पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/४८७

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२१५ तेल तेरेस-सा श्री. सं० त्रयोदश] किसी पक्ष की तेरहवीं तिथि। त्रयोदशी। तेरेसि -सच स्त्री० [सं० त्रयोदयी ] दे० 'तेरस'। उ०-तेरसि तिपि ससि सम्मर पथ निसि समि दसा मोरि भेलि -विद्या पति, पु.१७८। रह-वि० [सं० त्रयोदश, प्रा. तेदह, पदमा० ठेरस ] षो गिनती में दस से तीन अधिक हो। दस पोर तीन । १०-कासी नगर भरा सब झारी । तेरह उत्तरे भौजल पारी। -पट, ५.२६ तेरा-मा० दस से तीन मधिक की संख्या मोर उस संख्या का सूचक को इस प्रकार लिखा जाता है.-१३। तेरहवा-वि० [हिं० तेरह+वा (प्रत्य॰)] दस पौर तीन के स्थान- वाला । क्रम में तेरह के स्पान पर पड़नेवाला । जिसके पहले बारह पोर हो। तेरही-सही [हिं० तेरह+ई(प्रत्य॰)] किसी मरने दिन से पपवा प्रेतकर्म को तेरहवीं तिपि, जिसमें पिंडदान पौर ब्राह्मण मोचन करी दाह करनेवाला और मृतक के घर में मोग शुद्ध होते हैं। तेरा-म०म० तेस्तव)+हि. रा (प्रत्य॰)] [ी तेरी] मध्यम पुरुष एकवचन की षष्ठी फा सुचक सर्वनाम शब्द। मध्यम पुरुष एकवचन सष कारक सर्वनाम । तू का सवध कारक रूप। उ०-तू नहिं मानन देति माली री मन तेरों मानने को करत ।-नद००, १० ३६८। मुहा०-तेरी सी-तेरे लाभ या मतलब की रात। तेरे अनुकूल बात। 3.-कसीस ईस जो को खीस होत देखियत, रिस काहे लागति कहठ तो हो तेरी सो।-तुलसी (शब्द॰) । विशेप-शिष्ट समाज में इसका प्रयोग बड़े या परावरवाले के साम नहीं होता बल्कि अपने से छोटेखिये होता है। तेरा - हि.] २० तेरह ।२०-घद्रमा मिथुन को तेरा १३ प्रस, मनि लग्न में देह होगी।-६. रासो०, पृ० ३० । तेरिज-सश. [म.तिरा1१. खुलासा । स्पष्ट। २. सार । संक्षेप । उ०-तत्त को तैरिज वैरिज घुधि की।-धरनी०, तेलंग- पुं० [Eि12. 'मग'। छ.-तेमणा वगा बोच कनिगा रामापुत्त मडोमा :-कीति०, पृ. ४८ । तेल-सक्षा पु० [सं० तैल ] १. वह विकमा तरल पदार्थ जो बीजों वनस्पतियों प्रादि से किसी विशेष क्रिया द्वारा निकाला जाता है भपवा मापसे माप निकलता है। यह सदा पानी से हलका होता है, उसमें धुल नहीं सकता, भलकोहल मे घुल जाता है। अधिक सरदी पाकर प्राय जम जाता है पोर मग्नि के सयोग घे घूमा देकर जल जाता है। इसमें कुछ न कुछ गष भी होती है। चिकना । रोगन । विशेष-तेस तीन प्रकार का होता है-मसूण, १ जानेवाला पौर सनिज । मसृण तेल वनस्पति मौर जतु दोनों से निकलता है। वानस्पत्य मसृण वह है जो बाजों या दानो पादिको कोल्हू में पेरकर या दबाकर निकाला जाता, जैसे, तिल, सरसों, नीम, परी, रडी, कुसुम पावि का तेस । इस प्रकार का तेल दौमा बलाने, साबुन और वानिश बनाने, सुगषित कर सिर या शरीर में लगाने, खाने की चीजें उसने, फलों मादि का पपार डामने पोर इसी प्रकार के मौर दूसरे कामों में माता है। मशीनों के पुरजों में उन्हे घिसने से बचाने लिये भी यह डाला जाता है। सिर में लगाने के चमेली, बेले प्रादि के जो सुगधित लेख होते है ये बहुधा तिल के तेल की जमीन देकर ही बनाए जाते। भिन्न भिन्न तेलों के गुण मादि भी एक दूसरे से भिन्न होते हैं। इसके अतिरिक्त पने प्रकार के पूक्षों से भी मापसे भाप तेल निकलता है जो पीछे से साफ कर लिया जाता है, जैसे,-तारपीन मादि। जज तेल जानवरों की परबी का तरल पश है और इसका व्यवहार प्राय पोषष केप में ही होता है । जैसे, साप का तेल, धनेस का तेब, मगर का तेल प्रादि। उड़ जायेवाला वेल वह है जो वनस्पति के मिन भिन्न भयो से भभके द्वारा उतारा जाता है। जैछ, जपायन का तेध, वाइपीन का तेल, मोम का तेल, हींग का तेल प्रादि। ऐसे तेन हवा सगने से सुख या उर पाते हैं और इन्हें खौलाने के लिये बहुत अधिक गरमी की मावश्यकता होती है। इस प्रकार के तेल के शरीर में लगने से भी कभी कुछ पलन भी होती है। ऐसे तेलों का ध्यपहार विषायती पौषषों और सुगषों पादि में बहुत अधिक कता से होता है। कभी कभी वारनिय या रप भादि बनाने में भी यह काम माता है । खनिज तेल वह है जो केवल खानों या जमीन में लोदे हुए बड़े बड़े गड्डों में से ही निकलता है। पैसे, मिट्टी का तेल (देखो मिट्टी का तेल' मौर 'पेट्रोलियम मादि। भाजकस सारे संसार मे बहुधा रोशनी करने और मोटर (जिन) पलाने में इसी का व्यवहार होता है। मायुर्वेद में सर प्रकार के तेलों को वायुनाशक माना है। वैधक के अनुसार पारीर में तेल मलने से कफ मोर वायु का नाम होता है, धातु पृष्ट होती है तेज बढ़ता है, चमड़ा मुलायम रहता है, रंग हिलता है और वित्त प्रसन्न रहता है। पर तलवो में तैश मलने से अच्छी तरह नीद माती है और मस्तिष्ठ तेरस -सम्रा पु .] दे० 'त्योरुस। तेरस-सबा श्री. ३० [हिं०] 'तेरस' । तेह-वि० [हिं० तरना] तैरनेवाला। 30-इसो तेरू कवण फारसा उदय, लछीवर कवण नरपान लामै ।---रघु..., १०२६७ । तेरी-प्राय [हिं० ते ] से। उ.--(0) तक प्रभु को पवनसुत तेरे । जनकसुतहि पावह ढिग मेरे।--विश्राम (शम्द.)। (ख) यहि प्रसार सब वृन्तन तेरे। भेटि भेटि पूछ प्रभु हेरे ।-वियाम (गन्द०)। तेरो.-सर्व. हि.] दे० 'तेरा'। १०-तेरो मुख पदा चकोर मेरे नैना। -(शब्द॰) ।