साजे उबर, तोडाहमा। उ०-एक पीला सा उभा भमरूद उसने हाय पदमसीष पाण। फरखा सुरी सहायकज असुर! सू बदाकर उठा लिया।-नई..पु०१२६॥ पारा -पु .पु. १७३। इभकना-कि.म. [ अनु. हम उभ या स्र० द्रप] १ पानी में उपरा--14t. .दत (= समुद्र पा भोस)] [श्री पल्पा. दूरना, उतराना । चुमकी लेना । २ (माखों का) बनाना। परी] १.वाना गा जिसमें पानी जमा रहे । (नेत्रों में) जल भर माना। 30--पदन पियर जस उमहि कुरा दी। २ पद नोची भूमि का टुकड़ा जिसमें पानी नैना । परगट दुपो पेम के बैना । -- जायसी (शब्द०)। नगवा हो। ३ का कोना जो जोडने में सूट जाता है। डमका'-सया पुं० [हिं. हमकना ] फुए से ताजा निकाला हमा कटोरा। पात्र। (पानी)। ताजा । १२ प्रश् । नेत्रजल । उपरो- हिसरा घोटाला या ताल । उभका-मापुं० [दरा०] १ भुना हुपा मटर या पना जो फूटा उपक्ष'- [20] पोइरा। दुना । दोगुना। उ-बल जीन न हो। कोहरा। और मनी में भी जामीन (प्रेमपत, मा० २, भकौरी-सश श्री. [हिं० डमकना] उरद की पीठी को बरापा पु. २५६ । बिना तले हुए कड़ी में डाल दी जाती है। दुमकी। उपनाया .[.म्प? मनीरामपका पैसा । च-पानोरा रास्ता पोरी। उनकारी मुंगछी सुठि सौरी। बरोटो-हो-[. +हिं० रोटी 1पापरोटी। -मूर (शब्द०)। पति - प. पोइरी बनी। डमकोह)-वि० [हिं०] डे 'दबकोहो । ला-ut. .हि. बरा] मिट्टी फा पुरवा । डम - [.] एक नीच या वर्णएकर जाति जिसे ग्रहावत पुराए ने लेट मोर पाशती से उत्पन्न माना है । डोम । rnt-art[ ] मा', 'ढिमकना'-fक. . (मनु.] ध्वनि या सन्द करना ( दोन सपारी3-10-g रा मादि का) पही। उ.-को है रूप, कोको सिनारी-गुनास,०५२।। दमकना -मिम. हिं, दमकना ] घमाना । घोतित होना। उ.-पोपग चिंतामण वएक, वे हमाया बरबार -बीको पिit-nभी घोटामिाजिलिया। प्र०, भा॰ २, पृ.७५। धिरना - . .मनमोको निसान साना । इमढम--सदा- [अनु.] महबजाने होनेवाली पावान 3.-एक नाद कापही प्रत हो, समम्म म परे फिर rist-anti.m . al, frua' | ३० यांव-पोला, ४८ ।