पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/४९

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जवानबदी जवादराज जादराज -मि. [फा० जर्यादराज़ ] दे० 'जवानदराज'। जवान बद फरना = (१) चुप होना । (२) बोलने से रोकना। (३) विवाद में हराना । जयान वर होना = (१) मुंह से जाँदराजी--सपा स्त्री० [फा० जादराजी] दे॰ जबानदराजी'। पशब्द न निकलना । (२) विवाद में हार जाना। निग्रह स्थान जवादानी--सा स्रो• [फा. जादानी ] किसी भाषा का पाहित्य . 'तान विगढना=(१) मुहले अपशब्द निकलने या पूर्ण न । उ.-लखनऊवाले, जिन्हे अपनी जादानी का अभ्यास होना। ३ मुंह का स्वाद इस प्रकार सराग का पशि न है।प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ० ४०६ । होना कि खाने की कोई चीज अच्छी न लगे। (३) अयान जवान--सक्षा 10 [फा० जवान][वि० जवानी] | १ जीम । जिह्वा । चटोरी होना । पूवान में कांटे पढ़ना-(१) जमान फरना। यौ०- दराज | जबानबदी। निनाचा होना । (२) किसी बात को रुककर एक कहना। जान मुहा०-जपान फतरनी की तरह चलना-धृष्टतापूर्वक अनुचित मे कोडे पना-अनुचित कथन या मिथ्या भाषण पर पशुभ अनुचित बातें कहना। उ०--ऐसी विठाई से खुदा समझे कि कामना । जवान मे खुजली होना = झगडे की प्रमिलापा होना। दोनों की जबान कतरनी की तरह चल रही है !--फिसाना, अब न में लगाम न होना - अनुचित पास कहने का अभ्यास भा. ३, पु० ३६६ । जवान को लगाम देना = अपना कथन होना। सोच समझकर बोलने के अयोग्य होना । जवान समाप्त करना । चुप हो जाना । उ०-बस बस जरी जवान को रोकना = (१) जबान पकड़ना । (२) चुप करना । षबान लगाम दी।—फिसाना०. भा०३, पृ.३। जबान माना = समालना मुह से मनुचित शब्द न निकलने देना। सोच किसी घुप्पे मावमी का पढ़कर बातें करना । उत्तर प्रत्युत्तर समझकर घोलना । जबान सीना । दे. 'मुह सीना'। जबान करना। उ०---शान छुदा, बेजबानों को भी हमारे लिये जवान निकालना = उच्चारण होना। घोला जाना। जबान से पाई।—फिसाना०, भा० ३, पृ० २७४ । बवान खींचना %D निकलना = उच्चारण करना। कहना । जयान हिलाना 3 बहुत अनुचित या धृष्टतापूर्ण बातें करने के लिये कठोर दंड बोलने का प्रयत्न करना । मुह से शब्द निकालनना । दबी देना । जवान खुमना%3D (१) मुह से याप्त निकालना । जबान से बोलना या कहना=कमजोर होकर घोलना । (२) बच्चों का बोलने लगना। बोलने में समर्थ होना । प्रस्पष्ट रूप से बोलना। इस प्रकार से बोलना जिससे सुनने- जबान खुलझाना = टेढ़ी सीधी कुछ कहने को विवश करना । वालों को उस बात के सबध मे सदेह रह जाय । बदजवानी = जचान खुपक होना- पिपासित होना। प्यास से प्राकूल अनुचित और पशिष्ट बात । बरवान = जो बहुत अच्छी होना । जबान बोलना = मुंह से बात निकालना । घोलमा । तरह याद हो। कठस्थ । उपस्थित । वेजबान = जो अधिक जबान घिस जाना या घिसना = कहते कहते हार जाना। न बोलता हो । वहुन सीधा। बार बार गहना । जबान चलना = (१) मुह से जल्दी जल्दी २. जबान से निकला हा शब्द । वात । बोल । जैसे-मरद की शब्द निकलना । (२) मुह में मनुचित शब्द निकलना। एक जवान होती है। (३) खाया जाना । मुह चलाना। जवान चलाना = (१) मुहा०-जबान बदलना - कही हुई बात से फिर जाना। दे० । वोलना, विशेषत जल्दी जल्दी बोलना । (२) मुह से मनुचित 'जवान पलटना। शब्द निकलना। जबान चलाए की रोटी खाना- खुशामद या चापलूमी द्वारा जीवनयापन करना । जवान चाटना = ३ प्रतिज्ञा ! वादा । कोल । करार । ३. मोड चाटना'। जबान टूटना = (बालक का) स्पष्ट मुहा०-जबान देना या हारना=प्रतिज्ञा करना । वचन देना। उपारण भारभ करना । ।जधान गलना = (१) मांगना वादा करना। याचना करमा । (२) पूछना। प्रश्न करना। अवान तक न ४ भापा । बोलचाल । जैसे, उर्दू जवान । हिजना- मौन रह जाना। कुछ न कहना । उ०--इतनी जबानदराज-वि० [फा० जवानदराज़ ] [ सका जबानदरावी] फिरगिनें बैठी है किसी की जान तक नहीं हिली और हम १ जो बहुत सी न कहने योग्य पोर अनुचित बातें कहे। मापस में कटे भरते हैं।-फिमाना०, भा० ३, पृ. ३ । जबान बहुत घृष्टतापूर्वक मनुचित बातें करनेवाला । २ वह बढ़कर थामना या पकडना = बोलने न देना। कटने से रोकना । बातें करनेवाला । मोखी या डींग हांकनेवाला। जयान पर माना = कहा जाना । मुंह से निकलना । ज्वान जबानदराजी---सका श्री० [फा० जवानदराजी] बहत घुश्तापूर्वक पर या में ताला सगना - चुप रहने को विवश होना । जयान पर मुहर लगाना = बोमने या कहने पर रुकावट होता। जशन अनुचित बातें करने की क्रिया या भाव । घटता । दिगई। पर रखना = (१) किसी चीज को थोड़ी माग मे गुस्ताखी। खाकर उसका स्वाद लेना। चखना । (२) स्मरण रखना। जवानवंद-सहा पुं० [फा० जबानवद । १. तावीज या यंत्र। वह याद रखना । जधान पर लाना = मुंह मे कहना । बोलना । ताबीज जो शत्रु की. जबान को रोकने के लिये सिखा जाय । उ.--मरहवा वगैरह जबान पर लाते थे और खुद ही मुक २ वह साक्षी या इजहार जो सिखा हुमा हो । झुक कर सलाम करते थे।—फिसाना, भा. १, पृ०१1 जवानवदी-सज्ञा स्त्री॰ [फा० जवानबदी ] १ किसी घटना मादि जवान पलटना= फहकर बदल जाना । वचन मंग करना। के सबध मे साक्षी म्वरूप वह कयन जो लिख लिया जाय । जबान पर होना=हर दम याद रहना। स्मरण रहना । लिखा जानेवाला इजहार । २. मौन । चुप्पी।