पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ४.pdf/५०३

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तौहीद दौर्य-सबा पुं० [सं०] १. ढोल मंजीरा मादि दाजे । २. ढोल मनीरा ४ दो या अधिक वस्तुमों के गुण, मान मादिका परस्पर प्रादिजाना। तुलना करके विचार करना। तारतम्य जानना। मिलान तौर्यत्रिक-सा पुं० [सं० ] नाचना, गाना पौर बाजे बजाना करना। उ०--गए सब राज केते जग माह जो बाह वत्ती बल मादि काम। बोलत है।-सं० दरिया, पृ० ६३। ५ गाड़ी का पहिया विशेष--मनु ने इसे कामज व्यसन कहा है और त्याज्य बत पौंगना । गाड़ी के पहिए में तेल देना। साया है। तौलवाई-संच श्री० [हिं] दे॰ 'ढोलाई। वोच-सम [ सं०] १. तराजू । २. तुला राशि । तौलवाना-क्रि० स० [हि तौलना का प्रे० रूप] तौलने का काम तौल..-सज्ञा स्त्री. १. किसी पदार्थ के गुरुत्व का परिमाण । भार दूसरे से कराना। दूसरे का तौलने में प्रवृत्रा करना। तौलाना । का मान वजन । दे० 'गुरुत्व'। तौला-बापुं० [हिं० वौलना] १. दुष नापने का मिट्टी का बरतन । विशेष-भारत को प्रधान तौल ये है- २. पनाज तौलनेवाला मनुष्य । पया। ३. तंचिया। ४ मिट्टी ४ छटोंक =१ पाव का कमोरा। ५ महर की शराब। १६ टोक१सेर तौलाई-साडी.[हि. तौल+पाई (प्रत्य॰)] १. ठोसने की ५ सेर-१पसेरी क्रिया या भाव। २बह धन जो तौलने बदले में दिया ५ पसेरी या ४० सेर-१ मन जाय । तोषने को मजदूरी। इसे अन्न, तरकारी प्रावि भारी पौर मषिक मान में होने- तौलाना-कि. स० [हिं० तौचना का प्रेस 1 टोलने काम प्रसरे पानी पीने ठोसी बाठी हैं। हलको मौर पोडी चीजें तौलने के लिये इससे छोटो तौल यह है- से कराना। दूसरे को तोलने में प्रवृत्त करना । ८ चावल =१ रत्ती तौलिक सा [सं०] चित्रकार । ८ रत्ती-१ माथा तोलिकिक-सका पु० [सं०1 चित्रकार । १२ माशा-१ तोखा तौलिया-8 श्री० [पं. टावेल] एक विशेष प्रकार का मोटा मंगोया ५ तोला-१छटाक जिससे स्नान भादि करने के उपरात शरीर पोछते है। उपयुक्त टोलों का प्रचलन पर बंद हो गया है। पर तौल दौली'--सका पी० [देश॰] एक प्रकार का मिट्टी की छोटी प्याली। दामिक प्रणाली पर चल रही है, जिसमें वजन किंवटल, २. मिट्टी का बोरे मुहका बड़ा बरतन जिसमे पनाज प्रादि, फिलो अथवा ग्रामों में किया जाता है। इसमें सबसे अधिक विशेषतः गुरु, रखते हैं। वजन की तौल स्विटल है और सबसे कम वजन की तौली-पंच पुं० [सं• तौलिन् ] १. तौलनेवाला। २ तुमाराशि पौल मिलीग्राम। [को०)। २ तोलने की क्रिया या भाव। तौलेया -सहा . [वि. तौलना+ऐपा(प्रत्य॰)] भनाज तोलने- पसिना-क्रि० स० [सं० तोलन ] किसी पदार्थ गुरुत्व का वाला मनुष्य । क्या। परिमाण जानने के लिये उसे तराजु या कौटे पादि पर तौलया। -सहा त्री० [हिं० तोलाई ] तौलने का काम । रखना। वजन करना । जोखना। तौश्य-सज्ञा पुं० [सं०] १ वजन। मार। २ समता। संयो०कि०-गलना।—देना । सादृश्य! मुहा०--तौल तौलकर कदम धरना-सावधानी के साय चलना। चौपार'- पुं० [सं०] १ तुपार का जम । पाने का पानी ।२ इस प्रकार पोरे पलना कि पपने में एक विशेषता पा जाय । हिम । पाला (को०)। ३०-कुछ नाज व पदा से तौल तौसफर कदम धरती है। तौपार-वि० [वि०मी. वीपारी बर्फीला 1 हिमयुक्त [को०] । फिसाना०, भा०३, पृ०२११। किसी का दोलना=किसी तौसन-सबा ० [फा०] घोड़ा । पश्य तुरग । उ०-तोसने उमरे की खुशामद करना। खो दम पर नहीं रुकता 'रसा'।-भारतेंदु०, भा०२, २ समझ बुझकर व्यवहार करना। ऐसा व्यवहार करना कि ६ १०८५.1 किसी प्रकार की गलती न हो। ... तौसना-कि०म० [हिं० तोग] मरमी से बहुव व्याकुल होना। मुद्दा-तौल तौलकर ोलना=प्रत्यद सावधानी के साथ उ.-नाम ये पिलाव विखलाठ पकुलाव प्रति तात हात बोलना। ऐसे बोसना कि किसी प्रकार को पलती न तोषियत झोपियत झारहीं।-तुमसी (शब्द०)। हो जाय। कसा पस्न पादिको चलाने के लिये हाय को इस प्रकार ठीक तासना-क्रि० स०परमी पहुंचाकर व्याकुल करना। न करना कि वह प्रस्त्र पपने लक्ष्य पर पहुँच जाय । साधना। तोहीद-एक स्त्री. [40] एकेश्वरवाद। उ.-महे तौहीद क्या 3.-लोचन मृग सुभग जोर राग रूप मप मोर भौंव हैं मुचकहो पब ।-दक्खिनी०, पृ० ११६ । धनुष सर कटाक्ष सुरति व्याप तोले री।—सूर (शब्द०)। यो०-तौहीदपरस्त = एकेश्वरवादी। ४-६२