पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/३१२

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दा रावासो डेदा-वि.हि. डेढ़ ] डेढ़ गुना। किसी वस्तु से उसका भाषा पक्षपाती हो। वह जो कुलीनता मकुलीनता या पनीष का मोर पधिक । डेवढ़ा। भेष न मानता हो। डेदारे-संशा पु० एक प्रकार का पहाडा जिसमें प्रत्येक संख्या की टेढगुनी डे'-संक्षा पुं० [हिं०] दे० 'डर। सख्या बतलाई जाती है। डेर-संशा पुं० [हिं०] दे० 'डेरा। 30-हे खेत पर ठाढ़ भक्ति डेदिया--संगापु० [देश०] पुमाले की जाति का एक बहुत ऊँचा पेड़ को और मेंहै।-- पलटू० पू० ८७। जिसके पत्ते सुगधित होते हैं । डेरा सशा० [हि. ठरना, ठेराव या हि. दर (स्थान)] १. विशेष-यह वृक्ष पारजिलिंग, सिक्किम और सूटान मादि में टिकान । ठहराव। पोड़े काल के लिये निवास। थोड़े दिन पाया जाता है। इसके पत्तों से एक प्रकार की सुगंध निकलती के लिये रहना। पड़ाव । पैसे,-माज रात को यहीं डेरा है। इसकी लकड़ी मकानो में लगाने तथा पाय के संधूक मोर करो, सवेरे उठकर चलेंगे। खेती के सामान (हप्स, पाटा मावि) बनाने के काम में क्रि० प्र०-होना ।—लेना-स्थान तजबीजकर टिक पाना माती है । यह पेय पुषाले की जाति का है। या निवास करना। उ०-साल्ह महल ठुकड़ा, ठाढ़ी ठेदिया-पाश्री [हिं० हेड ] दे० 'वेदी। रेरउ लीप-डोसा, दू. १८७। डेढ़ी-सचा स्त्री॰ [हि. डेढ़ ] किसानों को दोमाई के समय इस शर्ट २. टिकने का पायोजन । टिकान का सामान । ठहरने वा रहने के पर मनाज उधार देने की रीति डिदे फसल कटने पर लिए चिये फैलाया हुमा सामान । पैसे, विस्तर, बरतम, माया छपर, हुए अनाज का ड्योढ़ा थे। संबू इत्यादि । छावनी । जै-यहां से घटपट डेरा उठायो। डेना -क्रि० स० [40] देना। प्रदान करना। उ.-तन भी यौ-राडा- टिकने का सामान । बोरिया अपना निवास ठेवां, मन भी ठेवा वा पिड परात !-दा०, पृ. ५१३ । का सामान | .-तसल्मी से मसबाब वगैरह रखा गया मौर राउंडा ठीक हुमा ।-प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ.१५६ । डेपुटेशन-सभा पुं० [१०] चुने हुए प्रधान प्रधान खोनों को यह मुहा०-डेरा डालना सामान फैलाकर टिकना । ठहरना। मंडली जो जमसाधारण या क्षिसो सभा सस्था की भोर रहना । खेरा पढ़ना=टिकान होना । छावनी पड़ना। उ से सरकार, राजा महाराणा प्रपवा किसी अधिकारी या शासक के पास किसी विषय में प्रार्थमा करने के लिये भेजी (क) भरि घोरासी कोस परे गोपन क डेरा।-सूर जाय । प्रतिनिधि मंडल । विशिष्ट मडल । (शब्द॰) । (ख) पास मेरे इधर उधर भागे। है दुखों का पग हुमा डेरा |-घुमते, पु०४। राडा अखाड़ना-टिकने डेपरावि० [देश०] बहत्या। बाएँ हाथ से काम करवाया। का सामान हटाकर पला जाना। टेवरी -सबा बी. [देश॰] खेत का घव कोना जो जोपने में छूट ३ टिकने के लिये साफ किया इमा पौर छाया बनाया हमा जाता है। कोर। स्थान । ठहरने का स्थान । छावनी। कैंप। उ.-नौबत डेयरी-भज्ञ स्त्री० [हिं० डिब्धी] डिग्बोमाकार का ठीन, चौथे झरहि वह नृपति रन इंदुभी पुनि रही।---रघुराज पावि का एक बरराम जिसमें वेष भरकर रोशमी लिये (शब्द०)।४ खेमा। संवू । छोलदारी । शामियाना। घशी पवाले हैं। डिगी। क्रि०प्र०-खड़ा करना। डेमोक्रेसी-शा बी० [५०] १. वह सरकार या सासनप्रणाली ५ नाचने गामेवालों का चल । मंडली। गोल । ६ मकान । जिसमें राजससा जमसाधारण के हाथ में हो मोर उस सत्ता घर । निवासस्थान । जैसे,—तुम्हारा डेरा कितनी दूर है? या शक्ति का प्रयोग स्वयं या उनके निर्वाचित प्रतिनिधि करें। यह सरकार जो जनसाधारण के अधीन हो। सर्व- - डेरा-- विरहर( - छोटा) खौ० डेरी पायो । सध्य । साधारण द्वारा परिचालित सरकार। घोकसत्ताक पैसे, रेरा हाथ । उ०--(फ) हमें मागे फहमें पाछे, फहमें राज्य | लोकसत्तात्मक राज्य प्रजासत्तात्मक राज्य । २. पहिने डेरे ।-कबीर (शब्द०) (ख) पुर श्याम सम्मुख रति वह राष्ट्र जिसमें समस्त राषसत्ता जनसाधारण के हाथ में हो माना गए मग बिसरि दाहिने रेरे।-सूर (शन्द०)। पौर वह सामूहिक रूप से पा अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों डेरा-सं० [देश॰] एक छोटा जगली पेड़ जिसकी सफेद मोर द्वारा पासप पौर स्पाय का विधान करते हो। प्रजातंत्र । मजबूत लकडी सजावट के समान बनाने के काम में भाती है। १ राजनीतिक और सामाजिक समानता । समाजकी वह विशेष---यह पेड़ पाव, प्रबष, बंगाल तथा मध्य प्रदेश और प्रवस्था जिसमें कुलीन पकुलीन, भनी दरिख, पनी या मदरास में भी होता है। इसे 'परोसी' भी कहते है। इसकी इसी प्रकार का मोर भेद नहीं माना जाता। छाल और पड़ सौप काटने पर पिलाई पाती है। डेमोकट- [म.]. वह जो रेमोक्रेसी या प्रजासता या डेरामा-फ्रि० प्र० [हिं० उर] दे. 'परता'। उ.--जहाँ पुहुप लोकसत्ता के सिद्धांत का पक्षपाती हो। वह पो सरकार को देखत पलि सगू । जिउराहकापत सब भगू!-जायसी ग्र. प्रजासत्ताक या लोकसत्ताक बनाने के सिद्धांत का पक्षपाती (गुप्त), पृ. ३४०। हो। २. वह जो राजनीतिक और प्राकृतिक समानता का डेरावाली-सवा लो. [हि. डेरा+वासी] रखेस। उ०-खेलावन