पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/३०३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

गलफिन १६४६ डिंगर वह कुथ ढक जाय । फैलाकर रखना । जैसे, मुह पर चादर डावड़ा-या पुं० [देश॰] पिठवन । हालना, मेज पर कपड़ा डालना, सूखने के लिये गीली घोती डावड़ा-सच्चा पुं० [हिं०] दे० 'डावरा'। डालना। डावड़ी -समा सो [सं०] दे० 'डावरी'। संयो०क्रि०-देना। डावरा-सक्षा पुं० [सं० डिम्ब] [श्री. डावरी ] लटका । बेटा। ६. शरीर पर धारण करना । पहनना । जैसे, अंगरखा दालना। उ०-दशरय को डावरी सांवरो व्याहे जनककुमारी।- संयोक्रि०-लेना। रघुराज (शब्द०)। १. किसी के मत्थे छोड़ना । जिम्मे करना ! भार देना । जैसे,- डावरी-सच्चा नी० [हिं० डावरा] लड़की । बेटी। कन्या। उ०- (क) तुम सब काम मेरे ही ऊपर डाल देते हो। (ख) उसका (क) ठाढ़े भए रघुवशमरिण तिमि जनक भूपति डावरी। सारा खर्च मेरे ऊपर डाल दिया गया है। -रघुराज (शब्द.)। (ख) जिन पालि गह्यो हुतो मेरी सयो०- क्रि०-देना। तवै सब गाय उठी व्रज डावरियो ।-सुदरीसर्वस्व (शब्द॰) । ११ गर्भपात करना । पेट गिराना । (चौपायों के लिये)। डास-सशा पुं० [देश॰] चमारों का एक मोजार जिससे चमड़े के संयो० क्रि०-देना। भीतर का रुख साफ करते हैं। १२ ( किसी स्त्री को ) रख लेना । पत्ली की तरह रखना। डासन-सज्ञा पुं० [सं० दर्मासन, हिं. डाम+पासन] विछाने की संयो० कि०-लेना। घटाई, वस्त्र मादि। बिछावन । विद्यौना। बिस्वर । उ०- १३ लगाना । उपयोग करना । जैसे, किसी व्यापार में रुपया सोमइ भोदन लोमड डासन । सिस्नोदर पर जमपुर त्रास न । डालना। १४. किसी के अंतर्गत करना । किसी विषय या -~-तुलसी (शब्द०)। वस्त के भीतर लेना। जैसे,—यह रुपया ब्याह के खर्च मे डाल डासना-क्रि० स० [हिं० डासन ] बिछाना। डालना । फैशाना । दो। १५ अव्यवस्था मादि उपस्थित करना । दुरी बात उ.--(क) निज कर हासि नागरिपु छाला । वैठे सहजहि समु घटित करना। मचाना । जैसे,-गढ़वह डालना, पापत्ति कुपाला ।-तुलसी (शब्द०)। (ख) डासत ही गह बीति डालना, विपत्ति डालना। १६. विछाना । जैसे, खठिया निसा सब कबहुं न नाथ नीद मरि सोयो ।-तुलसी (शब्द०) डालना, पलग डालना, चारा डालना। डासना....क्रि० स० [हिं० डसना ] डसना । काटना । 10- विशेष—इस क्रिया का प्रयोग सयो० कि० रूप मे भी, समाप्ति डासी वा विसासी विषमेपु विषधर नठ माहू पहर विष विष की ध्वनि व्यजित करने के लिये, सकर्मक क्रियाओं के साथ की लहर सी। देव (शब्द०)। होता है, जैसे, मार डालना, कर डालना, काट डालना, जला डासनी-सा खी० [हि० डासन ] १. खाट। पलग । पारपाई। हालना, दे गलना, मादि । २ विथोना। डालफिन-सचा स्त्री०म०] ह्वेल मछली का एक भेद । डाह-सच्चा श्री० [सं० दाह] १ जलन । ईष्या। द्वेष। द्रोह । डालर-सज्ञ पु ] अमेरिका का सिक्का । यह १०० सेंट या उ.--इनके मन में भौरों की डाह बडी प्रवल थी।-श्री- टमे का होता है। रुपयों में इसका मुख्य विनिमय दर निवास पं., पु० २१२ । के पाधार पर सदा चदलता रहता है। कभी एक डालर क्रि० प्र०—करना । रखना। तीन रुपए दो माने के बराबर था। सप्रति उसकी दर २ ताप । जलन । उ०-पुहकर डाह वियोग, प्रान विरह वस भारतीय रुपयो मे लगभग ४८७ न. पैसे है। होहिं जब । का समझावहिं लोग, भग्नि न पिर पारी रहै।-- डाखा-सा पुं० [सं० डलक ] दे० 'डला', 'डाल। रसरतन, पृ. ६४। डालिम-सहा . [सं० ] दे० दाडिम' [को०] । डाहना-क्रि० स० [सं० दाहन ] जलाना । सताना । दिफ करना । डावी-सशा मी० [हिं० डाला] १ उनिया। चंगेरी। २ फल उग करना । उ०-फाहे को मोहि डाहुन पाए रेनि देत सुख फूल, मेवे तथा खाने पीने की वस्तुएं जो डलिया में सजाकर वाको?—सूर (शब्द०)। किसी के पास सम्मानार्थ भेजी जाती हैं। जैसे-बड़े दिन में डाहल, डाहाल-सधा पुं० [सं०] एफ देपा । त्रिपुर देस [को०] । साहब लोगों के पास बहुत सी ठालियां पाती हैं। क्रि० प्र०-भेजना। डाही-वि० [हिं० डाह ] डाह करनेवाला। ईष्या करनेवाला। मुहा०-डाली लगाना अलिया में मेवे प्रादि सजाकर भेजवा । ईर्ष्यालु । जैसे,- वह बडा डाही है, डाली-समा स्त्री० [हिं० हाल ] दे॰ 'डाल" डाहुक-सका पुं० [सं० दाहुक ? या देश०] १. एक पक्षी जो टिटिहरी माकार का होता है पोर जलाशयों के निकट रहता है। डाच -सहा पुं० [हिं० दे० 'दाव'!--30-~पाका काचाह २ चातक । पपीहा । गया, जीत्या हारे डाव। पंत काल गाफिल मया, दापू फिसले पाव ।-दादू०, पृ० २१२ । डिंगर-सशा पुं० [सं० टिङ्गर) १. मोटा पादमी । मोटासा । २ दुष्ट ।