पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/४२१

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वारा २०१७ तारिणी ५ सिर में पौधने का पीरा। ५ राजा हरिश्चंद्र की पत्नी का पातशबाजी। ३. एक प्रकार का कपड़ा (को०)। ४. एक। नाम । तारामती (को०)। ६ बौद्धो की एक देवी (को०)। प्रकार का शिव का मदिर (को०)। तारा:-सहा पुं० [हि.] दे॰ 'ताला'। उ०-हिय मंडार नग तारामंदर-सहा पुं० [सं० तारामण्डूर ] वैद्यक में एक विशेष प्रकार प्राहि पो पूजी। खोलि जोम तारा के कूजी।-बायसी का मडूर जो भनेक द्रव्यों के योग से बनता है। पं. (गुप्त), पृ० १३५।। तारामँडल@-समा [सं० तारा+ हि० महल ] तारा बूटी की छपाईवाला एक वस्त्र। १० तारामंडल पहिरि मल चोला। मुहा०-तारा मारना= ताला बंद करना । 30-ता पाछे वह भरे सीस सब नखत प्रमोना ।—जायसी न०, पृ० ८० । ब्राह्मन ने अपने बेटा को घर में मंदि घर को तारयो मारयो। -दो सौ वावन०, भा० १, पु० २७६ । तारामती-सहा को [सं०] राजा हरिश्चन्द्र की पत्नी जिसका तारा नाम भी है (को०)। तारा-सा पुं० [सं० ताल ( = सर)] तालाब। तारामृग-सा पुं० [सं०] मृगशिरा नक्षत्र । ताराकुमार-का पु० [से. तारा+कुमार] १ तारा का पुत्र, मगद। वारमैनक-सपा पुं० [सं०] दर्शन मात्र से होनेवाला प्रेम [को०)। २. चंद्रमा का पुत्र वुध जो तारा के गर्भ से उत्पन्न हुमा है। तारायण-समा पु० [सं०] १ प्राकाश । २ वट का पेड (को०)। ताराकट-सा पुं० [सं०] फलित ज्योतिष में वर कन्या शुभाणुम तारायण@-सक्षा पुं० [सं० तारा+गण ] तारफसमूह । तारे । फल को सूचित करनेवाला एक फूट जिसका विचार विवाह 3.-जू सारायण मीली सो चंद, गोवल माहि मिलइ ज्यु' स्पिर फरने के पहले किया जाता है। गोव्यद।-बी० रासो०, पृ० ११३ । ताराक्ष-संज्ञा पुं० [सं० ] तारकाक्ष दैत्य ! तारारि-सा पुं० [सं०] विटमाक्षिक नाम की सपधातु । वारागण-सया पुं० [सं०] नक्षत्रसमूह । तारो का समूह । तारालि-सशास्त्री० [सं०] तारो की श्रेणी। तारकपक्ति । उ०- ताराग्रह-सहा . [ सं०] मगल, बुध, गुरु, शुक्र भोर धनि इन तृण, तरु से तारालि सत्य है एक अखडित!-ग्राम्या, पाच ग्रहों का समूह । (वृहत्साहिता)। पु०००। ताराचक्र-मंशा पुं० [स. तारा+चक ] दीक्षा मन्त्र के शुभाशुभ फल तारावर्षे-सचा पुं० [सं०] उल्कापात (को० ॥ ___ का निर्णायक एक तात्रिक चक्र [को०] । तारावती-सधा नी० [सं०] एक दुर्गा [को०] । ताराज---सा पुं०- [फा. .. लूटपाट । लूटमार । -(लश०)। तारावली-सधा बी० [सं०] तारवपक्ति । तारों का समूह [को०] । २. नाश । घ्वस । विनाश । वरवादी। तारि-सक्षा स्त्री० [हिं०] दे० 'ताली'। उ०-वाल नाचे दारिदै दै कि प्र.-करना।—होना। देत पहुत बनाय !--भारतेंदु ६०, भा॰ २, पृ० ५१० । तारात्मक नक्षत्र-संघा पुं० [सं०] धाकाण में क्रांतिवृत्त के उत्तर तारिक'-सया पुं० [सं०] १. नदी प्रादिपार उतारने का माराया पोर दक्षिण मोर के तारों का समूह जिनमें प्रश्विनी, भरणी महसूल । उतराई। २ नदी से माल को पार करवाने मोर मादि हैं। कर वसूल करनेवाला कर्मचारी। 10-घाट पर तारिक नामक कर्मचारी नियुक्त किया जाता था जो माल को पार ताराधिप-सपा पुं० [सं०] १ बद्रमा । २ शिव । ३. बृहस्पति । उतारने में सहायता करता तथा उचित टैक्स वसूल करता ४ वालि । ५. सुपीव । था ।-पू० म० मा०पू० १३०1३ मल्लाह (को०)। ताराधीश-सशा पुं० [हिं० ] दे० 'ताराधिप । तारिक -वि० [म.] सकं करनेवाला। रयागी। त्याग तारानाथ-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १ चद्रमा। २. बृहस्पति । ३ बालि। करनेवाला। छोड्नेवाला। 30-महकारी। घमढी (को०)। ४ सुग्रीव । यो०-तारिके दुनिया = ससार से विरक्त। तारिके खजात- तारापति-यश पुं० [ मं०] ३. 'तारानाय'। सांसारिक पानद का त्याग करनेवाला । निस्पह। वारापथ-सक्षा पुं० [सं०] प्राकाथ! तारिका-सा स्त्री० [सं०] ताड़ी नामक मद्य । तारापोड़-सया पुं० [सं० तारापीड] १ चंद्रमा। २. मत्स्य पुराण तारिका'-- सहा स्त्री॰ [सं० तारका] १. दे० 'तारका'13.-तारिका के अनुसार अयोध्या के एक राजा का नाम । ३. कारमौर के दुरानी, तमधुर बोले, थवन भनक परी ललिता के वान की।- एक प्राचीन राजा का नाम । सूर (शब्द०)। २ सिनेमा में काम करनेवाली अभिनेत्री। ताराभ-सश [म.] पारद पारा । पभिनेत्री। ३ तारीख। ताराभूपा-सहा सौ. [ से ] रात्रि । रात। तारिका -सहा मी [सं० ताडका ] दे॰ 'तारका' 130-तरुनि तारान-सभा पुं० [सं०] कपूर । नाम तारिका ग्यान हरि परसी राम। -पु. रा०, २०२६७ । तारामडल-सज्ञा पुं० [सं० तारामण्डल] १. नक्षत्रों का समूह या तारिणी'--वि० खी• [सं०] १. तारनेवाली। उवार करनेवाला घेरा। उ.-नाचते ग्रह, तारामडल, पलक में उठ गिरते २४८ हाथ लवी, ५ हाथ पौड़ी पौर ४३ हॉप ऊो नाव। प्रतिपक्ष ।-अनामिका, पू. ६३1२ एक प्रकार की तारिणी-सयाली तारा देवी। वि.०'तारा'