पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/४९५

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वोटका २१४१ तोड़मरोड़ सगण (sus HS IS ) होते हैं। जैसे,-ससि सो सखियाँ बिनती करती। टुक मद न हो पग तो परती। हरि के पद पनि हूँढन दे। छिन तो टक लाय निहारन दे। २ शकराचार्य के चार प्रधान शिष्यों में से एक । इनका एक नाम नदीश्वर भी था। तोटका--समा पु० [हिं० दे० 'टोटका'। उ.-मौषध भनेक जन मत्र तोटकादि किये वादि भए देवता मनाए अधिकाति है।- तुलसी (पाब्द०)। वोटा-ममा पु० [हिं० ] दे. 'टोटा' उ.-सौदा सतगुरु तूं किया राम नाम घन काज । लाभ न कोई चेहगे तोटा सबही भाज । -राम. धर्म०, पृ०५२। , तोठा-सर्व० [हिं० तो+ठा (प्रत्य॰)] तम्हारा। उ०-हुवम सूर तोठा गांव सोला की लिपावटि । शिखर, पृ० १०६ । तोड़- सना ० [हिं० तोडना] १. तोहते की क्रिया या भाव (क्व०) । २. किले की दीवारों प्रादि का वह प्रश जो गोले की मार से टूट फूट गया हो। ३. नदी पादि के जल का तेज बहाव । ऐसा वहाव जो सामने पहनेवाली चीजो को तोड़ फोड़ दे। ४. कुश्ती का वह पंच जिससे कोई पूसरा पेंच रद्द हो। किसी दांव से बचने के लिये किया हुमा वाव । ५ किमी प्रभाव प्रादि को नष्ट करनेवाला पदार्थ या कार्य। प्रतिकार । मारक। जैसे--अगर वह तुम्हारे साथ कोई पाजीपन करे तो उसका तोड़ हमसे पूछना । यौ---तोड जोर 1 तोड फोड । ६ दही का पानी । ७ चार । दफा । झोंक। जैसे,—पहुंचते ही वे उनके साय एक तो सड़ गए । विशेष-इस अर्थ में इस पाब्द का प्रयोग ऐसे ही कार्यों के लिये होता है जो बहुत मावेशपूर्वक या तत्परता के साथ किए जाते हैं। तोड़क-विहि . तोड+फ (प्रत्य॰)] तोड़नेवाला । जैसे, जाति पांत तोड़क महल ! तोड़ जोड़---सा पुं० [हिं. तो+जोड] दांव पेंच । चाल । युक्ति । २ अपना मतलव सापने के लिये किसी को मिलाने और किसी को अलग करने का कार्य। चट्टे बट्टे लडाकर काम निकालना। क्रि० प्र०--मिसना । गाना। तोड़न--पज्ञा पुं० [म तोडन फाड़ना। विभाजित करना। २ चियडे चिथड़े करना । ३ माघात या चोट पहुंचाना । ताड़ना--क्रि० स० [हिटनाभाषात या झटके से किसी पदार्थ के दो या अधिक खर करना । भग्न, विभक्त या खरित करना । टुकडे करना। जैसे, गन्ना तोडना, लकड़ी तोडना, रस्सी तोड़ना, दीवार तोड़ना, दावात तोड़ना, बरतन तोडना, बधन तोड़ना। विशेप---इस प्रर्य मे इस शब्द का व्यवहार प्राय फड़े पदार्थो के लिये प्रथवा ऐसे मुलायम पदार्थों के लिये होता है जो सूठ के रूप मे लबाई में कुछ दूर तक चले गए हों। संयो०क्रि--हालना-देना । यौ-तोडा मरोडी। २. किसी वस्तु के मग को भयवा उसमें लगी हुई किसी दूसरी वस्तु को नोच या काटकर, मथवा मौर किसी प्रकार से मलग करना । जैसे, पत्ती फूल या फल तोडना, (कोट में लगा हुमा) बटन तोड़ना, जिल्द तोडना, बात तोडना । संयो.क्रि.---डालना !-देना 1-लेना। मुहा०-वोडना =मार डालना। समाप्त कर देना। उ०- उस पाज ने कबूतर को पकडकर तोर शला। --कबीर मं., पु. ४५५। ३ किसी वस्तु का कोई मंग किसी प्रकार खंहित, मान या बेकाम करना। जैसे, मशीन का पुरजा तोडना, किसी का हाय या पैर तोड़ना। ४. खेत में हल जोतना (व० ।। ५ सेंष लगाना।६ किसी स्त्री के साथ प्रयम समागम करना। किसी का कुमारीत्व भग करना। ७. बल, प्रभाय, महत्व, विस्तार मादि घटाना या नष्ट करना । क्षीण, दुर्बल या मशक्त करना। जैसे,—(क) बीमारी ने उन्हें बिलकुल तोड दिया। (ख) युद्ध ने उन दोनो देशो को तोड़ दिया। (ग) इस कुएं का पानी तोट दो। ८ खरीदने के लिये किसी चीज का दाम घटाकर निश्चित करना। जैसे, वह तो १५०) मांगता था पर मैंने तोडकर १००)पर ही ठीक कर लिया । १. किसी संगठन, व्यवस्था या कार्यक्षेत्र मादि को न रहने देना अपवा नष्ट कर देना। किसी चलते काम कार्यालय प्रादि को सब दिन है लिये बंद करना । जैसे, महकमा तोड़ना, कपनी तोड़ना, पद तोडना, स्कूल तोडना। १० किसी निश्चय या नियम मादि को स्थिर या प्रचलित न रखना । निश्चय के विरुद्ध माचरण करना अथवा नियम का उल्लघन करना। बात पर स्थिर न रहना । जैसे, ठेका तोडना, प्रतिज्ञा तोड़ना । ११ दूर करना । मलग करना। मिटा देना। बना न रहने देना । जैसे, सवध तोड़ना, गवं तोडना, दोस्ती तोडना, सगाई तोड़ना । १२ स्थिर या द न रहने देना । कायम न रहने देना। जैसे, गवाह तोड़ना। सयो० क्रि०-डाला।--देना। मुहा०-..-कलम तोड़ना = २० 'कलम' के मुहा० । कमर तोड़ना = दे० 'कमर' के मुहा० । किला या गढ़ तोड़ना-दे० 'गढ़ के मुहा० । तिनका तोड़ना = दे० तिनका' के मुहा०। पैर तोडना = दे० 'पैर' के मुहा०। मुंह तोड़ना = दे० 'मुह मुहा० । रोटियाँ तोडना = दे० 'रोटी के मुहा० । सिर तोडना = दे० 'सिर' के मुहा०। हिम्मत सोहना-दे० हिम्मत' के मुहा० । तोड़फोड़-सहा षौ. [ हि. तोडना+फोड़ना ] नष्ट करने की क्रिया। नए करना । खराब करना । तोड़मरोड़-सद्या बी० [हिं० तोडना+मरोड़ना |१तोड़ने मरोडने का काय । २.गलत पर्य लगाना । कुतकं मे भिन्न प्रर्य सिद्ध करना ।