पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/३२०

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यौढ़, ब्यौदा १६ ड्यौढ़, ड्यौड़ा-सभा पं० [हिं० रे ] [ वि० सी० पीढी ] १. प्रस्तुत करनेवाला। जैसे,-ट्राफ्ट्समैन ने मकान का नक्शा एक मोर माया अधिक । 30-वह जिसके न, दून ४योढ़, इंजीनियर के पास भेजा। पौन वो वेदों में है सत्य, साम ।-माराधना, पृ०२०। दाम-सहा . [ ] पानी भादि द्रव पदार्थों को नापने का एक स्यौदी-शा० [हिं० डयोदिया] द्वारपाल । योनीदार। मोबी मान को तीन माशे बराबर होता है। दरखान। उ-सोमा स्यौड़ी प्रीत सवाई।-रा० ० शामा-सबा पुं० ] १. रंगमंच पर पात्रों या नों का प्राकृति, हाव भाव, वचन मादि द्वारा किसी घटना या धमका सम-सहा पुं० [१०] १. एक प्रकार का अंगरेजी शाजा हो। प्रवर्शन । रगमंच पर किसी घटना या घटनामो का प्रदर्शन। नगाड़ा। २ ढोल जैसे माकार का बड़ा पात्र या पीपा। पभिनय । २ वह रचना जिसमें मानव जीवन का चित्र मकों डाउंग-सधा स्त्री० [.] रेखामों के द्वारा अनेक प्रकार की पौर गर्माकों मादि में चित्रित हो। नाटक | पाकृति बनाने की कला । सकीरों से मित्र या माकृति बनाने डिक-सा [ .] मद्यपान । 1.-कैसाश ने कहा पहले दिक की विद्या। घले, फिर खाना मंगाया पायगा।-सन्यासी, पृ. ३४० । साइंगरूम- jo r.] बैठने का कयरा। जिस कमरे में सिमस . .] बहत से सिपाहियों या लड़कों को कर मानेवालों को बैठापा पाप । 3.--उनी मिये ड्राइंगम प्रकार कम से परे होने, चलने, अंग हिलाने मादिकी पनाकर सजाना पड़सा है!-प्रेषयम, मा. २,१.७७ । नियमित शिक्षा। कवायर। वैसे,-स्कुस मे दिल नहीं डाइवर-सहा . [40] नाही कोया पाषामा । जैसे, होती। रेल का ड्राइवर । यो०-दिस मास्टर-कवायद सिखानेवासा शिक्षक। डाई प्रिंटिंग-या श्री.[प्र.] सूखी छपाई। छापेखाने में वह नाट--सबा पुं० [40] जंगी जहाज का एक भेद को साधारण छपाई जो भिगोएप सूखे कागज पर की जाती है। जंगी जहाजों में राहत मधिक बड़ा, शक्तिशाली भौर भीषण विशेष--इस प्रकार की छपाईकागवकी चमक नहीं जाती होता है। पौर छपाई साफ होती है। लेन- पुं० [0] नगर के गरे पानी के निकास का परनाला। डान-वि० [.] बराबर। हारषोतशूम्य । उ०-वाजी ट्रान मोरी। गंदगी के बहाववाली नाली। रही।-गोदान, पृ. १३२॥ इस- पुं० [म.] पोपाठ वेशभूषा । ड्राप-संक्षा पुं० [4.] राबिदु । २. दे० 'झाप सीन, ट्रेस करना-कि. स. [4. इस+हि. करना ] घाव में दवा डाप सीन-सज्ञा पुं० [१०] १. नाचतामा या पिएटर रंगमंच धादिभरकर बापना। मरहम पट्टी करना। पत्थर पारि पामै का परवा जो माठक का एक धक पूरा होने पर को पिकना और सुगेल करना । ३ बाल छोटना। निराया पाता है। पवनिया। ट्रेगून-सम . [पं... सवार । सिपाही । ड्राफ्ट-4 (01. पविया । पोबा। परी । वैसे विशेष-पहले इंगूव पैदल चौर सवार दोनों का काम देते थे। प्रपोजका आपट वैपार कर कमियी में मेष विपा गया । २. पर प्रब दे सवार ही होते हैं। चेक । हंगे। २ रिसाने का नौकर । ३. कूर या उद्दर व्यक्ति । जगली ड्राफ्ट्समैन-सा पुं० [40] नक्शा बनानेवाला । स्थूल मानचित्र मावमी। ४. पखदार सौपा साक्ष नाग। 69 ढ---हिंदी वर्णमाला का चोपदा न्यजन और स्वयं का पोथा पधर । इसका उच्चारण स्थान मना है। डंक सक्ष पुं० [सं• पापाटमा, हि. हाक पजाम पा घिरल की एक किस्म । ०-बरी घो धरती ठावठिावी पराम जरे तेहि ठावा।-पदमावत, १.१७) ढंकना-संशा माणहितमा ] दे. ढंकना-कि. . [सं० छादय, प्रा०या० डक, ढंक] . 'तकमा' 130-(क) पिमरत के पुरुष नहिं पकिय । प्रथौराण देखत सिर ढकिय 1-पृ० रा०, ११७१४। (ख) समझि दासि सिर पर तिन ढंक्ो।-पु. रा.६१1०१९ उकील-संशनी.हि-देकना ] उकना। पाच्छादन । उ०- बेद फतेन न सांगी बाणी। सब ढकी वणि भायी।- गोरस, १०२। ढ@t- off. हाफ पनाश । डाक । उ-वनी बान पन पनी वेषी रनबन हस। सउजहि उन सब रो पखिहि सन सब परा-बायसी (शाम्ब०) । ढंग--8 [२० तन, तब (पाल, पति ?)]! किया। प्रणाली । शैली । बारीति ।औरघरोका । जैसे,-(क) बीमने पालने का ढग, बैठने उठने का उग) {) जिस ठग से सुम काम करते हो यह बहस अच्छा है। २. प्रकार। माति । तरह । किस्म । ३. रचना प्रकार बनावट । गड़न डांचा। जैसे,—वह गितास और ही ढंग का है। ४.