पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/४०८

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वाना में कुशल मा। धीरे धीरे इसकी ख्याति बढ़ने भगी। पहले क्रि. --तानना ।-फेलाना। यह भाट राजा रामपर अलापरबार मे नौकर २ बरी, कालीन बुनने का करपा । हमा। कहा जाता है, वहाँ इसे करोड़ों रुपए मिस 1 डा. ताना-क्रि. स.[ हि० ताव+ना (प्रत्य)] १. वाव देना। हीम लोदी ने इसे अपने यहां बहुत बुलाना पाहा पर यह नहीं तपाना । गरम करना। 80-(क) कर कपोल प्रतर माह गया। पंत में प्रकार ने रापसिंहासन पर बैठने के यस वर्ष पावत मति उसास तन ताइए (चन्द०)। (ब) देव दिश्चापति पीछे इसे अपने दरबार में समानपूर्वक बुलाया। जिस दिन कपन सो तन औरन को मन तावै भगोनी-देव (शब्द॰) । पहले पहल इसने अपना गाना बादशाह को सुनाया, बादशाह २ पिघलाना। जैसे, घी ताना। ३. तपाकर परीक्षा ने इसे दो लाख रुपए दिए । पावसाह के दरबार में पाने के करना (सोना मादि धातु)। ४ परीक्षा करना। जांधना। कुछ दिन पीछे यह ग्वालियर जाकर पौर मुहम्मद गौस नामक माजमाना। एक मुसलमान फकीर से कलमा पढ़कर मुसलमान हो गया। सब से यह मियो तानसेन के नाम से प्रसिद्ध हमा। इसके ताना क्रि० स० [हिं० तावा, तवा ] गीली मिट्टो, माटे मादि से ढक्कन चिपकाकर किसी घरतन का मुह बंद करना। मुसलमान होने से सबंध में एक जनश्रुति है। कहते हैं, पहले पादचाह के सामने यह गाता ही नहीं था। एक दिन मदना । उ.-तिन पवनन पर दोप निरतर सुनि भरि भरि वादशाह ने अपनी कन्या को इसके सामने खड़ा कर दिया। तावो । तुलसी (शब्द॰) । उसके सौंदर्य पर मुग्ध होने के कारण इसकी प्रतिमा विकसित ताना-मा पुं० [अ० तनहा वह लगती हुई बात जिसका हो गई और इसने ऐसा पूर्व गाना सुनाया कि धादशाहजादी भयं कुछ छिपा हो। माक्षेप वाक्य । बोली ठोली। भी मोहित हो गई। मकबर ने दोनों का विवाह कर दिया। व्यंग्य । कटाक्ष। २. उपालम | गिला (को०)। ३ निवा । तानसेन की मृत्यु के सबंध में भी एक भलौकिक घटना प्रसिद्ध है। बुराई (को०)। कहा जाता है कि इसकी मद्वितीय शक्ति को देखकर दरबार कि०:०---ना!-मारना। मोर गवैए इससे जला करते थे और इसे मार डालने के यल में मुहा०-ताने देना-व्यय करना । कटु दात कहना । उ- रहा करते थे। एक दिन सबने मिलकर यह सोचा कि यदि मुंह खोल के दर्द दिल किसी से कह नही सकती कि हमजो- तानसेन दीपफ राग गावे तो मापसे माप भस्म हो जायगा। लियो ताने देंगी।-फिसाना०, भा० ३, १० १३३ ।। इस परामर्श के अनुसार एक दिन सव गवैयों ने दरबार मे दीपक पाई-सपा सी० [हिं० जाना-पाई (ताने का सूत फैलाने राग की बात छेड़ी। बावशाह को मत्यव उत्कंठा हुई मौर उसने दीपक राग गाने के लिये कहा । सब गवैयों ने एक स्वर का ढोचा) ] पार बार किसी स्थान पर पाना बाना । उसी से कहा कि तानसेन के सिवा दीपक राग और कोई नहीं गा प्रकार लगातार फेरे लगता जिस प्रकार जुखादे ताने का सूत पाई पर फैलाने के लिये लगाते हैं। सकता। तब यादशाह ने तानसेन को प्राज्ञा दी। सानसेन ने बहुत कहा कि यदि भाप मुझे चाहते हो तो धीपक रागन तानाबाना-सया पुं० [हि. ताना-बाना ] कपड़ा बुनने में गयावें । जय बादपाह ने न माना तब उसने अपनी लरकी को संबाई पोर चौड़ाई के बल फेलाए हप मूत। मलार राग गाने के लिये पास ही पैठा लिया जिसमें दीपक मुहा०-ताना बाना करना-व्यथं इधर से उधर माना जाना । राप से प्रज्वलित प्रग्नि का मलार राप वारा शमन हो जाय । हेरा फेरी करना। दीपक राग गाते हो दरारके सब बुझे हुए पीपक जल ठे तानारीरी-सशास्त्री [हिं० तान+मनु० रीरी ] साधारण गाना । पौर तानसेन भी जलने लगा। तब उसको लरकी ने मलार राग भलाप। राग का । पर अपने पिता की दुर्दशा देख उसका सुर बिगड़ तानाशाह-सका [फा०]१ पबुल हसन बादशा का दूसरा गया भोर तामसेन जलकर मस्म हो गया। उसका शव ग्वालि- यर में ले जाकर दफन किया गया। उसकी काके पास एक नाम । यह वादशाह स्वेच्छाचारी था।२ ऐसा शासक जो इमली का पेड़ है। भाज दिन भी गए इस कय पर पाते हैं मनमाने ढंग से शामन करता हो और शासितों के हित का मौर इमली के पत्तों को पाते हैं। उनका विश्वास है कि ध्यान न रखता हो । निरंकुश शासक । ३ स्वेच्छारी व्यक्ति। मनमाने ढग से पोर जोर जबर्दस्ती काम करनेवाला मादमी। इससे ठरस उत्पन्न होता है। पवैयों में तानसेन का यह तक समान है कि उसका नाम सुनते ही वे अपने कान पकडते तानाशाहीसा बी० [हि तानाशाह ] स्वेच्छाचारिता । मन है। तानसेन का बनाया हुमा एकप भी मिला है। मानी। जोर जबर्दस्ती। उ.-जातीय जनतात्रिक सयुक्त ताना'-समा [हि. सानना] १ कपड़े की बुनावट में वह सूत मोर्चा काग्रेसी सरकार की तानाशाही को समाप्त करने तथा जो सबा बल होता है। वह सार या सूत जिसे जुमाहे देश को विदेशी हस्तक्षेप से बचाने के निमित्त खड़ा हुमा था। कपड़े की संबाई के मनुसार फैलावे. 30-मस जोलहा -नेपाल०, पृ.१८९। कर मरम न जाना। जिन जग माह पसारस ताना ।—कबीर तानी'-मक्षा सी.[हिं० ताना कपड़े की चुनावट में वह सूत जी सहाई के बल हो। यौ--वामा पाना। वानी-सहा स्त्री [हिं० तानना ] अंगरखे या पीली मादि की