पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/३९१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

तलाशना २०३७ सलोदरी क्रि०प्र०—करना । होना। दी। २ तलछट तलौछ।३ पैर को एडी11४.विवाह २. मावश्यकता । चाह। में वर वधू के मासन के नीचे रखा हुमा रुपया पैसा । कि०० होना। तलीचरैया-पका स्त्री० [हिं० ताल+परेया ('चरनेवाला)] तलाशना क्रि० स० [फा० तलाय+हि. ना (प्रत्य॰)] एक पक्षोविशेष। 10-धोबइन, तलीचरैया, कौडेनी, चवा ढूंढना । खोजना। इत्यादि ।-प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ. ३० । तलाशा-बच्चा सौ. [सं०] एक प्रकार का वृक्ष । तलुआ-संशा पुं० [हिं०] दे०० तलवा'। तलाशी-मंशा श्री० [फा०] गुम की हुई या छिपाई हुई वस्तु को तलुआ-सञ्ज्ञा पुं० [हिं० ] दे० 'तालू। पाने के लिये घर वार, चीज, वस्तु आदि की देखभाल । वलुन-संज्ञा पुं० [सं०] १ वायु । २. युवा पुरुष । जैसे—पूलिस ने घर की तलाशी ली, तब बहुत सी चोरी की वलुन-वि• [वि०स्त्री० तनुनी] युवा । तरुण [फो। चीजें निकली। तलुनी-सी० [सं०] युवती । तरुणी (को०] । महा०—तलाशी देता = गुम या छिपाई हुई वस्तु को निकालने के तले-मिक वि[सं० तलनीचे। ऊपर का उलटा । जैसे, पेड़ के तले। लिये सदेह करनेवाले को अपना घर वार, कपड़ा लत्ता धादि महा०--तुले ऊपर-(१) एक के ऊपर दूसरा । जैसे,-किताबों टूढ़ने देना । तलाशी लेना= गुम या छिपाई वस्तु को निकालने को तले ऊपर रख दो। (२) नीचे की वस्तु ऊपर-मोर के लिये ऐसे मनुष्य के घर वार मादि की देखभाल करना जिस ऊपर की वस्तु नीचे। उलट पलट किया हपा । गड मह । पर उस वस्तु को छिपाने या गुम करने का संदेह हो। जैसे,—सब फागज लगाकर रखे हुए थे; तुमने तले ऊपर तलासा-सा स्त्री. [ फा० तलाश ] दे० 'तलाश'। उ०-तुलसी कर दिए । तले ऊपर के = मागे पीछे है। ऐसे वो जिनमें से दिना तलास पास मग ना सगी। हिंदू तुरक पे जबर लाप एक दूसरे के उपरांत हुमा हो । जैसे,—ये तले ऊपर के लड़के जम की जो जगी।-तुरसी श०, पृ. १४३ । हैं। इसी से लहा करते हैं। -(स्त्रियों का विश्वास है कि ऐसे लड़कों में नहीं बनती।)। तले ऊपर होना=(१) उलट तलिका-शा स्ली [सं०] १ तोपड़ा। २. तंग [को०] । पुलट हो जाना । (२) संमोग में प्रवृत्त होना।बी तसे वलित्-सा स्त्री० [सं०] दे० 'तहित्' [को॰] । ऊपर होना= (१) बी मचलाना। (२) जी ऊबना। चित्त तलित'-सा पुं० [सं०] मुना हुमा मांस [को०] । घबराना । तले की सांस तले और ऊपर की सांस पर रह तलित-विधी या चिकने के साथ भुना हुमा । तला हुमा । जाना = (१) ठरू रह जाना । स्तब्ध रह जाना । कुछ कहते विशेष-यह पान्द संस्कृत नहीं जान पड़ता, संस्कृत ग्रंथों में सुनते या करते घरते न बन पड़ना। (२) भौषक रह इसका उल्लेख नहीं मिलता। केवल भावप्रकाश में मुने हुए जाना । हक्का बक्का रह जाना। चकित रह जाना । तले की मास के लिये भाया है। दुनिया कपर होना%D(१) भारी उलट फेर हो जाना। (२) जो चाहे सो हो बाना। असंभव से प्रसंभव बात हो तलित-वि• तन युक्त (को०] ! जाना । जैसे,-चाहे तले की दुनिया ऊपर हो जाय, हम मन तलिन-वि० [सं०] १. दुवला । क्षीण । दुर्वल । धही न जायेंगे। (मावा चौपाए के) ले बच्चा होना- यो तलिनोदरी-क्षीण कटिवाली स्त्री। साथ में थोड़े दिनों का बच्चा होगा । जैसे,—इस गायतले २ विरल । पितराया हुमा। मग मनग। ३ थोडा कम । एक बछडा है। ४ साफ । स्वच्छ । शुद्ध। ५ नीचे या तल में स्थित (को०)। नलगा- (१०) | वलेक्षण-सक्षा पुं० [सं०] शूकर । सूपर। ६ माच्छादित । ढका हुमा (को०)। तलेटी-सबा खी० [सं० तल+ हिं० एटी (प्रत्य०)] १. पेंदी । २. तलिन --मुन्ना स्त्री० [सं०] शय्या । सेज । पलंग। पहाय के नीचे की भूमि । तलहटी। तालिम-सद्धा पुं० [सं०] १. छन । पाटन । २ शय्या । पलंग । तनेर-वि० [सं०] १ नीचे रहनेवाला। २ हीन । तुच्छ । गया ३. खङ्ग। ४ चंदवा । ५ बड़ी छुरी या पुरा (को०)। गुजरा। ३ किसी द्वारा शासित । जमीन का पक्का फर्श (को०)1 तलेचा-सञ्चा पुं० [हिं० तले ] इमारत में मेहराब से ऊपर का तलिया--पशा स्त्री० [३० तल ] समुद्र की थाह । -(हिं.)। पौर छत से नीचे का भाग। तलिया--पुक्षा स्त्री० [हिं० ताल 1 छोटा तालाव। उ०—मान- तलेटी-सहा स्त्री॰ [हिं० तलहटी] दे॰ 'तलेटी' । उ०-एक गांव पहार सरोवर की कथा वकुला का जाने। उनके चित तलिया बसे, की तलेटी में तो दूसरा उसको ढलवान पर। फूलो०, पृ०७। कहो कैसे माने ।-कदीर श०, मा० ३, पृ०४ । तलेया-सचा स्त्री० [हिं० ताल ] छोटा ताल । तखियार-सका पुं० [देशी] कोतपाल । मगररदाफ । तलोदर---वि० [सं०] [वि॰ स्त्री. तलोदरी] तौदवाला [को॰] । सली-सहा स्त्री० [सं० तल ] १. किसी वस्तु नीचे की सतह। तक्षोदरी--सहा स्त्री० [सं०] स्त्री मार्या ।