पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/३१५

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तोड़हयी होड़थी-संक की• [हिं० डाँडा+हाथ ] तलवार (डि.)। है। पंजाब के मेम कुछ इनसे भिन्न होते है और अंगों के होड़हा-मझा पुं० [सं० डुण्डुम ] पानी में रहनेवाला साप । फल मोर जड़ी बूटी खाकर बेचते हैं। ठोड़ी-सहा बौ• [देश॰] एक सता जो पोप के काम में पाती है। २ एक नीच जाति जो मग अवसरों पर मोगों के यहाँ विशेष-वैद्यक के अनुसार यह मधुर, शीतल, नेत्रों को हितकारी, गाती बपाती है। गढी । मीरासी। त्रिदोषनाशक पौर वीर्यवर्धक मानी जाती है। इसे जीवती डोमकौमा--स [हि.सोम+कोमाबड़ी जाति का कौमा भी कहते है। जिसका सारा शरीर काला होता है। डोम काक या डोम डोडो-सहा पुं० [मं०] एक चिडिया जो पर नहीं मिलती। काग नाम भी इसके हैं। विशेष-यह चिरिया मारियस (मिरिच टापू में जुलाई डोमड़ा-सहा पुं० [हिं० होम+(प्रत्य॰)] दे॰ 'मोम' । - १६०१ तक देखी गई पी। इसके चित्र यूरोप के मिन्न भिन्न श्मथान के डोमड़ों तक की नौकाएं।-प्रेमघन॰, भा॰ २, स्पानो में रखे मिलते हैं। सन् १९६६ में इसकी बहुत सी पु. ११३॥ हडियो पाई गई थीं। सगे भारी मोर वेढगे शरीर की डोमसमोटा-सम पुं० [देरा०] एक पहाकी जाति को पीतल ताने चिरिया पी। डोलगल में बत्तख के बराबर होती पी, न पादि का काम करती है। प्रमिक उड़ सकती थी, न मोर किसी प्रकार अपना बघाव डोमनी-सका बी० [हिं० डोम ] १. डोम जाति को स्ली। २. कर सकती थी। मारिपास में यूरोपियनों बसने पर इस डोम की स्त्री। ३. उस नीष जाति की स्त्री जो उत्सवों पर दोन पक्षी का समुल नारा हो गया। गाने बजाने का काम करती है। ये स्लियां गाने चाने के पतिरिक्त कही कहीं वेश्यापूक्ति भी करती है। गोदी-सहा श्री• [सं० देइली ] दे० 'घोड़ी'। उ.-(क) इनके मिलने में डोड़ी पहरा नहीं लगता। -श्रीनिवास ग्र० डोमसाब-संगापुं० [हिं.मसाख] मझोले माकार का एक (नि.), पु. ५। (ख) देसोतारी डोदियाँ गोला करे प्रकार का वृक्ष पिसे पीयर स्म मी कहते हैं। वि. दे. 'गीदार गलार !-बोकी , भा॰ २, पृ० ८७ । सोमा-सा पुं० [देश॰] एक प्रकार का सांप। डोष-संश पुं० [हिं० डूबना ] बाने का भाव । गोता। वकी। डोमाकाग---संका पुं० [सं० द्रोण+काक] दे० 'गेमकोमा'। मुहा०-गोब देना गोता देना। डुबाना । जैसे, कपड़े को ग १ उ.-भेदर पतंग जरै भो तागा। कोइस, भुजइस, में दो तीन डोब देना । कसम को स्याही में डोब देना। मा- फागा।—जायसी प्र०, पु. १६३।। डोबना-क्रि.स.हि. डुवाना ] वकी देना। डुबाना । गतिा डोमिन-सा मी. हि.टोम] १. डोम जाति की स्त्री। २. देना। 30-मागल हो पाछल तारे।-प्राण, पृ० ४६१ मीरासियों की स्वी। दे० 'डोमनी। 30-नटिनी गेमिन डोवा-संका • [हिं० डुबाना ] गोता । सकी। ढादिनी सहनायन परकार। निरखत नाद विनोद सो विहंसत मुहा०-डोब देना या भरना हुवाना। गोता देना। जैसे, सेलत नार -बायसी (सन्द०)। परेको रग में होगा देना, कलम को स्याही में डोबा देना। डोमीनियन-मो• [40] १. स्वतत्र सासन या सरकार। डोभरी-सका सी• [देश॰] ताजा महमा । २. स्वतत्र शासनवाला देश या साम्राज्य । पैसे, ब्रिटिष्ट होम-संग पुं० [सं० डम, देशी दुव, जॉब [बी. डोमिनी, डोमीनियन । ३. उपनिवेश । अधिराज्य । उ०-पर भारत को सन् १९३५ के अधिनियम द्वारा मीनियन का वर्षा नहीं मेमनी] १. अस्पृश्य मोध जाति जो पंजाब से लेकर बंगाल तक सारे उत्तरी भारत में पाई जाती है। यह देखो मिसा या । -भारतीय, पृ० २६ । होम लोगों ने सूखे गले सडे फूलों की माला गगा में से पकड यौ०---डोमीनियन स्टेट - अधिराज्य का दरजा । भोपनिवेक्षिक परकर रेवी को पहिना दी है और फफन की ध्वजा लगा राज्य का पद। दो है।-भारतेंदु प्र०, भा० १, पु० २६७ । डोर-समय बी[सं०] १.मेरा। तागापागा। रस्सी । सूत। विशेष-स्मृतियो में इस जाति का उल्लेख नहीं मिलता। विल उ०-गीठिगेर नैना दही, छिकि रूप रस तोय । मयि मो मरस्यसूक्त तत्र में माँ को अस्पृश्य खिखा है। कुछ लोगों घट प्रीतम लियो मन नवनीत बिलोय!-रसनिषि (चम्प.)। का मत है कि ये ओम बौख हो गए थे और इस धर्म का २ पतंग या गुडी उड़ाने का मांझेदार तागा। ३. सिलसिला। सरकार इनमें अब तक बाकी है। इसमें कोई सवेह नहीं कि कतार । ४ प्रवसंब । सहारा । लगाव । किसी समय यह जाति प्रबल हो गई थी, और की स्थान मुहा०-डोर पर सगाना = रास्ते पर खाना। प्रयोजनसिदि रोमों के अधिकार में मा गए थे। गोरखपुर के पास डोमन- मनुकुल करना । दर पर खाना । प्रवृत्त करना। परचाना। गढ़ का किला गेम राजापो का वनवाया हुमा पा । पर मन डोर भरना-कपड़े किनारे को कुछ मोड़कर उसके भीतर यह जाति प्राय निकष्ट को ही के द्वारा अपना निर्वाह करती तागा भरकर सोना । फलीता लगाना । डोर मजबूत होना - है। मवान पर शव जलाने के लिये माग देना, शव के ऊपर जीवन का सूत्रप होना। घिदगी बाकी रहना । डोर होना- का कफन सेना, सूप, डले मादि बेषना पापक डोमों का काम मुग्म होना । मोहित होना । घट्ट होना । वि० दे० 'डोरी'।